कांकेर में फिर बवाल...10 ईसाइयों के घर तोड़े, VIDEO:मूल धर्म में लौटने से इनकार पर भड़के ग्रामीण, लाठी-डंडे लेकर घरों में घुसे, तोड़फोड़ की
कांकेर में फिर बवाल...10 ईसाइयों के घर तोड़े, VIDEO:मूल धर्म में लौटने से इनकार पर भड़के ग्रामीण, लाठी-डंडे लेकर घरों में घुसे, तोड़फोड़ की
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में ईसाई परिवारों के दस घरों में तोड़फोड़ की गई है। पुसागांव में धर्म परिवर्तन को लेकर फिर से तनाव बढ़ गया है। लाठी-डंडों से लैस गांव वाले ईसाई समुदाय के लोगों के घरों में घुस गए, जिससे काफी नुकसान और हंगामा हुआ। मामला आमाबेड़ा पुलिस स्टेशन इलाके का है। हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। प्रशासन और पुलिस अधिकारी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जमीनी हालात पर नजर रख रहे हैं। अधिकारी गांव वालों और ईसाई धर्म अपनाने वालों के बीच विवाद को सुलझाने और समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इसके पहले आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी। आदिवासी समाज के लोग ईसाइयों को डंडे मारकर भगा रहे थे। इसके जवाब में धर्मांतरित समुदाय के लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। पहले देखिए तस्वीरें अब जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, पुसागांव गांव में ग्रामीणों ने धर्मांतरित कर चुके लोगों के साथ बैठक की। मूल धर्म में लौटने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मूल धर्म में लौटने से इनकार कर दिया। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। घरों में तोड़फोड़ की। ग्रामीणों ने लगभग 10 घरों में उत्पात मचाया है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ घरों की छत, खपरैल छप्पर में चढ़ गए हैं। छप्पर को तोड़फोड़ रहे हैं। लाठी डंडे से घरों को कुचल रहे हैं। कई लोगों के घरों को तहस नहस कर दिया है। मसीही समाज के लोग डर से घरों से दूर चले गए हैं। पुलिस फोर्स तुरंत मौके पर पहुंची कांकेर एसपी निखिल रखेजा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस फोर्स तुरंत मौके पर पहुंची। दो-तीन घरों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने दंगाइयों का वीडियो फुटेज भी हासिल किया है। पुलिस टीम पहले से ही निगरानी और बचाव के कदम उठा रही है। स्थिति सामान्य होने के बाद इन लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। शिकायत मिलने पर FIR दर्ज की जाएगी। अभी पीड़ित पक्ष से शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलते ही आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेंगे। अब पढ़िए कांकेर में कब-कब हुआ बवाल ? कोडेकुर्सी गांव में शव दफनाने को लेकर बवाल कांकेर जिले के कोडेकुर्सी गांव में 7 नवंबर 2025 को शव दफनाने को लेकर विवाद सामने आया। गांव के एक 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद परिजन उसे ईसाई रीति-रिवाज के अनुसार गांव में ही दफनाना चाहते थे। लेकिन गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि गांव की परंपरा के अनुसार शव को गांव के भीतर दफनाने की अनुमति नहीं है। विरोध इतना बढ़ा कि शव को गांव में दफनाने नहीं दिया गया। मजबूरी में परिजनों को शव अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखना पड़ा। यह स्थिति करीब तीन दिन तक बनी रही। मामले की सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समझाइश की, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। इस दौरान गांव में तनाव का माहौल रहा और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। आमाबेड़ा के बड़ेतेवड़ा गांव में तनाव 15 दिसंबर 2025 को कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़ेतेवड़ा गांव में शव दफनाने के बाद तनाव की स्थिति बनी। एक ग्रामीण की मौत के बाद उसके परिजनों ने शव को अपने निजी खेत में ईसाई परंपरा के अनुसार दफन कर दिया। दफन की सूचना मिलते ही गांव के कुछ लोग मौके पर पहुंचे और इसका विरोध शुरू हो गया। ग्रामीणों का कहना था कि बिना ग्राम सहमति के शव दफनाया गया है, जो गांव की परंपरा के खिलाफ है। विरोध धीरे-धीरे उग्र होने लगा। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभालने की कोशिश की। पुलिस कार्रवाई के दौरान हिंसा, पथराव और आगजनी 16 और 17 दिसंबर को बड़ेतेवड़ा गांव में हालात और बिगड़ गए। बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और पुलिस कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। कुछ जगहों पर आगजनी की भी घटनाएं सामने आईं। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। गांव में अतिरिक्त बल बुलाया गया और इलाके को छावनी में बदल दिया गया। इस दौरान कई पुलिस अधिकारी घायल हुए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। शव को निकालने की कार्रवाई और प्रशासन का हस्तक्षेप 18 दिसंबर 2025 को जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में शव को कब्र से निकालने की कार्रवाई की गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। इस कार्रवाई के दौरान भीड़ ने दोबारा विरोध किया और पुलिस पर पथराव किया। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। गांव में धारा 163 जैसी प्रतिबंधात्मक व्यवस्थाएं लागू की गईं। प्रशासन ने साफ किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ................................. इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... आदिवासी-ईसाई समुदाय भिड़े, 2 चर्च में लगाई आग, VIDEO:कांकेर में एक दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, शव दफनाने पर बवाल; ASP-20 पुलिसकर्मी भी घायल कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई। आदिवासी समाज के लोग ईसाइयों को डंडे मारकर भगा रहे थे। इसके जवाब में धर्मांतरित समुदाय के लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पढ़ें पूरी खबर...
