संस्कृत यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह; 2361 छात्रों को उपाधि:आचार्य बालकृष्ण और डॉ. संध्या पुरेचा को डी.लिट. की मानद उपाधि
संस्कृत यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह; 2361 छात्रों को उपाधि:आचार्य बालकृष्ण और डॉ. संध्या पुरेचा को डी.लिट. की मानद उपाधि
उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की। समारोह में सत्र 2022-23 और 2023-24 के कुल 2361 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। विश्वविद्यालय ने योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में योगदान के लिए पतंजलि योग विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण को डी.लिट. की मानद उपाधि दी। इसी के साथ नृत्य और नाट्यशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए केंद्रीय संस्कृत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा को भी डी.लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह में 79 मेधावी विद्यार्थियों को विशेष सम्मान मिला। इनमें 5 पीएचडी धारक, 26 स्वर्ण पदक, 25 रजत पदक और 23 कांस्य पदक विजेता शामिल हैं। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, राज्यसभा सदस्य संत उमेश नाथ महाराज और सांसद अनिल फिरोजिया विशेष रूप से उपस्थित थे। भारत को विकसित बनाने की जिम्मेदारी बच्चों पर है राज्यपाल पटेल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल पटेल ने कहा कि 2047 में हमारा विकसित भारत कैसा होगा। इसके लिए सारे शिक्षा जगत की सोच जानने के लिए स्वामी विवेकानंद जयंती पर प्रधानमंत्री ने करीब 3000 विद्यार्थियों के साथ वार्तालाप किया था। बच्चों में देश के लिए कैसी सोच है, उसे उजागर करने का काम किया है। राज्यपाल ने कहा कि सब बच्चे जो पढ़ते है और दीक्षा लेते है, उन सभी की जिम्मेदारी है कि समाज को हम सबको मिलकर ऊपर उठना है और 2047 में हम सबको विश्व में भारत का नाम हो ऐसा विकसित भारत बनाना है। विकसित भारत बनाने के लिए बच्चों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक प्रदान किए दीक्षांत समारोह में सत्र 2022-23 में उत्तीर्ण 1349 स्नातकों तथा सन 2023-24 में उत्तीर्ण हुए 1012 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इस दौरान 79 विद्यार्थियों को राज्यपाल मंगूभाई पटेल द्वारा स्वर्ण, रजत, तथा कांस्य पदक के साथ उपाधियां प्रदान की है। इनमें पीएच डी.के 5, स्वर्ण पदक से 26, रजत पदक से 25 और कांस्य पदक प्रदान कर 23 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की। समारोह में सत्र 2022-23 और 2023-24 के कुल 2361 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। विश्वविद्यालय ने योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में योगदान के लिए पतंजलि योग विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण को डी.लिट. की मानद उपाधि दी। इसी के साथ नृत्य और नाट्यशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए केंद्रीय संस्कृत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा को भी डी.लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह में 79 मेधावी विद्यार्थियों को विशेष सम्मान मिला। इनमें 5 पीएचडी धारक, 26 स्वर्ण पदक, 25 रजत पदक और 23 कांस्य पदक विजेता शामिल हैं। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, राज्यसभा सदस्य संत उमेश नाथ महाराज और सांसद अनिल फिरोजिया विशेष रूप से उपस्थित थे। भारत को विकसित बनाने की जिम्मेदारी बच्चों पर है राज्यपाल पटेल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल पटेल ने कहा कि 2047 में हमारा विकसित भारत कैसा होगा। इसके लिए सारे शिक्षा जगत की सोच जानने के लिए स्वामी विवेकानंद जयंती पर प्रधानमंत्री ने करीब 3000 विद्यार्थियों के साथ वार्तालाप किया था। बच्चों में देश के लिए कैसी सोच है, उसे उजागर करने का काम किया है। राज्यपाल ने कहा कि सब बच्चे जो पढ़ते है और दीक्षा लेते है, उन सभी की जिम्मेदारी है कि समाज को हम सबको मिलकर ऊपर उठना है और 2047 में हम सबको विश्व में भारत का नाम हो ऐसा विकसित भारत बनाना है। विकसित भारत बनाने के लिए बच्चों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक प्रदान किए दीक्षांत समारोह में सत्र 2022-23 में उत्तीर्ण 1349 स्नातकों तथा सन 2023-24 में उत्तीर्ण हुए 1012 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इस दौरान 79 विद्यार्थियों को राज्यपाल मंगूभाई पटेल द्वारा स्वर्ण, रजत, तथा कांस्य पदक के साथ उपाधियां प्रदान की है। इनमें पीएच डी.के 5, स्वर्ण पदक से 26, रजत पदक से 25 और कांस्य पदक प्रदान कर 23 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।