सरकारी MYH में विशेष तकनीक से ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी:6 घंटे चले ऑपरेशन के बाद मिली नई जिंदगी; सिरदर्द, झटके जैसी थी तकलीफें
सरकारी MYH में विशेष तकनीक से ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी:6 घंटे चले ऑपरेशन के बाद मिली नई जिंदगी; सिरदर्द, झटके जैसी थी तकलीफें
इंदौर के सरकारी एमवाय अस्पताल में एक विशेष तकनीक से महिला की ब्रेन सर्जरी की गई है। यह सर्जरी 6 घंटे रही। इसमें महिला को नया जीवन मिला। उसकी हालत ठीक है। मामला मई के आखिरी हफ्ते का है। एक बुजुर्ग आदिवासी महिला को सिरदर्द, झटके, व्यवहार में परिवर्तन आदि की तकलीफों के कारण एमवायएच के न्यूरो सर्जरी विभाग में एडमिट किया गया। एमआरआई की जांच में सिर के अगले हिस्से में मेनिंजिओमा (Meningioma) ट्यूमर का होना पाया गया। इसमें ब्रेन में गठान के कारण ब्लीडिंग ज्यादा हो रहा था। इस प्रकार की गठान की सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान रिस्क रहती है। इस रिस्क को कम करने के लिए पिछले हफ्ते सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ऑपरेशन के पूर्व गठान को खून सप्लाय करने वाली धमनी को एंबोलाइजेशन की तकनीक से बंद किया गया। इससे गठान के अंदर खून बहना कम हो गया। फिर एमवाय अस्पताल में उसका माइक्रो न्यूरोसर्जिकल तकनीक से ऑपरेशन किया गया। इसमें क्रिकेट की गेंद बराबर गठान को सुरक्षित तरीके से निकाल दिया गया। महिला को पूरी तरह के स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। आयुष्मान योजना में एंबोलाइजेशन और ऑपरेशन पूरी तरह फ्री रहा। एमवाय में पहली बार इस तकनीक से ऑपरेशन डॉ. राकेश गुप्ता (विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी) ने बताया कि एमवाय अस्पताल में पहली बार इस तकनीक से ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया। एंबोलाइजेशन की प्रक्रिया डॉ. अभिषेक कोतवाल द्वारा पूरी की गई। छह घंटे चले ऑपरेशन में डॉ. यश मदनानी और एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. मोनिका गांधी, डॉ. दीपाली वालेचा का विशेष सहयोग रहा।
इंदौर के सरकारी एमवाय अस्पताल में एक विशेष तकनीक से महिला की ब्रेन सर्जरी की गई है। यह सर्जरी 6 घंटे रही। इसमें महिला को नया जीवन मिला। उसकी हालत ठीक है। मामला मई के आखिरी हफ्ते का है। एक बुजुर्ग आदिवासी महिला को सिरदर्द, झटके, व्यवहार में परिवर्तन आदि की तकलीफों के कारण एमवायएच के न्यूरो सर्जरी विभाग में एडमिट किया गया। एमआरआई की जांच में सिर के अगले हिस्से में मेनिंजिओमा (Meningioma) ट्यूमर का होना पाया गया। इसमें ब्रेन में गठान के कारण ब्लीडिंग ज्यादा हो रहा था। इस प्रकार की गठान की सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान रिस्क रहती है। इस रिस्क को कम करने के लिए पिछले हफ्ते सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ऑपरेशन के पूर्व गठान को खून सप्लाय करने वाली धमनी को एंबोलाइजेशन की तकनीक से बंद किया गया। इससे गठान के अंदर खून बहना कम हो गया। फिर एमवाय अस्पताल में उसका माइक्रो न्यूरोसर्जिकल तकनीक से ऑपरेशन किया गया। इसमें क्रिकेट की गेंद बराबर गठान को सुरक्षित तरीके से निकाल दिया गया। महिला को पूरी तरह के स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। आयुष्मान योजना में एंबोलाइजेशन और ऑपरेशन पूरी तरह फ्री रहा। एमवाय में पहली बार इस तकनीक से ऑपरेशन डॉ. राकेश गुप्ता (विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी) ने बताया कि एमवाय अस्पताल में पहली बार इस तकनीक से ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया। एंबोलाइजेशन की प्रक्रिया डॉ. अभिषेक कोतवाल द्वारा पूरी की गई। छह घंटे चले ऑपरेशन में डॉ. यश मदनानी और एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. मोनिका गांधी, डॉ. दीपाली वालेचा का विशेष सहयोग रहा।