SIR...:प्रदेश में 22 लाख मतदाता गायब, इन्हें 15 जनवरी तक जमा करने होंगे दस्तावेज

छत्तीसगढ़ में जनगणना के पूर्व मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एसआईआर की अब तक की रिपोर्ट में जो डेटा सामने आए हैं, उसके अनुसार प्रदेश में करीब 22 लाख मतदाताओं को डी कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि इन मतदाताओं के बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। विभाग का मानना है कि डी कैटेगरी में उन मतदाताओं को रखा गया है, जिनकी या तो मौत हो चुकी है, या जो दूसरे शहर या राज्य में शिफ्ट हो गए हैं, मतदाता प्रमाण पत्र डुप्लीकेट हैं या इन्होंने अब तक कोई वैध दस्तावेज जमा नहीं किया है। हालांकि ऐसे मतदाताओं के पास 15 जनवरी 2026 तक का समय होगा। इस तारीख तक ये मतदाता दावा-आपत्ति कर वैध दस्तावेज जमा कर सकते हैं। एसआईआर के प्रारंभिक चरण में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार रायपुर में 3.5 लाख मतदाताओं की जानकारी नहीं मिल पाई है। इस मामले में रायपुर सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर बिलासपुर में 2.84 लाख मतदाता, दुर्ग में 2.1 लाख और कोरबा में एक लाख मतदाताओं ने अब तक दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। इसी तरह बलौदाबाजार-भाटापारा में 97 हजार, रायगढ़ 83 हजार, महासमुंद 82 हजार, बेमेतरा 80 हजार, मुंगेली 78 हजार और सूरजपुर में करीब 72 हजार ऐसे मतदाताओं की जानकारी अब तक सामने आई है, जिनके दस्तावेज जमा नहीं हुए हैं। छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड मतदाताओं की कुल संख्या दो करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 है। इसमें पुरुष मतदाता एक करोड़ एक लाख 80 हजार 405, तो महिला मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 3 लाख 32 हजार 115 और 732 मतदाता थर्ड जेंडर हैं। इसमें से नए मतदाताओं को जोड़ने और पुराने नामों में सुधार के लिए फार्म-6, फार्म-7, और फार्म-8 का वितरण का काम 100% पूरा हो चुका है। हालांकि सरकार की ओर से इसकी तिथि​ बढ़ा दी गई है। यही कारण है कि बीएलओ अब 11 दिसंबर तक घर-घर जाकर गणना फॉर्म का वितरण और संग्रह करेंगे। दावा- आपत्ति के समय इनमें से एक दस्तावेज दिखाना जरूरी एसआईआर के लिए मतदाताओं को जो दस्तावेज दिखाने होंगे उसमें पेंशन कार्ड, एम्पलाई कार्ड, सरकारी कर्मचारी आईडी कार्ड, बोर्ड परीक्षा सर्टिफिकेट, कोई ऐसा दस्तावेज जिसे सरकार ने जारी किया हो। इनमें बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी यह 1 जुलाई 1987 की होना चाहिए। इसके साथ ही जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शादी का प्रमाण पत्र, विश्वविद्यालय का प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, फारेस्ट राइट सर्टिफिकेट, ओबीसी, एससी, एसटी या फिर किसी भी कास्ट का सर्टिफिकेट हो, जिसे सरकार ने जारी किया है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन, फैमिली रजिस्टर, प्रापर्टी स्टेट या फिर लोकल अथॉरिटी या फिर जमीन, घर लिया हो और उसकी अलाटमेंट सर्टिफिकेट में एक प्रमाण पत्र ही दिखाना है। यदि इनमें से एक भी दस्तावेज है तो नाम जुड़ेगा अन्यथा नाम कट जाएगा। 99.6% फॉर्म आ चुके: कोरिया और मुंगेली सबसे आगे, रायपुर पीछे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण में उत्तरी छत्तीसगढ़ के मुंगेली और कोरिया जिले सबसे आगे हैं। दोनों ही जिलों में 99.6% से ज्यादा गणना-प्रपत्र चुनाव आयोग तक पहुंच चुके हैं। उनका डिजिटलाइजेशन भी किया जा चुका है। इस मामले में राजधानी रायपुर 33 जिलों में सबसे पीछे है। यहां अब तक सिर्फ 89.28% गणना-प्रपत्रों का डेटा अपलोड हो पाया है। चुनाव आयोग के पास अभी 11 दिसंबर तक का समय है। इस दौरान छूटे हुए मतदाताओं तक फॉर्म पहुंचाने और उसे इकट्ठा करने का आयोग फिर से प्रयास करेगा। बता दें कि 4 नवंबर से एसआईआर शुरू हुई है। चुनाव आयोग ने लगभग 2.12 करोड़ मतदाताओं में से करीब 2.11 करोड़ लोगों को गणना प्रपत्र बांटे हैं। 