राजा से पहले सोनम के और भी दोस्त थे:इंदौर में पड़ोसी बाेले- अड़ियल स्वभाव की है सोनम, उसे लड़कों की तरह रहना पसंद

मेघालय में पति की हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार सोनम को कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। लेकिन इंदौर में सोनम को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। 9 जून को जब सोनम पुलिस के हाथ लगी, तब से उसका परिवार किसी से नहीं मिल रहा। पड़ोसी भी चुपचाप बातें कर रहे हैं। एक पड़ोसी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, सोनम का स्वभाव अड़ियल था। उसे लड़कों जैसा रहना पसंद था। राज ही नहीं, और भी कई लड़कों से उसकी दोस्ती थी। पिता की दुकान पर बैठती थी, अकसर झगड़े होते थे सोनम बचपन में अपने पिता की किराने की दुकान पर बैठती थी। इस दौरान वह कई बार ग्राहकों से उलझ जाती थी। कोई अगर घर के बाहर उसकी गाड़ी हटाने को कहता, तो वह झगड़ने पर उतर आती थी।उसके इस व्यवहार को लेकर पिता कई बार उसे समझा चुके थे। गुना से आया परिवार, इंदौर में बसाया कारोबार सोनम का परिवार मूल रूप से गुना जिले का रहने वाला है। करीब 45 साल पहले उसके पिता देवीसिंह इंदौर आए। उन्होंने पहले फर्नीचर का काम किया और फिर किराने की दुकान खोली। यहीं उन्होंने चुन्नीबाई से शादी की। बेटा गोविंद और बेटी सोनम बड़े हुए तो दोनों दुकान पर बैठने लगे। सोनम ने कॉलेज की पढ़ाई भी इंदौर में ही की। ब्याज पर पैसे देता था परिवार देवीसिंह इलाके में ब्याज पर पैसे भी देता था। सोनम खुद लोगों से पैसे वसूलती थी। 5-6 साल पहले जब भाई गोविंद ने अपना प्लायवुड का बिजनेस शुरू किया और घर की आर्थिक स्थिति सुधरी, तब भी सोनम का स्वभाव ज्यादा नहीं बदला। लड़कों की तरह रहने का शौक कुछ पड़ोसियों ने बताया कि सोनम का रहन-सहन लड़कों जैसा था। वह लड़कों जैसे कपड़े पहनती और लड़कों के साथ ही घूमती थी। राज कुशवाह से उसकी दोस्ती काफी बाद में हुई थी, उससे पहले भी उसके कई दोस्त थे। सहेलियों का आना-जाना उसके घर बहुत कम था। पिता देवीसिंह उस पर सख्ती रखते थे, जबकि भाई गोविंद का व्यवहार सामान्य था। लोग गोविंद को पसंद करते थे। हवाला से पेमेंट, राज के जिम्मे था अकाउंट इधर, राज कुशवाह के बारे में जानकारी मिली है कि वह गोविंद की कंपनी के एक खाते को संभालता था। इस खाते से कुछ लेन-देन हवाला के जरिए होता था। सोनम ने जिन आरोपियों को 50 हजार रुपए दिलवाए थे, वह रकम भी हवाला के जरिए ही गई थी।

राजा से पहले सोनम के और भी दोस्त थे:इंदौर में पड़ोसी बाेले- अड़ियल स्वभाव की है सोनम, उसे लड़कों की तरह रहना पसंद
मेघालय में पति की हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार सोनम को कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। लेकिन इंदौर में सोनम को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। 9 जून को जब सोनम पुलिस के हाथ लगी, तब से उसका परिवार किसी से नहीं मिल रहा। पड़ोसी भी चुपचाप बातें कर रहे हैं। एक पड़ोसी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, सोनम का स्वभाव अड़ियल था। उसे लड़कों जैसा रहना पसंद था। राज ही नहीं, और भी कई लड़कों से उसकी दोस्ती थी। पिता की दुकान पर बैठती थी, अकसर झगड़े होते थे सोनम बचपन में अपने पिता की किराने की दुकान पर बैठती थी। इस दौरान वह कई बार ग्राहकों से उलझ जाती थी। कोई अगर घर के बाहर उसकी गाड़ी हटाने को कहता, तो वह झगड़ने पर उतर आती थी।उसके इस व्यवहार को लेकर पिता कई बार उसे समझा चुके थे। गुना से आया परिवार, इंदौर में बसाया कारोबार सोनम का परिवार मूल रूप से गुना जिले का रहने वाला है। करीब 45 साल पहले उसके पिता देवीसिंह इंदौर आए। उन्होंने पहले फर्नीचर का काम किया और फिर किराने की दुकान खोली। यहीं उन्होंने चुन्नीबाई से शादी की। बेटा गोविंद और बेटी सोनम बड़े हुए तो दोनों दुकान पर बैठने लगे। सोनम ने कॉलेज की पढ़ाई भी इंदौर में ही की। ब्याज पर पैसे देता था परिवार देवीसिंह इलाके में ब्याज पर पैसे भी देता था। सोनम खुद लोगों से पैसे वसूलती थी। 5-6 साल पहले जब भाई गोविंद ने अपना प्लायवुड का बिजनेस शुरू किया और घर की आर्थिक स्थिति सुधरी, तब भी सोनम का स्वभाव ज्यादा नहीं बदला। लड़कों की तरह रहने का शौक कुछ पड़ोसियों ने बताया कि सोनम का रहन-सहन लड़कों जैसा था। वह लड़कों जैसे कपड़े पहनती और लड़कों के साथ ही घूमती थी। राज कुशवाह से उसकी दोस्ती काफी बाद में हुई थी, उससे पहले भी उसके कई दोस्त थे। सहेलियों का आना-जाना उसके घर बहुत कम था। पिता देवीसिंह उस पर सख्ती रखते थे, जबकि भाई गोविंद का व्यवहार सामान्य था। लोग गोविंद को पसंद करते थे। हवाला से पेमेंट, राज के जिम्मे था अकाउंट इधर, राज कुशवाह के बारे में जानकारी मिली है कि वह गोविंद की कंपनी के एक खाते को संभालता था। इस खाते से कुछ लेन-देन हवाला के जरिए होता था। सोनम ने जिन आरोपियों को 50 हजार रुपए दिलवाए थे, वह रकम भी हवाला के जरिए ही गई थी।