पंजाब कांग्रेस में जल्द फेरबदल संभव:चन्नी का हाईकमान को मैसेज, मेरे नाम पर गुटबाजी खत्म होगी; 'यूनाइटेड कांग्रेस' का VIDEO जारी किया

तरनतारन उपचुनाव में जमानत जब्त होने के बाद पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी तेज हो गई है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जनवरी के पहले हफ्ते में अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की प्रधान पद से छुट्‌टी कर दी जाएगी। इसकी भनक मिलते ही पूर्व CM व जालंधर से सांसद चरणजीत चन्नी ने कांग्रेस को एकजुट करने की दावेदारी ठोक दी है। चन्नी ने बेटे के बर्थडे पर सभी कांग्रेसी नेताओं को अपने घर बुलाया था। इसके बाद चन्नी ने सोशल मीडिया पर 'यूनाइटेड कांग्रेस' के नाम से वीडियो जारी किया। जिसमें वह कांग्रेस के हर बड़े नेता से मुलाकात करते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के भीतर चन्नी के ये एग्रेसिव तेवर खूब चर्चा में हैं। माना जा रहा है कि प्रधानगी के बहाने कोई 2027 में CM चेहरे पर दावेदारी न ठोक दे, इसलिए चन्नी की नजर संगठन की कमान पर भी लगी हुई है। चन्नी की इस कोशिश को 2022 में तत्कालीन प्रधान नवजोत सिद्धू के साथ हुए CM चेहरे के मुकाबले से भी माना जा रहा है। तब राहुल गांधी को बाकायदा सीक्रेट राय तक लेनी पड़ी थी। हाईकमान को गुटबाजी खत्म करने का संकेत दे रहे चन्नी यूं तो चरणजीत चन्नी का गुट प्रधान अमरिंदर राजा वड़िंग से अलग चलता है। वह वड़िंग के विरोधी पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की भी खुलकर सपोर्ट करते हैं। मगर, जब चन्नी ने अपने घर पर बेटे के बर्थडे पर कार्यक्रम रखा तो राजा वड़िंग को भी बुलाया। वड़िंग आए तो गर्मजोशी से उनसे गले भी मिले। कहीं ऐसा शो नहीं होने दिया कि अगर वे प्रधान बने तो वड़िंग से कोई नाराजगी रहेगी। चन्नी का सीधा संकेत हाईकमान को है कि अगर उन्हें प्रधान बना दें तो 2027 से पहले गुटों में बंटी कांग्रेस को वह फिर से एकजुट कर सकते हैं। जिसका ट्रेलर वह मोरिंडा में अपने घर हुए फंक्शन में दिखा चुके हैं। पूर्व सांसद मोहम्मद सदीक ने यहां तक कह दिया.. जैसे लोग साधु की धुनी के आसपास खड़े होते हैं। कांग्रेस में चन्नी साधु की धुनी हैं। इसलिए यहां सभी नेता पहुंच गए। राजा वड़िंग को हटाने की चर्चा क्यों हो रही इसकी बड़ी वजह तरनतारन उपचुनाव है। 2027 में AAP को हराने का दावा करने वाली कांग्रेस इस उपचुनाव में न केवल जमानत जब्त करा बैठी बल्कि चौथे स्थान पर रही। हार की बड़ी वजह राजा वड़िंग की पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. बूटा सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी और सिख बच्चों के केश से छेड़छाड़ जैसी हरकतों को माना गया। सिद्धू जैसी स्थिति नहीं चाहिए, कैप्टन जैसे फॉर्मूले पर चन्नी चन्नी की पूरी कवायद 2 वजहों से है। पहली, 2022 में पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे नवजोत सिद्धू ने भी CM चेहरे की दावेदारी ठोक दी थी। उस वक्त चन्नी मुख्यमंत्री थे। ऐसे में इसका बड़ा मुद्दा बना। कांग्रेसी ही 2 गुटों में बंट गए। लंबे ड्रामे के बाद राहुल गांधी ने चन्नी को सीएम चेहरा तो घोषित कर दिया। लेकिन सिद्धू ने पूरे राज्य में प्रचार नहीं किया। जिसके बाद कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई। चन्नी नहीं चाहते कि राजा वड़िंग के प्रधान बने रहने पर फिर से उनके साथ यही मुश्किल हो। दूसरी वजह पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह वाला फॉर्मूला भी है। 2002, 2012 और 2017 में कैप्टन की प्रधानगी में ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। इसके बाद 2007 और 2017 में जीत का क्रेडिट लेते हुए कैप्टन ही मुख्यमंत्री बने। कैप्टन ने प्रधान रहते हुए किसी भी दूसरे नेता को उनके बराबर खड़ा नहीं होने दिया। इनमें प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल हैं। चन्नी-वड़िंग के अलावा इनकी भी प्रधानगी पद पर दावेदारी लुधियाना से सांसद राजा वड़िंग 2027 तक पंजाब कांग्रेस का प्रधान बने रहना चाहते हैं। मगर, चन्नी के अलावा और भी कई नेता दावेदारी ठोक रहे हैं। इनमें प्रमुख तौर पर प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा और प्रगट सिंह का नाम शामिल है। इसके अलावा इनमें 3 सांसद राजा वड़िंग, चन्नी और बाजवा तो 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी में है। इसलिए वह अपने विधानसभा क्षेत्रों में भी एक्टिव हैं।

