शाह बोले-31 मार्च 2026 से पहले करेंगे नक्सलवाद का खात्मा:गृहमंत्री ने नक्सलियों से कहा- शस्त्र छोड़िए, विकास के रास्ते पर आइए​​​​​​​

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम में कहा कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करेंगे। जैसे ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त होता है, देशभर में नक्सलवाद का खत्म हो जाएगा। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने बहादुरी के साथ 1 साल में खत्म करने का संकल्प लिया है। शाह ने नक्सलियों से अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बहुत अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है। मुख्यधारा में आप शामिल हो जाइए। हथियार छोड़ दीजिए। विकास के रास्ते पर आ जाइए। नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी शाह ने कहा कि सरकार बदलने के बाद से टॉप 14 नक्सली न्यूट्रलाइज हुए हैं। 4 दशकों में पहली बार नागरिकों और सुरक्षाबलों के मृत्यु के आंकड़े में कमी आई है। 10 साल में नक्सलवाद पर नकेल कसी गई। पुलिस ने 1 साल में छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों से नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी की है। राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में पुलिस प्लाटून की सलामी ली। इस दौरान शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा। जहां धर्म गुरुओं ने मंत्रों के साथ ध्वज का स्वागत किया। कार्यक्रम में शाह और CM विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति के निशान को सलामी दी। राष्ट्रपति पुलिस कलर ध्वज में बस्तर की संस्कृति को भी दर्शाया गया है, जिसमें गौर, माड़िया सिंह और धान के खेत शामिल हैं। ध्वज के ऊपर और नीचे 36 किले दर्शाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक है यह फ्लैग छत्तीसगढ़ राष्ट्रपति के इस फ्लैग को हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है। छत्तीसगढ़ 2025 में अपने सिल्वर जुबली ईयर में प्रवेश कर रहा है। इससे ठीक पहले राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस सेवा को मिलने वाला यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। स्टेट पुलिस के सर्विस रिकॉर्ड को लंबे समय तक ऑब्जरवेशन पर रखे जाने के बाद राष्ट्रपति की ओर से यह सम्मान दिया जाता है। त​​​​​​स्वीरों में देखिए राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान क्यों दिया गया? भारत के सशस्त्र बलों और पुलिस संगठनों को उनकी स्पेशल सर्विस और कर्तव्य के प्रति बेहतरीन समर्पण के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान 'राष्ट्रपति का प्रतीक चिन्ह' है। हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान दिया गया है। यह सम्मान नक्सलवाद और अन्य चुनौतियों से निपटने में राज्य पुलिस के अद्वितीय प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देता है। छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान क्यों? 1. नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष: छत्तीसगढ़ लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पुलिस ने दुर्गम क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों का डटकर सामना किया है और सफलतापूर्वक शांति बहाल की है। उनके अभियानों में साहस, समर्पण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा मेल देखने को मिला। 2. सामुदायिक पुलिसिंग: छत्तीसगढ़ पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आदिवासी युवाओं को रोजगार, शिक्षा और पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं चलाईं। इसके जरिए पुलिस ने आम जनता और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास कायम किया। 3. आधुनिक तकनीक और विशेष बल: छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी अभियानों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। विशेष बल, जैसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG), ने माओवादियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। कलर्स अवॉर्ड परेड के बाद जगदलपुर रवाना हो जाएंगे शाह शाह राष्ट्रपति पुलिस कलर्स अवॉर्ड परेड में शामिल होने के बाद जगदलपुर रवाना हो जाएंगे। आज दोपहर 3 बजे शाह जगदलपुर पहुंचेंगे। यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले इंदिरा प्रियदर्शनीय स्टेडियम में बस्तर ओलिंपिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। सरेंडर किए गए नक्सली, नक्सल हिंसा पीड़ित और शहीद परिवार से मुलाकात करेंगे। वहीं अमित शाह 24 घंटे अमित शाह बस्तर में ही रहेंगे। इस दौरान हिड़मा के गांव जाने की भी चर्चा है। आज रात जगदलपुर में बिताएंगे। ऐसी चर्चा है कि दूसरे दिन यानी 16 दिसंबर को नक्सली कमांडर हिड़मा या फिर अबूझमाड़ इलाके में जा सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर सुरक्षागत कारणों की वजह से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। 