सर्दी पर 3 दिन ब्रेक, तापमान 3 डिग्री तक बढ़ेगा:ग्वालियर, चंबल संभाग में बूंदाबांदी के आसार; 13 जनवरी से कड़ाके की ठंड
सर्दी पर 3 दिन ब्रेक, तापमान 3 डिग्री तक बढ़ेगा:ग्वालियर, चंबल संभाग में बूंदाबांदी के आसार; 13 जनवरी से कड़ाके की ठंड
मध्यप्रदेश में तेज सर्दी पर 2-3 दिन के लिए ब्रेक लगेगा। 11 और 12 जनवरी को ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और जबलपुर संभाग के जिलों में बूंदाबांदी होने के आसार है। वहीं, कोहरा भी रहेगा। 13 जनवरी से कड़ाके की ठंड का दौर फिर शुरू होगा। मौसम विभाग ने 10, 11 और 12 जनवरी को दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है। इसके बाद तापमान में फिर गिरावट होगी। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी से बूंदाबांदी और बादल वाला मौसम रहेगा। बर्फीली हवा से ठिठुर गया पूरा एमपी
बर्फीली हवा चलने से प्रदेश के शहरों में दिन-रात कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पिछली 3 रात से पारा काफी नीचे लुढ़का है। यह दौर तीन दिन के लिए थम जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फ पिघल रही है, जिससे हवा की रफ्तार भी तेज हो गई है। गुरुवार को जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार 250 किमी प्रतिघंटा रही। जनवरी में 20 से 22 दिन शीतलहर
मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है। जनवरी के पहले सप्ताह में कड़ाके की ठंड पड़ी। दूसरा दौर भी ऐसा ही रहा। अगले 4 दिन ऐसा रहेगा मौसम लगातार तीसरी रात प्रदेश में ठंड, पचमढ़ी में 1.9 डिग्री पारा
प्रदेश में लगातार तीसरी रात पारा 2 डिग्री के नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार-गुरुवार की रात में इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 1.9 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले 0.2 डिग्री रहा था। मंडला में 3 डिग्री, उमरिया में 4.1 डिग्री, राजगढ़ में 4.6 डिग्री, मलाजखंड में 4.6 डिग्री और रीवा में 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों में भोपाल में सबसे कम 5 डिग्री रहा। इंदौर में 8.6 डिग्री, ग्वालियर में 6.1 डिग्री, उज्जैन में 6.4 डिग्री और जबलपुर में 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को दिन के तापमान में भी गिरावट रही। नवंबर-दिसंबर में भी रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड
इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। नवंबर-दिसंबर में भी ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर की बात करें तो भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन से शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए। MP के 5 बड़े शहरों में जनवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड... भोपाल में 0.6 डिग्री पहुंच चुका टेम्प्रेचर भोपाल में जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। वहीं, दिन में गर्मी का अहसास और बारिश का ट्रेंड भी है। 18 जनवरी 1935 को रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 0.6 डिग्री रहा था। वहीं, 26 जनवरी 2009 को दिन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 में से 7 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 2 इंच बारिश 6 जनवरी 2004 को हुई थी। वहीं, सर्वाधिक मासिक बारिश 3.8 इंच जनवरी 1948 को हुई थी। इंदौर में माइनस 1.1 डिग्री पहुंच चुका पारा इंदौर में जनवरी में सर्दी का रिकॉर्ड माइनस में पहुंच चुका है। 16 जनवरी 1935 में पारा माइनस 1.1 डिग्री दर्ज किया गया था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 जनवरी 1990 को दिन का तापमान 33.9 डिग्री रहा था। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 6 जनवरी 1920 के नाम है। इस दिन 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, वर्ष 1920 में सर्वाधिक मासिक बारिश 4 इंच दर्ज की गई थी। अबकी बार भी कड़ाके की ठंड पड़ने का अलर्ट है। ऐसे में पिछले साल का टेम्प्रेचर का रिकॉर्ड टूट सकता है। जबलपुर में 1946 को रिकॉर्ड 1.1 डिग्री रहा था पारा जबलपुर में भी जनवरी में ठंड-बारिश का ट्रेंड है। इस महीने सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। 7 जनवरी 1946 को रात का पारा रिकॉर्ड 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, दिन का उच्चतम तापमान 33.4 डिग्री 7 जनवरी 1973 को रहा था। इस महीने बारिश भी होती है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 24 जनवरी 1919 को 2.5 इंच हुई थी। इसी साल पूरे महीने 8 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार मावठा गिरने का अनुमान है। उत्तरी हवा आने से ग्वालियर सबसे ठंडा उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश का ग्वालियर-चंबल सबसे ठंडा रहता है। जनवरी में यहां कड़ाके की ठंड का ट्रेंड है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड देखे तो 2018 में तापमान 1.9 डिग्री और 2019 में 2.4 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 जनवरी 1954 को रात का तापमान माइनस 1.1 डिग्री रहा था। ग्वालियर में जनवरी में बारिश भी होती है। साल 2014 से 2024 के बीच 9 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 8 जनवरी 1926 का है। इस दिन 2.1 इंच पानी गिरा था। वहीं, 1948 को कुल मासिक बारिश 3.1 इंच हुई थी। उज्जैन में जीरो डिग्री रह चुका पारा उज्जैन में भी उत्तरी हवा का असर रहता है। इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। 22 जनवरी 1962 को पारा 0 डिग्री सेल्सियस रहा था। पिछले 10 साल में टेम्प्रेचर 2 से 5.8 डिग्री तक रह चुका है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 11 जनवरी 1987 के नाम है। इस दिन सवा इंच पानी गिरा था। वहीं, सर्वाधिक कुल मासिक 2.2 इंच 1994 को हुई थी।