पंजाब कांग्रेस में जल्द फेरबदल संभव:चन्नी का हाईकमान को मैसेज, मेरे नाम पर गुटबाजी खत्म होगी; 'यूनाइटेड कांग्रेस' का VIDEO जारी किया
तरनतारन उपचुनाव में जमानत जब्त होने के बाद पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी तेज हो गई है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जनवरी के पहले हफ्ते में अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की प्रधान पद से छुट्‌टी कर दी जाएगी। इसकी भनक मिलते ही पूर्व CM व जालंधर से सांसद चरणजीत चन्नी ने कांग्रेस को एकजुट करने की दावेदारी ठोक दी है। चन्नी ने बेटे के बर्थडे पर सभी कांग्रेसी नेताओं को अपने घर बुलाया था। इसके बाद चन्नी ने सोशल मीडिया पर 'यूनाइटेड कांग्रेस' के नाम से वीडियो जारी किया। जिसमें वह कांग्रेस के हर बड़े नेता से मुलाकात करते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के भीतर चन्नी के ये एग्रेसिव तेवर खूब चर्चा में हैं। माना जा रहा है कि प्रधानगी के बहाने कोई 2027 में CM चेहरे पर दावेदारी न ठोक दे, इसलिए चन्नी की नजर संगठन की कमान पर भी लगी हुई है। चन्नी की इस कोशिश को 2022 में तत्कालीन प्रधान नवजोत सिद्धू के साथ हुए CM चेहरे के मुकाबले से भी माना जा रहा है। तब राहुल गांधी को बाकायदा सीक्रेट राय तक लेनी पड़ी थी। हाईकमान को गुटबाजी खत्म करने का संकेत दे रहे चन्नी यूं तो चरणजीत चन्नी का गुट प्रधान अमरिंदर राजा वड़िंग से अलग चलता है। वह वड़िंग के विरोधी पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की भी खुलकर सपोर्ट करते हैं। मगर, जब चन्नी ने अपने घर पर बेटे के बर्थडे पर कार्यक्रम रखा तो राजा वड़िंग को भी बुलाया। वड़िंग आए तो गर्मजोशी से उनसे गले भी मिले। कहीं ऐसा शो नहीं होने दिया कि अगर वे प्रधान बने तो वड़िंग से कोई नाराजगी रहेगी। चन्नी का सीधा संकेत हाईकमान को है कि अगर उन्हें प्रधान बना दें तो 2027 से पहले गुटों में बंटी कांग्रेस को वह फिर से एकजुट कर सकते हैं। जिसका ट्रेलर वह मोरिंडा में अपने घर हुए फंक्शन में दिखा चुके हैं। पूर्व सांसद मोहम्मद सदीक ने यहां तक कह दिया.. जैसे लोग साधु की धुनी के आसपास खड़े होते हैं। कांग्रेस में चन्नी साधु की धुनी हैं। इसलिए यहां सभी नेता पहुंच गए। राजा वड़िंग को हटाने की चर्चा क्यों हो रही इसकी बड़ी वजह तरनतारन उपचुनाव है। 2027 में AAP को हराने का दावा करने वाली कांग्रेस इस उपचुनाव में न केवल जमानत जब्त करा बैठी बल्कि चौथे स्थान पर रही। हार की बड़ी वजह राजा वड़िंग की पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. बूटा सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी और सिख बच्चों के केश से छेड़छाड़ जैसी हरकतों को माना गया। सिद्धू जैसी स्थिति नहीं चाहिए, कैप्टन जैसे फॉर्मूले पर चन्नी चन्नी की पूरी कवायद 2 वजहों से है। पहली, 2022 में पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे नवजोत सिद्धू ने भी CM चेहरे की दावेदारी ठोक दी थी। उस वक्त चन्नी मुख्यमंत्री थे। ऐसे में इसका बड़ा मुद्दा बना। कांग्रेसी ही 2 गुटों में बंट गए। लंबे ड्रामे के बाद राहुल गांधी ने चन्नी को सीएम चेहरा तो घोषित कर दिया। लेकिन सिद्धू ने पूरे राज्य में प्रचार नहीं किया। जिसके बाद कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई। चन्नी नहीं चाहते कि राजा वड़िंग के प्रधान बने रहने पर फिर से उनके साथ यही मुश्किल हो। दूसरी वजह पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह वाला फॉर्मूला भी है। 2002, 2012 और 2017 में कैप्टन की प्रधानगी में ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। इसके बाद 2007 और 2017 में जीत का क्रेडिट लेते हुए कैप्टन ही मुख्यमंत्री बने। कैप्टन ने प्रधान रहते हुए किसी भी दूसरे नेता को उनके बराबर खड़ा नहीं होने दिया। इनमें प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल हैं। चन्नी-वड़िंग के अलावा इनकी भी प्रधानगी पद पर दावेदारी लुधियाना से सांसद राजा वड़िंग 2027 तक पंजाब कांग्रेस का प्रधान बने रहना चाहते हैं। मगर, चन्नी के अलावा और भी कई नेता दावेदारी ठोक रहे हैं। इनमें प्रमुख तौर पर प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा और प्रगट सिंह का नाम शामिल है। इसके अलावा इनमें 3 सांसद राजा वड़िंग, चन्नी और बाजवा तो 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी में है। इसलिए वह अपने विधानसभा क्षेत्रों में भी एक्टिव हैं।