3 दिनों में 9 नक्सली ढेर शाह के बस्तर विजिट को लेकर बस्तर में पुलिस फोर्स अलर्ट मोड पर है। DRG, CRPF, कोबरा, STF, बस्तर फाइटर्स, बस्तरिया बटालियन के हजारों जवानों को तैनात किया गया है। वहीं सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिए गए हैं। शाह के आने से पहले पिछले 3 दिन में जवानों ने 9 नक्सलियों को मार गिराया। हिड़मा के गांव पूवर्ती से आगे गोदिनल्लाकोंडा में सुरक्षाबलों का एक और कैंप स्थापित कर दिया गया है। ऐसी चर्चा है कि अपने प्रवास के दूसरे दिन अमित शाह बस्तर के नक्सल प्रभावित गांवों में जाकर ग्रामीणों से सीधे रूबरू हो सकते हैं। इन 2 जगहों पर जाने की चर्चा, जानिए क्यों बस्तर में जब भी नक्सल का जिक्र होता है तो नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा का नाम भी आता है। पुलिस की वांटेड लिस्ट में भी सबसे पहले हिड़मा का ही नाम है। हिड़मा सुकमा जिले के अति संवेदनशील पूवर्ती गांव का रहने वाला है। वर्तमान में ये नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर है। इस पर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है। कुछ महीने पहले ही हिड़मा के गांव पूवर्ती में उसके घर के नजदीक ही सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। पूवर्ती, टेकलगुडेम समेत आस-पास के इलाके को जवानों ने कैप्चर कर लिया है। हर दिन यहां सैकड़ों जवान सर्च ऑपरेशन पर निकलते हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिड़मा के गांव जाकर उसके इलाके के लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। अमित शाह नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ भी जा सकते हैं। अबूझमाड़ के गांव में इसलिए क्योंकि इस इलाके को नक्सलियों की राजधानी के

शाह बोले-31 मार्च 2026 से पहले करेंगे नक्सलवाद का खात्मा:गृहमंत्री ने नक्सलियों से कहा- शस्त्र छोड़िए, विकास के रास्ते पर आइए​​​​​​​
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम में कहा कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करेंगे। जैसे ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त होता है, देशभर में नक्सलवाद का खत्म हो जाएगा। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने बहादुरी के साथ 1 साल में खत्म करने का संकल्प लिया है। शाह ने नक्सलियों से अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बहुत अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है। मुख्यधारा में आप शामिल हो जाइए। हथियार छोड़ दीजिए। विकास के रास्ते पर आ जाइए। नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी शाह ने कहा कि सरकार बदलने के बाद से टॉप 14 नक्सली न्यूट्रलाइज हुए हैं। 4 दशकों में पहली बार नागरिकों और सुरक्षाबलों के मृत्यु के आंकड़े में कमी आई है। 10 साल में नक्सलवाद पर नकेल कसी गई। पुलिस ने 1 साल में छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों से नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की तैयारी की है। राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड- 2024 कार्यक्रम में पुलिस प्लाटून की सलामी ली। इस दौरान शाह ने राष्ट्रपति पुलिस कलर फ्लैग पुलिस को सौंपा। जहां धर्म गुरुओं ने मंत्रों के साथ ध्वज का स्वागत किया। कार्यक्रम में शाह और CM विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति के निशान को सलामी दी। राष्ट्रपति पुलिस कलर ध्वज में बस्तर की संस्कृति को भी दर्शाया गया है, जिसमें गौर, माड़िया सिंह और धान के खेत शामिल हैं। ध्वज के ऊपर और नीचे 36 किले दर्शाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक है यह फ्लैग छत्तीसगढ़ राष्ट्रपति के इस फ्लैग को हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है। छत्तीसगढ़ 2025 में अपने सिल्वर जुबली ईयर में प्रवेश कर रहा है। इससे ठीक पहले राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस सेवा को मिलने वाला यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। स्टेट पुलिस के सर्विस रिकॉर्ड को लंबे समय तक ऑब्जरवेशन पर रखे जाने के बाद राष्ट्रपति की ओर से यह सम्मान दिया जाता है। त​​​​​​स्वीरों में देखिए राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान क्यों दिया गया? भारत के सशस्त्र बलों और पुलिस संगठनों को उनकी स्पेशल सर्विस और कर्तव्य के प्रति बेहतरीन समर्पण के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान 'राष्ट्रपति का प्रतीक चिन्ह' है। हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान दिया गया है। यह सम्मान नक्सलवाद और अन्य चुनौतियों से निपटने में राज्य पुलिस के अद्वितीय प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देता है। छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान क्यों? 1. नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष: छत्तीसगढ़ लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पुलिस ने दुर्गम क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों का डटकर सामना किया है और सफलतापूर्वक शांति बहाल की है। उनके अभियानों में साहस, समर्पण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा मेल देखने को मिला। 2. सामुदायिक पुलिसिंग: छत्तीसगढ़ पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आदिवासी युवाओं को रोजगार, शिक्षा और पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं चलाईं। इसके जरिए पुलिस ने आम जनता और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास कायम किया। 