44232 मतदाताओं तक बीएलओ नहीं पहुंच पाए। छत्तीसगढ़ में मंगलवार 2 दिसंबर तक 94.13% तक गणना प्रपत्र आयोग तक पहुंच चुके हैं और उन्हें कंप्यूटर पर अपलोड भी किया जा चुका है। करीब साढ़े 11 लाख गणना प्रपत्र शेष हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अफसरों का कहना है कि उन्होंने 4 दिसंबर तक शत-प्रतिशत गणना प्रपत्रों के डिजिटलाइजेशन का लक्ष्य रखा है। मतदाता सूची में नाम नहीं तो कर सकते हैं दावा-आप​त्ति दावा आपत्ति: 16 दिसंबर से शुरू होगी {अंतिम तिथि: 15 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन {जांच: 16 दिसंबर से 7 फरवरी तक इन आवेदनों की जांच होगी। {अंतिम प्रकाशन: 14 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। अब तक 11150 पोलिंग स्टेशन शत-प्रतिशत डिजिटलाइज निर्वाचन आयोग के अनुसार प्रदेश में 24371 पोलिंग स्टेशनों में से 11150 में शत-प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्रों का डिजिटलाइजेशन पूरा हो चुका है। यानी 54 प्रतिशत पोलिंग स्टेशनों में शत-प्रतिशत गणना-प्रपत्र पहुंच चुके हैं और उनका डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है। एसआईआर की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। एक सप्ताह के लिए समय बढ़ा दिया गया है। इसके लिए बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई, जो फॉर्म वितरण कर रहे हैं और दस्तावेजों के साथ फॉर्म वापस भी ले रहे हैं। वर्तमान में जिनका नाम कट गया है वह दावा आपत्ति कर सकते हैं यदि उनके पास डाक्यूमेंट्स है तो उनका नाम जुड़ जाएगा। -नवीन कुमार ठाकुर, अपर कलेक्टर रायपुर

SIR...:प्रदेश में 22 लाख मतदाता गायब, इन्हें 15 जनवरी तक जमा करने होंगे दस्तावेज
छत्तीसगढ़ में जनगणना के पूर्व मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एसआईआर की अब तक की रिपोर्ट में जो डेटा सामने आए हैं, उसके अनुसार प्रदेश में करीब 22 लाख मतदाताओं को डी कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि इन मतदाताओं के बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। विभाग का मानना है कि डी कैटेगरी में उन मतदाताओं को रखा गया है, जिनकी या तो मौत हो चुकी है, या जो दूसरे शहर या राज्य में शिफ्ट हो गए हैं, मतदाता प्रमाण पत्र डुप्लीकेट हैं या इन्होंने अब तक कोई वैध दस्तावेज जमा नहीं किया है। हालांकि ऐसे मतदाताओं के पास 15 जनवरी 2026 तक का समय होगा। इस तारीख तक ये मतदाता दावा-आपत्ति कर वैध दस्तावेज जमा कर सकते हैं। एसआईआर के प्रारंभिक चरण में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार रायपुर में 3.5 लाख मतदाताओं की जानकारी नहीं मिल पाई है। इस मामले में रायपुर सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर बिलासपुर में 2.84 लाख मतदाता, दुर्ग में 2.1 लाख और कोरबा में एक लाख मतदाताओं ने अब तक दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। इसी तरह बलौदाबाजार-भाटापारा में 97 हजार, रायगढ़ 83 हजार, महासमुंद 82 हजार, बेमेतरा 80 हजार, मुंगेली 78 हजार और सूरजपुर में करीब 72 हजार ऐसे मतदाताओं की जानकारी अब तक सामने आई है, जिनके दस्तावेज जमा नहीं हुए हैं। छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड मतदाताओं की कुल संख्या दो करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 है। इसमें पुरुष मतदाता एक करोड़ एक लाख 80 हजार 405, तो महिला मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 3 लाख 32 हजार 115 और 732 मतदाता थर्ड जेंडर