Uttarakhand में खाने में थूक या गंदगी मिलाने के मामले पर SOP जारी, दोषियों पर लगेगा 1 लाख रुपए तक का जुर्माना

food safety and drug administration issued sop against mixing spit or dirt in food items : उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त कार्रवाई के निर्देश के बाद खाद्य संरक्षा एवं ...

Uttarakhand में खाने में थूक या गंदगी मिलाने के मामले पर SOP जारी, दोषियों पर लगेगा 1 लाख रुपए तक का जुर्माना

food safety and drug administration issued sop against mixing spit  or dirt in food items : उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त कार्रवाई के निर्देश के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने बुधवार को खाद्य कारोबारियों को दिशानिर्देश जारी किए। दिशा-निर्देशों के तहत दोषी पाए जाने पर 25 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में सोशल मीडिया पर देहरादून और मसूरी में होटल और ढाबा जैसी जगहों पर खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं के वीडियो वायरल हुए, जिन पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने एफडीए और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

 

पुलिस ने तत्काल एक मामले में कार्रवाई करते हुए मसूरी में लाइब्रेरी चौक पर चाय की रेहड़ी लगाने वाले दो भाइयों नौशाद अली और हसन अली को चाय के बर्तन में थूकने और उसे ग्राहकों को पिलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। दोनों भाई उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर जिले के खतौली के रहने वाले हैं।

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मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं के संबंध में कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि ऐसे मामलों की सघन जांच हो और दोषियों को सजा मिले।

 

प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का समय आ रहा है, जिसे देखते हुए सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव व एफडीए के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया।

 

कुमार ने इस संबंध में कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस एवं खानपान की अन्य वस्तुओं में मानव अपशिष्ट एवं अन्य गंदी चीजों की मिलावट के मामले सामने आये हैं, जो खाद्य सुरक्षा एव मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।

 

उन्होंने कहा सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना, उसकी शर्तों का पालन करना तथा खाद्य पदार्थों में स्वच्छता का पालन करना भी अनिवार्य है। अधिकारी ने कहा कि खाद्य पदार्थों को प्रबंधित करते समय धूम्रपान, थूकना, नाक खुजाना, बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि आदतों पर नियंत्रण रखना होगा क्योंकि इससे खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया के संक्रमण की आशंका होती है।

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आयुक्त ने बताया कि संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण, संग्रहण या वितरण जैसी जगहों पर नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल में हुई कुछ घटनाओं को ध्यान में रखते हुए खाद्य कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्यरूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र जारी किया जाएगा, जिसे कार्यस्थल पर उन्हें अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा।

 

एसओपी में कहा गया कि सभी ढाबों, होटलों तथा रेस्टोरेंट में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करनी होगी। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारी, होटल एवं रेस्तरां में विक्रय के लिए प्रस्तुत किये जा रहे मीट एवं मीट उत्पाद के प्रकार जैसे हलाल अथवा झटका को अनिवार्य रूप से प्रकट करना पड़ेगा ।

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मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार को भी इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद उन्होंने प्रदेश में सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से होटल, ढाबा एवं अन्य व्यवसायिक खाद्य संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों का शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करने को कहा है। इनपुट भाषा