मार्केटिंग कर्मचारी ने अगरबत्ती ऑर्डर कर मार्केट में बेची:9 लाख रुपए कंपनी को नहीं लौटाए, मालिक ने दर्ज कराया गबन का केस
मार्केटिंग कर्मचारी ने अगरबत्ती ऑर्डर कर मार्केट में बेची:9 लाख रुपए कंपनी को नहीं लौटाए, मालिक ने दर्ज कराया गबन का केस
इंदौर के चंदन नगर थाने में अगरबत्ती कंपनी के मार्केटिंग कर्मचारी के खिलाफ उसके मालिक ने गबन की शिकायत दर्ज कराई है। कर्मचारी पर आरोप है कि उसने वॉट्सऐप और मोबाइल पर कॉल कर लाखों का माल ऑर्डर कर बाजार में दिया। 9 लाख रुपए खुद ही रख लिए, कंपनी में जमा नहीं कराए। पुलिस अब आरोपी की तलाश कर रही है। चंदन नगर पुलिस के मुताबिक, जंगमपुरा निवासी पुनीत जैन की शिकायत पर राजा विश्वकर्मा निवासी रामानंदनगर के खिलाफ गबन का केस दर्ज किया गया है। पुनीत ने पुलिस को बताया कि शुभ लाभ एजेंसी के नाम से स्कीम नबंर 71 में उनकी कंपनी का ऑफिस है। राजा सेल्स के काम पर आया था। वह मार्केट से ऑर्डर लेता, इसके बाद कंपनी में ऑर्डर करता था। हर 15 दिन में हिसाब-किताब होता था। इसकी एंट्री रजिस्टर में की जाती थी। वह कारखाने पर माल लेने खुद आता और कभी-कभी घर पर भी माल भेजने की बात करता। फर्म के कर्मचारी कपिल पंजारे और अर्जुन मीणा के जरिए उस तक माल भिजवाया जाता था। जीएसटी के नाम से दिया झांसा
पुलिस के मुताबिक, राजा ने एक दिन उनसे कहा कि वह उनसे रेगुलर माल लेता है। बिलिंग करने पर उसे भी जीएसटी देना होगी। बिना बिल के जीएसटी डिपार्टमेंट को अपना रिकॉर्ड कैसे दिखाएगा। इसके बाद उसने कहा कि जो पेमेंट वह दे, उसकी रजिस्ट्रर में एंट्री कर लें, बाकी बकाया जीएसटी का बिल बनाकर दिया करें। इससे उसे फायदा होगा और आपका हिसाब भी जीएसटी में दिखेगा। पुनीत ने बताया कि जब राजा को माल दिया जाता, तो कुछ न कुछ अमाउंट बकाया रह जाता। इसके बाद काफी अमाउंट बढ़ गया। इस पर राजा से कहा कि रुपए काफी ज्यादा हो गए हैं, पुराना बकाया देने पर ही माल दे पाऊंगा। इस पर राजा ने कहा कि माल मार्केट में दिया है, रुपए नहीं मिले हैं। दूसरा माल देने पर पहले का पेमेंट आता है। अगर नया माल नहीं दोगे, तो पहले का पेमेंट रुक जाएगा। पुलिस का कहना है कि वह रकम डूबने के डर से राजा को माल देते रहे। 1 जनवरी 2021 से 12 दिसंबर 2022 तक राजा ने करीब 23 लाख 74 हजार की अगरबत्ती ले ली। इसके एवज में राजा उसने 14 लाख 62 हजार रुपए दिए। इसमें कुछ भुगतान कैश और कुछ ऑनलाइन किया। बकाया 9 लाख 10 हजार रुपए रोक दिए। माल लेना किया बंद
इसके बाद राजा ने माल लेना बंद कर दिया। इसकी जानकारी पुनीत को नहीं दी। उन्होंने बताया कि राजा से कई बार रुपए मांगे, उसने कहा कि सारी रकम दे चुका है, किसी तरह का हिसाब नहीं बचा।
इंदौर के चंदन नगर थाने में अगरबत्ती कंपनी के मार्केटिंग कर्मचारी के खिलाफ उसके मालिक ने गबन की शिकायत दर्ज कराई है। कर्मचारी पर आरोप है कि उसने वॉट्सऐप और मोबाइल पर कॉल कर लाखों का माल ऑर्डर कर बाजार में दिया। 9 लाख रुपए खुद ही रख लिए, कंपनी में जमा नहीं कराए। पुलिस अब आरोपी की तलाश कर रही है। चंदन नगर पुलिस के मुताबिक, जंगमपुरा निवासी पुनीत जैन की शिकायत पर राजा विश्वकर्मा निवासी रामानंदनगर के खिलाफ गबन का केस दर्ज किया गया है। पुनीत ने पुलिस को बताया कि शुभ लाभ एजेंसी के नाम से स्कीम नबंर 71 में उनकी कंपनी का ऑफिस है। राजा सेल्स के काम पर आया था। वह मार्केट से ऑर्डर लेता, इसके बाद कंपनी में ऑर्डर करता था। हर 15 दिन में हिसाब-किताब होता था। इसकी एंट्री रजिस्टर में की जाती थी। वह कारखाने पर माल लेने खुद आता और कभी-कभी घर पर भी माल भेजने की बात करता। फर्म के कर्मचारी कपिल पंजारे और अर्जुन मीणा के जरिए उस तक माल भिजवाया जाता था। जीएसटी के नाम से दिया झांसा
पुलिस के मुताबिक, राजा ने एक दिन उनसे कहा कि वह उनसे रेगुलर माल लेता है। बिलिंग करने पर उसे भी जीएसटी देना होगी। बिना बिल के जीएसटी डिपार्टमेंट को अपना रिकॉर्ड कैसे दिखाएगा। इसके बाद उसने कहा कि जो पेमेंट वह दे, उसकी रजिस्ट्रर में एंट्री कर लें, बाकी बकाया जीएसटी का बिल बनाकर दिया करें। इससे उसे फायदा होगा और आपका हिसाब भी जीएसटी में दिखेगा। पुनीत ने बताया कि जब राजा को माल दिया जाता, तो कुछ न कुछ अमाउंट बकाया रह जाता। इसके बाद काफी अमाउंट बढ़ गया। इस पर राजा से कहा कि रुपए काफी ज्यादा हो गए हैं, पुराना बकाया देने पर ही माल दे पाऊंगा। इस पर राजा ने कहा कि माल मार्केट में दिया है, रुपए नहीं मिले हैं। दूसरा माल देने पर पहले का पेमेंट आता है। अगर नया माल नहीं दोगे, तो पहले का पेमेंट रुक जाएगा। पुलिस का कहना है कि वह रकम डूबने के डर से राजा को माल देते रहे। 1 जनवरी 2021 से 12 दिसंबर 2022 तक राजा ने करीब 23 लाख 74 हजार की अगरबत्ती ले ली। इसके एवज में राजा उसने 14 लाख 62 हजार रुपए दिए। इसमें कुछ भुगतान कैश और कुछ ऑनलाइन किया। बकाया 9 लाख 10 हजार रुपए रोक दिए। माल लेना किया बंद
इसके बाद राजा ने माल लेना बंद कर दिया। इसकी जानकारी पुनीत को नहीं दी। उन्होंने बताया कि राजा से कई बार रुपए मांगे, उसने कहा कि सारी रकम दे चुका है, किसी तरह का हिसाब नहीं बचा।