SC के जस्टिस बोले-साइबर क्रिमिनल्स की जड़ें काफी मजबूत:रायगढ़ में प्रशांत मिश्रा ने कहा-CJI बनकर करोड़ों की ठगी, मेरे नाम से भी फ्रॉड हुआ
SC के जस्टिस बोले-साइबर क्रिमिनल्स की जड़ें काफी मजबूत:रायगढ़ में प्रशांत मिश्रा ने कहा-CJI बनकर करोड़ों की ठगी, मेरे नाम से भी फ्रॉड हुआ
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में साइबर जन जागरूकता कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि कि साइबर सुरक्षा के बारे में इतना ही कहूंगा कि मैं इसका शिकार तो नहीं हुआ, लेकिन मुझे माध्यम बनाकर शिकार किया गया। साइबर फ्रॉड करने वालों की जड़ें काफी मजबूत हो गई हैं। हर किसी को ये किसी भी स्तर में ठग सकते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह आंध्र प्रदेश में चीफ जस्टिस थे, तो किसी ने वॉट्सऐप पर उनका प्रोफाइल लगाकर उनके ही रजिस्ट्रार, एडिशनल रजिस्ट्रार को मैसेज करते हुए रूपए की मांग की गई। रजिस्ट्रार ने रुपए भी ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद FIR हुई और वह ठग किसी अन्य राज्य से पकड़ा गया। CJI के नाम पर भी करोड़ों की ठगी उन्होंने बताया कि CJI के नाम पर भी करोड़ों की ठगी हो गई थी, जिसमें ठगों ने CJI बनकर एक उद्योगपति को अर्जेंट ऑनलाइन सुनवाई में बुलाया। उसी में ही डिजिटल गिरफ्तारी और जमानत भी दे दी। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस ने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जो टिप्स दिए हैं, उसका पालन करें। सतर्कता ही इससे बचाव है। संरक्षण और पर्यावरण से संबंधित मुद्दा हमारी सांसों में जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी की अज्ञानता की वजह से हर कोई गलती कर देते हैं। किसी मैसेज को किस उद्देश्य से भेजा गया है, उसे बिना जाने और समझे अज्ञानता वश भूल कर बैठते हैं। उसका फायदा सामने वाला उठा लेता है। वहीं उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और पर्यावरण से संबंधित मुद्दे जो हैं, वह हम सभी के सांसों में हैं और 24 घंटे यह मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट में ग्रीन बेंच के मेंबर हैं उन्होंने बताया कि पिछले 3 माह से वह ग्रीन बेंच के मेंबर हैं, जो कि तीन जजेस की बेंच है। यह बेंच पर्यावरण संबधित मुद्दे हर बुधवार गुरुवार को देखती है। यहां देश का कोई भी व्यक्ति पर्यावरण के मुद्दे पर आवेदन लगा सकता है। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले वह मल्हार गए थे। वहां लोगों ने बताया कि यहां 126 तालाब हैं और कोई नहीं जानता कि वह तालाब किसने बनाया। यही हमारी संस्कृति है और जनभागीदारी का नमूना है। हमारा देश ऐसा है कि सब के साथ मिलकर सब का विकास करने का देश है। जनभागीदारी के बिना कुछ भी संभव नहीं है। हमेशा पॉजिटिव रहिए, निगेटिविटी का दिमाग में जगह नहीं उन्होंने कहा कि जब तक हम और आप सरकार की अच्छी योजनाओं को अपने स्वयं की योजना मान कर उसमें अपनी भागीदारी न दे तो उसका क्रियान्वयन संभव नहीं है। हमको अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलना पड़ेगा। जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि मैंने जीवन में काफी पड़ाव देखे हैं। हमेशा पॉजिटिव रहिए, निगेटिविटी का अपने दिमाग में ओर जीवन में कोई जगह नहीं है। रायगढ़ आना हमेशा अच्छा लगता है इस दौरान सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि रायगढ़ आना मेरे लिए हमेशा बेहतर रहा है। यहां मैं अपने जूनियर और सीनियर्स के साथ होता हूं और यही मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। जैसे टेक्निलाॅजी बदलती है वैसे अपराध का तरीका बदलता है वहीं वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि जैसे जैसे समय बदलता है। टेक्नोलॉजी बदलती है। वैसे वैसे अपराधियों का अपराध करने का तरीका बदलता है। साल भर में चोरी के जितने केस दर्ज होते हैं। उससे ज्यादा हर महीने साइबर फ्रॉड के केस दर्ज हो रहे हैं। इससे हर कोई समझ सकता है कि साइबर अपराध कितना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल जितना बड़ा वरदान है उतना ही सावधानी की अवश्यकता है। विशेष रूप से सावधानी बरतनी की जरूरत है। बता दें कि साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा और जल संरक्षण अभियान कार्यक्रम जिला प्रशासन और जिला पुलिस ने नगर निगम