3. आधुनिक तकनीक और विशेष बल: छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी अभियानों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। विशेष बल, जैसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG), ने माओवादियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। कलर्स अवॉर्ड परेड के बाद जगदलपुर रवाना हो जाएंगे शाह शाह राष्ट्रपति पुलिस कलर्स अवॉर्ड परेड में शामिल होने के बाद जगदलपुर रवाना हो जाएंगे। आज दोपहर 3 बजे शाह जगदलपुर पहुंचेंगे। यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले इंदिरा प्रियदर्शनीय स्टेडियम में बस्तर ओलिंपिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। सरेंडर किए गए नक्सली, नक्सल हिंसा पीड़ित और शहीद परिवार से मुलाकात करेंगे। वहीं अमित शाह 24 घंटे अमित शाह बस्तर में ही रहेंगे। इस दौरान हिड़मा के गांव जाने की भी चर्चा है। आज रात जगदलपुर में बिताएंगे। ऐसी चर्चा है कि दूसरे दिन यानी 16 दिसंबर को नक्सली कमांडर हिड़मा या फिर अबूझमाड़ इलाके में जा सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर सुरक्षागत कारणों की वजह से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। 3 दिनों में 9 नक्सली ढेर शाह के बस्तर विजिट को लेकर बस्तर में पुलिस फोर्स अलर्ट मोड पर है। DRG, CRPF, कोबरा, STF, बस्तर फाइटर्स, बस्तरिया बटालियन के हजारों जवानों को तैनात किया गया है। वहीं सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिए गए हैं। शाह के आने से पहले पिछले 3 दिन में जवानों ने 9 नक्सलियों को मार गिराया। हिड़मा के गांव पूवर्ती से आगे गोदिनल्लाकोंडा में सुरक्षाबलों का एक और कैंप स्थापित कर दिया गया है। ऐसी चर्चा है कि अपने प्रवास के दूसरे दिन अमित शाह बस्तर के नक्सल प्रभावित गांवों में जाकर ग्रामीणों से सीधे रूबरू हो सकते हैं। इन 2 जगहों पर जाने की चर्चा, जानिए क्यों बस्तर में जब भी नक्सल का जिक्र होता है तो नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा का नाम भी आता है। पुलिस की वांटेड लिस्ट में भी सबसे पहले हिड़मा का ही नाम है। हिड़मा सुकमा जिले के अति संवेदनशील पूवर्ती गांव का रहने वाला है। वर्तमान में ये नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर है। इस पर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है। कुछ महीने पहले ही हिड़मा के गांव पूवर्ती में उसके घर के नजदीक ही सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। पूवर्ती, टेकलगुडेम समेत आस-पास के इलाके को जवानों ने कैप्चर कर लिया है। हर दिन यहां सैकड़ों जवान सर्च ऑपरेशन पर निकलते हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिड़मा के गांव जाकर उसके इलाके के लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। अमित शाह नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ भी जा सकते हैं। अबूझमाड़ के गांव में इसलिए क्योंकि इस इलाके को नक्सलियों की राजधानी के नाम से जाना जाता है। यहां कई बड़े कैडर्स के नक्सली हैं। बड़ी बात है कि अबूझमाड़ के इलाके में ही आर्मी का बेस कैंप भी स्थापित किया जाना है। इस लिहाज से इलाके को करीब से देखने और इंडियन आर्मी के बेस कैंप खोलने को लेकर वे इस इलाके में भी जा सकते हैं। माड़ की जमीनी स्थिति, इलाके के लोगों से मुलाकात कर उनसे चर्चा कर सकते हैं। सालभर में खोले गए 25 से ज्यादा कैंप बस्तर को नक्सलियों से मुक्त करने और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद सालभर में बस्तर में 25 से ज्यादा सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित किए गए हैं। इनमें दंतेवाड़ा के नेरली घाटी, कांकेर के पानीडोबरी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, छुटवही, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी, सुकमा के मुलेर, परिया, सलातोंग, टेकलगुडेम, पूवर्ती, लखापाल पुलनपाड़ में कैंप खुले हैं। 2900 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा बस्तर में संभाग स्तरीय बस्तर ओलिंपिक प्रतियोगिता का आयोजन शुक्रवार 13 दिसंबर से शुरू हो गया है। जगदलपुर के इंदिरा प्रियदर्शनीय स्टेडियम में बैडमिंटन, कबड्डी, वॉलीबॉल समेत अन्य गेम्स हो रहे हैं। आज (15 दिसंबर) को समापन है, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह शामिल होंगे। इस बस्तर ओलिंपिक में संभाग के सातों जिले के अलग-अलग खेलों के करीब 2900 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेने पहुंचे हैं। इसका सारा बंदोबस्त जिला प्रशासन की तरफ से किया गया है। प्रशासन की माने तो इस आयोजन में करीब 300 आत्म-समर्पित नक्सली भी हैं। इसके साथ ही नक्सल घटना में दिव्यांग हुए कुल 18 खिलाड़ी, नक्सल हिंसा पीड़ित भी अलग-अलग गेम्स में हिस्सा लिए हैं। ----------------------------- छत्तीसगढ़ में नक्सल वारदातों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... शाह के दौरे से पहले 7 नक्सली ढेर:1 हजार से ज्यादा जवानों ने घेरा; एक साल में बस्तर में 217 नक्सली मारे गए बस्तर में अमित शाह के दौरे से पहले अबूझमाड़ के रेकावाया इलाके में सुरक्षाबलों ने 7 नक्सलियों को मार गिराया है। इनके शव भी बरामद कर लिए गए हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि की है। मारे गए 7 नक्सलियों में 2 महिला और 5 पुरुष हैं। पढ़ें पूरी खबर