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में ईसाई परिवारों के दस घरों में तोड़फोड़ की गई है। पुसागांव में धर्म परिवर्तन को लेकर फिर से तनाव बढ़ गया है। लाठी-डंडों से लैस गांव वाले ईसाई समुदाय के लोगों के घरों में घुस गए, जिससे काफी नुकसान और हंगामा हुआ। मामला आमाबेड़ा पुलिस स्टेशन इलाके का है। हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। प्रशासन और पुलिस अधिकारी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जमीनी हालात पर नजर रख रहे हैं। अधिकारी गांव वालों और ईसाई धर्म अपनाने वालों के बीच विवाद को सुलझाने और समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इसके पहले आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी। आदिवासी समाज के लोग ईसाइयों को डंडे मारकर भगा रहे थे। इसके जवाब में धर्मांतरित समुदाय के लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। पहले देखिए तस्वीरें अब जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, पुसागांव गांव में ग्रामीणों ने धर्मांतरित कर चुके लोगों के साथ बैठक की। मूल धर्म में लौटने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मूल धर्म में लौटने से इनकार कर दिया। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। घरों में तोड़फोड़ की। ग्रामीणों ने लगभग 10 घरों में उत्पात मचाया है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ घरों की छत, खपरैल छप्पर में चढ़ गए हैं। छप्पर को तोड़फोड़ रहे हैं। लाठी डंडे से घरों को कुचल रहे हैं। कई लोगों के घरों को तहस नहस कर दिया है। मसीही समाज के लोग डर से घरों से दूर चले गए हैं। पुलिस फोर्स तुरंत मौके पर पहुंची कांकेर एसपी निखिल रखेजा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस फोर्स तुरंत मौके पर पहुंची। दो-तीन घरों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने दंगाइयों का वीडियो फुटेज भी हासिल किया है। पुलिस टीम पहले से ही निगरानी और बचाव के कदम उठा रही है। स्थिति सामान्य होने के बाद इन लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। शिकायत मिलने पर FIR दर्ज की जाएगी। अभी पीड़ित पक्ष से शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलते ही आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेंगे। अब पढ़िए कांकेर में कब-कब हुआ बवाल ? कोडेकुर्सी गांव में शव दफनाने को लेकर बवाल कांकेर जिले के कोडेकुर्सी गांव में 7 नवंबर 2025 को शव दफनाने को लेकर विवाद सामने आया। गांव के एक 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद परिजन उसे ईसाई रीति-रिवाज के अनुसार गांव में ही दफनाना चाहते थे। लेकिन गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि गांव की परंपरा के अनुसार शव को गांव के भीतर दफनाने की अनुमति नहीं है। विरोध इतना बढ़ा कि शव को गांव में दफनाने नहीं दिया गया। मजबूरी में परिजनों को शव अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखना पड़ा। यह स्थिति करीब तीन दिन तक बनी रही। मामले की सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समझाइश की, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। इस दौरान गांव में तनाव का माहौल रहा और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। आमाबेड़ा के बड़ेतेवड़ा गांव में तनाव 15 दिसंबर 2025 को कांकेर जिले के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़ेतेवड़ा गांव में शव दफनाने के बाद तनाव की स्थिति बनी। एक ग्रामीण की मौत के बाद उसके परिजनों ने शव को अपने निजी खेत में ईसाई परंपरा के अनुसार दफन कर दिया। दफन की सूचना मिलते ही गांव के कुछ लोग मौके पर पहुंचे और इसका विरोध शुरू हो गया। ग्रामीणों का कहना था कि बिना ग्राम सहमति के शव दफनाया गया है, जो गांव की परंपरा के खिलाफ है। विरोध धीरे-धीरे उग्र होने लगा। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभालने की कोशिश की। पुलिस कार्रवाई के दौरान हिंसा, पथराव और आगजनी 16 और 17 दिसंबर को बड़ेतेवड़ा गांव में हालात और बिगड़ गए। बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और पुलिस कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। कुछ जगहों पर आगजनी की भी घटनाएं सामने आईं। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। गांव में अतिरिक्त बल बुलाया गया और इलाके को छावनी में बदल दिया गया। इस दौरान कई पुलिस अधिकारी घायल हुए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। शव को निकालने की कार्रवाई और प्रशासन का हस्तक्षेप 18 दिसंबर 2025 को जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में शव को कब्र से निकालने की कार्रवाई की गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। इस कार्रवाई के दौरान भीड़ ने दोबारा विरोध किया और पुलिस पर पथराव किया। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। गांव में धारा 163 जैसी प्रतिबंधात्मक व्यवस्थाएं लागू की गईं। प्रशासन ने साफ किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ................................. इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... आदिवासी-ईसाई समुदाय भिड़े, 2 चर्च में लगाई आग, VIDEO:कांकेर में एक दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, शव दफनाने पर बवाल; ASP-20 पुलिसकर्मी भी घायल कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई। आदिवासी समाज के लोग ईसाइयों को डंडे मारकर भगा रहे थे। इसके जवाब में धर्मांतरित समुदाय के लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पढ़ें पूरी खबर...