मध्यप्रदेश में तेज सर्दी पर 2-3 दिन के लिए ब्रेक लगेगा। 11 और 12 जनवरी को ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और जबलपुर संभाग के जिलों में बूंदाबांदी होने के आसार है। वहीं, कोहरा भी रहेगा। 13 जनवरी से कड़ाके की ठंड का दौर फिर शुरू होगा। मौसम विभाग ने 10, 11 और 12 जनवरी को दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है। इसके बाद तापमान में फिर गिरावट होगी। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी से बूंदाबांदी और बादल वाला मौसम रहेगा। बर्फीली हवा से ठिठुर गया पूरा एमपी
बर्फीली हवा चलने से प्रदेश के शहरों में दिन-रात कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पिछली 3 रात से पारा काफी नीचे लुढ़का है। यह दौर तीन दिन के लिए थम जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फ पिघल रही है, जिससे हवा की रफ्तार भी तेज हो गई है। गुरुवार को जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार 250 किमी प्रतिघंटा रही। जनवरी में 20 से 22 दिन शीतलहर
मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है। जनवरी के पहले सप्ताह में कड़ाके की ठंड पड़ी। दूसरा दौर भी ऐसा ही रहा। अगले 4 दिन ऐसा रहेगा मौसम लगातार तीसरी रात प्रदेश में ठंड, पचमढ़ी में 1.9 डिग्री पारा
प्रदेश में लगातार तीसरी रात पारा 2 डिग्री के नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार-गुरुवार की रात में इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 1.9 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले 0.2 डिग्री रहा था। मंडला में 3 डिग्री, उमरिया में 4.1 डिग्री, राजगढ़ में 4.6 डिग्री, मलाजखंड में 4.6 डिग्री और रीवा में 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों में भोपाल में सबसे कम 5 डिग्री रहा। इंदौर में 8.6 डिग्री, ग्वालियर में 6.1 डिग्री, उज्जैन में 6.4 डिग्री और जबलपुर में 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को दिन के तापमान में भी गिरावट रही। नवंबर-दिसंबर में भी रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड
इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। नवंबर-दिसंबर में भी ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर की बात करें तो भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन से शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए। MP के 5 बड़े शहरों में जनवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड... भोपाल में 0.6 डिग्री पहुंच चुका टेम्प्रेचर भोपाल में जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। वहीं, दिन में गर्मी का अहसास और बारिश का ट्रेंड भी है। 18 जनवरी 1935 को रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 0.6 डिग्री रहा था। वहीं, 26 जनवरी 2009 को दिन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 में से 7 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 2 इंच बारिश 6 जनवरी 2004 को हुई थी। वहीं, सर्वाधिक मासिक बारिश 3.8 इंच जनवरी 1948 को हुई थी। इंदौर में माइनस 1.1 डिग्री पहुंच चुका पारा इंदौर में जनवरी में सर्दी का रिकॉर्ड माइनस में पहुंच चुका है। 16 जनवरी 1935 में पारा माइनस 1.1 डिग्री दर्ज किया गया था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 जनवरी 1990 को दिन का तापमान 33.9 डिग्री रहा था। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 6 जनवरी 1920 के नाम है। इस दिन 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, वर्ष 1920 में सर्वाधिक मासिक बारिश 4 इंच दर्ज की गई थी। अबकी बार भी कड़ाके की ठंड पड़ने का अलर्ट है। ऐसे में पिछले साल का टेम्प्रेचर का रिकॉर्ड टूट सकता है। जबलपुर में 1946 को रिकॉर्ड 1.1 डिग्री रहा था पारा जबलपुर में भी जनवरी में ठंड-बारिश का ट्रेंड है। इस महीने सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। 7 जनवरी 1946 को रात का पारा रिकॉर्ड 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, दिन का उच्चतम तापमान 33.4 डिग्री 7 जनवरी 1973 को रहा था। इस महीने बारिश भी होती है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 24 जनवरी 1919 को 2.5 इंच हुई थी। इसी साल पूरे महीने 8 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार मावठा गिरने का अनुमान है। उत्तरी हवा आने से ग्वालियर सबसे ठंडा उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश का ग्वालियर-चंबल सबसे ठंडा रहता है। जनवरी में यहां कड़ाके की ठंड का ट्रेंड है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड देखे तो 2018 में तापमान 1.9 डिग्री और 2019 में 2.4 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 जनवरी 1954 को रात का तापमान माइनस 1.1 डिग्री रहा था। ग्वालियर में जनवरी में बारिश भी होती है। साल 2014 से 2024 के बीच 9 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 8 जनवरी 1926 का है। इस दिन 2.1 इंच पानी गिरा था। वहीं, 1948 को कुल मासिक बारिश 3.1 इंच हुई थी। उज्जैन में जीरो डिग्री रह चुका पारा उज्जैन में भी उत्तरी हवा का असर रहता है। इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। 22 जनवरी 1962 को पारा 0 डिग्री सेल्सियस रहा था। पिछले 10 साल में टेम्प्रेचर 2 से 5.8 डिग्री तक रह चुका है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 11 जनवरी 1987 के नाम है। इस दिन सवा इंच पानी गिरा था। वहीं, सर्वाधिक कुल मासिक 2.2 इंच 1994 को हुई थी।