हैं। इसमें से नए मतदाताओं को जोड़ने और पुराने नामों में सुधार के लिए फार्म-6, फार्म-7, और फार्म-8 का वितरण का काम 100% पूरा हो चुका है। हालांकि सरकार की ओर से इसकी तिथि​ बढ़ा दी गई है। यही कारण है कि बीएलओ अब 11 दिसंबर तक घर-घर जाकर गणना फॉर्म का वितरण और संग्रह करेंगे। दावा- आपत्ति के समय इनमें से एक दस्तावेज दिखाना जरूरी एसआईआर के लिए मतदाताओं को जो दस्तावेज दिखाने होंगे उसमें पेंशन कार्ड, एम्पलाई कार्ड, सरकारी कर्मचारी आईडी कार्ड, बोर्ड परीक्षा सर्टिफिकेट, कोई ऐसा दस्तावेज जिसे सरकार ने जारी किया हो। इनमें बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी यह 1 जुलाई 1987 की होना चाहिए। इसके साथ ही जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शादी का प्रमाण पत्र, विश्वविद्यालय का प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, फारेस्ट राइट सर्टिफिकेट, ओबीसी, एससी, एसटी या फिर किसी भी कास्ट का सर्टिफिकेट हो, जिसे सरकार ने जारी किया है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन, फैमिली रजिस्टर, प्रापर्टी स्टेट या फिर लोकल अथॉरिटी या फिर जमीन, घर लिया हो और उसकी अलाटमेंट सर्टिफिकेट में एक प्रमाण पत्र ही दिखाना है। यदि इनमें से एक भी दस्तावेज है तो नाम जुड़ेगा अन्यथा नाम कट जाएगा। 99.6% फॉर्म आ चुके: कोरिया और मुंगेली सबसे आगे, रायपुर पीछे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण में उत्तरी छत्तीसगढ़ के मुंगेली और कोरिया जिले सबसे आगे हैं। दोनों ही जिलों में 99.6% से ज्यादा गणना-प्रपत्र चुनाव आयोग तक पहुंच चुके हैं। उनका डिजिटलाइजेशन भी किया जा चुका है। इस मामले में राजधानी रायपुर 33 जिलों में सबसे पीछे है। यहां अब तक सिर्फ 89.28% गणना-प्रपत्रों का डेटा अपलोड हो पाया है। चुनाव आयोग के पास अभी 11 दिसंबर तक का समय है। इस दौरान छूटे हुए मतदाताओं तक फॉर्म पहुंचाने और उसे इकट्ठा करने का आयोग फिर से प्रयास करेगा। बता दें कि 4 नवंबर से एसआईआर शुरू हुई है। चुनाव आयोग ने लगभग 2.12 करोड़ मतदाताओं में से करीब 2.11 करोड़ लोगों को गणना प्रपत्र बांटे हैं। 44232 मतदाताओं तक बीएलओ नहीं पहुंच पाए। छत्तीसगढ़ में मंगलवार 2 दिसंबर तक 94.13% तक गणना प्रपत्र आयोग तक पहुंच चुके हैं और उन्हें कंप्यूटर पर अपलोड भी किया जा चुका है। करीब साढ़े 11 लाख गणना प्रपत्र शेष हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अफसरों का कहना है कि उन्होंने 4 दिसंबर तक शत-प्रतिशत गणना प्रपत्रों के डिजिटलाइजेशन का लक्ष्य रखा है। मतदाता सूची में नाम नहीं तो कर सकते हैं दावा-आप​त्ति दावा आपत्ति: 16 दिसंबर से शुरू होगी {अंतिम तिथि: 15 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन {जांच: 16 दिसंबर से 7 फरवरी तक इन आवेदनों की जांच होगी। {अंतिम प्रकाशन: 14 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। अब तक 11150 पोलिंग स्टेशन शत-प्रतिशत डिजिटलाइज निर्वाचन आयोग के अनुसार प्रदेश में 24371 पोलिंग स्टेशनों में से 11150 में शत-प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्रों का डिजिटलाइजेशन पूरा हो चुका है। यानी 54 प्रतिशत पोलिंग स्टेशनों में शत-प्रतिशत गणना-प्रपत्र पहुंच चुके हैं और उनका डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है। एसआईआर की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। एक सप्ताह के लिए समय बढ़ा दिया गया है। इसके लिए बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई, जो फॉर्म वितरण कर रहे हैं और दस्तावेजों के साथ फॉर्म वापस भी ले रहे हैं। वर्तमान में जिनका नाम कट गया है वह दावा आपत्ति कर सकते हैं यदि उनके पास डाक्यूमेंट्स है तो उनका नाम जुड़ जाएगा। -नवीन कुमार ठाकुर, अपर कलेक्टर रायपुर