शाजापुर में शरद पूर्णिमा पर बांटा खीर का प्रसाद:मां राज राजेश्वरी मंदिर में रात 12 बजे हुई महाआरती; श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
शाजापुर में शरद पूर्णिमा पर बांटा खीर का प्रसाद:मां राज राजेश्वरी मंदिर में रात 12 बजे हुई महाआरती; श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
शरद पूर्णिमा के अवसर पर शाजापुर शहर में विभिन्न आयोजन किए गए। इसी कड़ी में बुधवार रात 12 बजे मां राज राजेश्वरी की विशेष महा आरती की गई। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आए। आरती के बाद खीर का प्रसाद वितरण किया गया। आपको बता दे कि आश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत बरसाते हैं। मान्यता है कि इस अमृत वर्षा में रखी गई खीर का प्रसाद ग्रहण करने से विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है, वही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पर्व को लेकर शहर भर में विभिन्न आयोजन किए गए। वहीं बुधवार रात ठीक 12 बजे प्रसिद्ध मां राजेश्वरी माता की विशेष आरती की गई। जिसमें श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म का लाभ लिया। इस दौरान आरती के बाद महाप्रसादी का भी वितरण किया गया। मंदिर पुजारी पं.आशीष नागर जानकारी देते हुए बताया शरद पूर्णिमा का उत्सव बुधवार रात 12 बजे मां राज राजेश्वरी मंदिर में बनाया गया। वर्ष में दो बार माता की आरती रात 12 बजे की जाती है। पंडित आशीष नागर ने यह भी कहा कि तिथियों के हेर फेर के चलते शहर में गुरुवार को भी कई स्थानों पर शरद पूर्णिमा का महोत्सव मनाया जाएगा।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर शाजापुर शहर में विभिन्न आयोजन किए गए। इसी कड़ी में बुधवार रात 12 बजे मां राज राजेश्वरी की विशेष महा आरती की गई। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आए। आरती के बाद खीर का प्रसाद वितरण किया गया। आपको बता दे कि आश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत बरसाते हैं। मान्यता है कि इस अमृत वर्षा में रखी गई खीर का प्रसाद ग्रहण करने से विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है, वही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पर्व को लेकर शहर भर में विभिन्न आयोजन किए गए। वहीं बुधवार रात ठीक 12 बजे प्रसिद्ध मां राजेश्वरी माता की विशेष आरती की गई। जिसमें श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म का लाभ लिया। इस दौरान आरती के बाद महाप्रसादी का भी वितरण किया गया। मंदिर पुजारी पं.आशीष नागर जानकारी देते हुए बताया शरद पूर्णिमा का उत्सव बुधवार रात 12 बजे मां राज राजेश्वरी मंदिर में बनाया गया। वर्ष में दो बार माता की आरती रात 12 बजे की जाती है। पंडित आशीष नागर ने यह भी कहा कि तिथियों के हेर फेर के चलते शहर में गुरुवार को भी कई स्थानों पर शरद पूर्णिमा का महोत्सव मनाया जाएगा।