ऑडिटोरियम में आयोजित किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा और वित्तमंत्री ओपी चौधरी को कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में साइबर जन जागरूकता कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि कि साइबर सुरक्षा के बारे में इतना ही कहूंगा कि मैं इसका शिकार तो नहीं हुआ, लेकिन मुझे माध्यम बनाकर शिकार किया गया। साइबर फ्रॉड करने वालों की जड़ें काफी मजबूत हो गई हैं। हर किसी को ये किसी भी स्तर में ठग सकते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह आंध्र प्रदेश में चीफ जस्टिस थे, तो किसी ने वॉट्सऐप पर उनका प्रोफाइल लगाकर उनके ही रजिस्ट्रार, एडिशनल रजिस्ट्रार को मैसेज करते हुए रूपए की मांग की गई। रजिस्ट्रार ने रुपए भी ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद FIR हुई और वह ठग किसी अन्य राज्य से पकड़ा गया। CJI के नाम पर भी करोड़ों की ठगी उन्होंने बताया कि CJI के नाम पर भी करोड़ों की ठगी हो गई थी, जिसमें ठगों ने CJI बनकर एक उद्योगपति को अर्जेंट ऑनलाइन सुनवाई में बुलाया। उसी में ही डिजिटल गिरफ्तारी और जमानत भी दे दी। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस ने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जो टिप्स दिए हैं, उसका पालन करें। सतर्कता ही इससे बचाव है। संरक्षण और पर्यावरण से संबंधित मुद्दा हमारी सांसों में जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी की अज्ञानता की वजह से हर कोई गलती कर देते हैं। किसी मैसेज को किस उद्देश्य से भेजा गया है, उसे बिना जाने और समझे अज्ञानता वश भूल कर बैठते हैं। उसका फायदा सामने वाला उठा लेता है। वहीं उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और पर्यावरण से संबंधित मुद्दे जो हैं, वह हम सभी के सांसों में हैं और 24 घंटे यह मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट में ग्रीन बेंच के मेंबर हैं उन्होंने बताया कि पिछले 3 माह से वह ग्रीन बेंच के मेंबर हैं, जो कि तीन जजेस की बेंच है। यह बेंच पर्यावरण संबधित मुद्दे हर बुधवार गुरुवार को देखती है। यहां देश का कोई भी व्यक्ति पर्यावरण के मुद्दे पर आवेदन लगा सकता है। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले वह मल्हार गए थे। वहां लोगों ने बताया कि यहां 126 तालाब हैं और कोई नहीं जानता कि वह तालाब किसने बनाया। यही हमारी संस्कृति है और जनभागीदारी का नमूना है। हमारा देश ऐसा है कि सब के साथ मिलकर सब का विकास करने का देश है। जनभागीदारी के बिना कुछ भी संभव नहीं है। हमेशा पॉजिटिव रहिए, निगेटिविटी का दिमाग में जगह नहीं उन्होंने कहा कि जब तक हम और आप सरकार की अच्छी योजनाओं को अपने स्वयं की योजना मान कर उसमें अपनी भागीदारी न दे तो उसका क्रियान्वयन संभव नहीं है। हमको अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलना पड़ेगा। जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि मैंने जीवन में काफी पड़ाव देखे हैं। हमेशा पॉजिटिव रहिए, निगेटिविटी का अपने दिमाग में ओर जीवन में कोई जगह नहीं है। रायगढ़ आना हमेशा अच्छा लगता है इस दौरान सुप्रीम कोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि रायगढ़ आना मेरे लिए हमेशा बेहतर रहा है। यहां मैं अपने जूनियर और सीनियर्स के साथ होता हूं और यही मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। जैसे टेक्निलाॅजी बदलती है वैसे अपराध का तरीका बदलता है वहीं वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि जैसे जैसे समय बदलता है। टेक्नोलॉजी बदलती है। वैसे वैसे अपराधियों का अपराध करने का तरीका बदलता है। साल भर में चोरी के जितने केस दर्ज होते हैं। उससे ज्यादा हर महीने साइबर फ्रॉड के केस दर्ज हो रहे हैं। इससे हर कोई समझ सकता है कि साइबर अपराध कितना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल जितना बड़ा वरदान है उतना ही सावधानी की अवश्यकता है। विशेष रूप से सावधानी बरतनी की जरूरत है। बता दें कि साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा और जल संरक्षण अभियान कार्यक्रम जिला प्रशासन और जिला पुलिस ने नगर निगम ऑडिटोरियम में आयोजित किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा और वित्तमंत्री ओपी चौधरी को कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।