छत्तीसगढ़ में आज से स्वास्थ्य सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित:3 दिनों तक नर्सिंग स्टॉफ का आंदोलन, 11 मांगों को लेकर प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ में आज से स्वास्थ्य सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित:3 दिनों तक नर्सिंग स्टॉफ का आंदोलन, 11 मांगों को लेकर प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के सदस्यों ने प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालयों में 29, 30 और 31 दिसंबर को होने वाले निश्चितकालीन आंदोलन के लिए फॉर्म भर दिए हैं। यानी आज से अगले 2 दिन तक नर्सिंग स्टाफ आंदोलन में रहेंगे। यह संघ के चरणबद्ध आंदोलन का चौथा चरण है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि 3 दिन के आंदोलन के बाद भी शासन ने मुख्य मांगों पर संवेदनशीलता नहीं दिखाई, तो प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। जिससे अस्पतालों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित होगा। अति आवश्यक सेवाएं रहेंगी चालू संघ ने स्पष्ट किया है कि गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए आवश्यक संख्या में नर्सिंग स्टाफ सेवाओं में उपस्थित रहेगा। अंबिकापुर चिकित्सालय में प्रशासन के आग्रह पर आंदोलन के बावजूद नर्सिंग संवर्ग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सेवाएं जारी रखीं, जिससे प्रबंधन को राहत मिली। नर्सिंग ऑफिसर्स की 11 प्रमुख मांगें चरणबद्ध आंदोलन का चौथा चरण संघ के अनुसार इससे पहले ज्ञापन सौंपा गया। काली पट्टी लगाकर सेवाएं दी गईं। 15, 16 और 17 दिसंबर को अस्पताल परिसरों में 1 घंटे का सांकेतिक प्रदर्शन किया गया था। इन सभी प्रयासों के बावजूद शासन-प्रशासन द्वारा अब तक मांगों पर चर्चा का कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। उल्टा, चौथे चरण से पहले अस्पताल प्रशासन द्वारा आंदोलन को लेकर पत्र जारी किए गए हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नर्सिंग संवर्ग की स्थिति संघ का कहना है कि चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय तृतीयक और अति आवश्यक सेवाओं में आते हैं। स्टाफ नर्स की न्यूनतम योग्यता 4 वर्ष का BSc नर्सिंग है, लेकिन ग्रेड पे और वेतनमान 1 साल के सर्टिफिकेट कोर्स वाले पैरामेडिकल कर्मियों के बराबर है। संघ का आरोप है कि 10 सालों से नर्सिंग संवर्ग अपने पेशे के सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन समाधान की जगह केवल दमनात्मक कार्रवाई मिली।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के सदस्यों ने प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालयों में 29, 30 और 31 दिसंबर को होने वाले निश्चितकालीन आंदोलन के लिए फॉर्म भर दिए हैं। यानी आज से अगले 2 दिन तक नर्सिंग स्टाफ आंदोलन में रहेंगे। यह संघ के चरणबद्ध आंदोलन का चौथा चरण है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि 3 दिन के आंदोलन के बाद भी शासन ने मुख्य मांगों पर संवेदनशीलता नहीं दिखाई, तो प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। जिससे अस्पतालों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित होगा। अति आवश्यक सेवाएं रहेंगी चालू संघ ने स्पष्ट किया है कि गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए आवश्यक संख्या में नर्सिंग स्टाफ सेवाओं में उपस्थित रहेगा। अंबिकापुर चिकित्सालय में प्रशासन के आग्रह पर आंदोलन के बावजूद नर्सिंग संवर्ग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सेवाएं जारी रखीं, जिससे प्रबंधन को राहत मिली। नर्सिंग ऑफिसर्स की 11 प्रमुख मांगें चरणबद्ध आंदोलन का चौथा चरण संघ के अनुसार इससे पहले ज्ञापन सौंपा गया। काली पट्टी लगाकर सेवाएं दी गईं। 15, 16 और 17 दिसंबर को अस्पताल परिसरों में 1 घंटे का सांकेतिक प्रदर्शन किया गया था। इन सभी प्रयासों के बावजूद शासन-प्रशासन द्वारा अब तक मांगों पर चर्चा का कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। उल्टा, चौथे चरण से पहले अस्पताल प्रशासन द्वारा आंदोलन को लेकर पत्र जारी किए गए हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नर्सिंग संवर्ग की स्थिति संघ का कहना है कि चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय तृतीयक और अति आवश्यक सेवाओं में आते हैं। स्टाफ नर्स की न्यूनतम योग्यता 4 वर्ष का BSc नर्सिंग है, लेकिन ग्रेड पे और वेतनमान 1 साल के सर्टिफिकेट कोर्स वाले पैरामेडिकल कर्मियों के बराबर है। संघ का आरोप है कि 10 सालों से नर्सिंग संवर्ग अपने पेशे के सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन समाधान की जगह केवल दमनात्मक कार्रवाई मिली।