इलेक्ट्रिक कारें सस्ती, पेट्रोल-डीजल की महंगी होंगी:इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट के लिए ड्राफ्ट तैयार; दूसरे वाहनों पर टैक्स लगाने की तैयारी
इलेक्ट्रिक कारें सस्ती, पेट्रोल-डीजल की महंगी होंगी:इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट के लिए ड्राफ्ट तैयार; दूसरे वाहनों पर टैक्स लगाने की तैयारी
इलेक्ट्रिक कारें सस्ती और पेट्रोल-डीजल की कारें जल्द ही महंगी हाे सकती हैं। सीएनजी से चलने वाले वाहन भी पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की तरह महंगे हो सकते हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट देने के लिए ड्राफ्ट तैयार करा लिया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार पेट्रोल-डीजल और सीएनजी से चलने वाले वाहनों पर सरकार उप कर (सेस) लगाने जा रही है। नगरीय विकास और आवास विभाग ने ये ड्राफ्ट तैयार किया है। विभाग के मंत्री और सरकार को अप्रूवल के लिए भेजा है। फिलहाल जो पॉलिसी लागू है, वह 2019 में पांच साल के लिए बनाई गई थी, और यह तय किया गया था कि नई नीति लागू होने तक यह प्रभावी रहेगी। विभाग के मंत्री और वित्त विभाग की मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। सब्सिडी के लिए ऐसी है व्यवस्था
ड्राफ्ट में कहा गया है कि जो लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदेंगे, उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। पॉलिसी फाइनल न होने के कारण सब्सिडी के स्लैब को गोपनीय रखा जा रहा है, लेकिन यह तय किया जा रहा है कि दो-पहिया, तीन-पहिया, चार-पहिया और बस-ट्रक जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर शुरुआती सब्सिडी दी जाएगी, जो 25 प्रतिशत तक हो सकती है। इसके लिए स्लैब तय किए जाएंगे, और शुरुआती पांच हजार वाहनों पर यह सब्सिडी मिल सकती है। बाद में इसे अपग्रेड किया जाएगा। सरकार के सामने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों के लिए वाहन चार्जिंग की सुविधा दिलाना एक बड़ी चुनौती है, इसलिए पॉलिसी ड्राफ्ट में प्रावधान किया गया है कि किस तरह से किन जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाएं जाएंगे। चार्जिंग के लिए लैंडबैंक तैयार करेंगे
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की चार्जिंग के लिए हर जिले और नगरीय निकाय में लैंडबैंक भी तैयार किए जाएंगे। इन स्थानों पर 33 केवी लाइन डाली जाएगी, ताकि वाहनों की तेजी से चार्जिंग हो सके। नगरीय निकायों से जमीन की तलाश करने के लिए कहा गया है ताकि पॉलिसी मंजूर होते ही काम शुरू हो सके। 33 केवी लाइन डालने और सब स्टेशन बनाने के लिए नगरीय विकास विभाग ने विद्युत वितरण कंपनियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा है ताकि सरकार की प्राथमिकता तय होने पर इस काम में तेजी लाई जा सके। पेट्रोल-डीजल वाहनों पर बढ़ाएंगे टैक्स
प्रस्तावित पॉलिसी में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने और पेट्रोल-डीजल वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए टैक्स भी सेस के रूप में लगाया जा सकता है। यह टैक्स उन वाहनों पर लगेगा जो पेट्रोल-डीजल से चलते हैं, ताकि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की प्लानिंग करें। पोर्टल बताएगा फायदे और नुकसान
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिसमें बताया जाएगा कि अलग-अलग रूट्स पर कहां-कहां ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं, किस चार्जिंग स्टेशन पर वाहन चार्ज हो रहे हैं और कौन से स्टेशन खाली हैं। इसमें यह तुलनात्मक जानकारी भी होगी कि पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच दूरी और समय का अंतर क्या है। साथ ही इसके खर्च के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जागरूक करना होगा कि वाहन से खतरा नहीं
पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक नहीं हैं। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे, ताकि लोगों को बताया जा सके कि इन वाहनों में यात्रा सस्ती और प्रदूषण रहित होगी। इनके आग लगने जैसी घटनाओं के बारे में गलतफहमी को भी दूर किया जाएगा। पड़ोसी राज्यों की तरह टैक्स में छूट दे सरकार
भोपाल ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के आशीष पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब तक इस तरह के वाहनों में पर्याप्त छूट नहीं दिए जाने से लोगों का रुझान ऐसी गाड़ियां खरीदने में कम है। भोपाल में फिलहाल दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की 8 से 10 प्रतिशत तक है। चार पहिया वाहनों का फिगर और कमजोर है। यह एक से डेढ़ प्रतिशत है। एमपी में अभी हाइब्रिड वाहनों की ज्यादा डिमांड है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन पर सभी तरह के टैक्स से छूट दी है और अन्य पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात ने भी कुछ हद तक छूट देने का काम किया है। इसी तरह एमपी की सरकार को चाहिए कि ऐसे वाहनों की खरीदी पर टैक्स में छूट दें और सब्सिडी भी दें। ऐसा हुआ तो इसमें सुधार आएगा। पर्यावरण से है प्यार तो ईवी खरीदें
वरेण्यम मोटर्स के संचालक और टाटा कंपनी के डीलर अवनीश राय और उनके सहयोगी अखिल बताते हैं कि अगर आप अपने पर्यावरण से प्यार करते हैं तो बहुत जल्दी ईवी गाड़ियों की तरफ जाना चाहिए। लोगों से अपील है कि शोरूम में जाकर एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर लें। अकेले टाटा की करीब 150 ईवी गाड़ियां दीपावली पर बिक रही हैं और अन्य सभी कंपनियों की मिलाकर सात सौ से अधिक ईवी कारें अगले चार दिन में बिकने वाली हैं।
इलेक्ट्रिक कारें सस्ती और पेट्रोल-डीजल की कारें जल्द ही महंगी हाे सकती हैं। सीएनजी से चलने वाले वाहन भी पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की तरह महंगे हो सकते हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट देने के लिए ड्राफ्ट तैयार करा लिया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार पेट्रोल-डीजल और सीएनजी से चलने वाले वाहनों पर सरकार उप कर (सेस) लगाने जा रही है। नगरीय विकास और आवास विभाग ने ये ड्राफ्ट तैयार किया है। विभाग के मंत्री और सरकार को अप्रूवल के लिए भेजा है। फिलहाल जो पॉलिसी लागू है, वह 2019 में पांच साल के लिए बनाई गई थी, और यह तय किया गया था कि नई नीति लागू होने तक यह प्रभावी रहेगी। विभाग के मंत्री और वित्त विभाग की मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। सब्सिडी के लिए ऐसी है व्यवस्था
ड्राफ्ट में कहा गया है कि जो लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदेंगे, उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। पॉलिसी फाइनल न होने के कारण सब्सिडी के स्लैब को गोपनीय रखा जा रहा है, लेकिन यह तय किया जा रहा है कि दो-पहिया, तीन-पहिया, चार-पहिया और बस-ट्रक जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर शुरुआती सब्सिडी दी जाएगी, जो 25 प्रतिशत तक हो सकती है। इसके लिए स्लैब तय किए जाएंगे, और शुरुआती पांच हजार वाहनों पर यह सब्सिडी मिल सकती है। बाद में इसे अपग्रेड किया जाएगा। सरकार के सामने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों के लिए वाहन चार्जिंग की सुविधा दिलाना एक बड़ी चुनौती है, इसलिए पॉलिसी ड्राफ्ट में प्रावधान किया गया है कि किस तरह से किन जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाएं जाएंगे। चार्जिंग के लिए लैंडबैंक तैयार करेंगे
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की चार्जिंग के लिए हर जिले और नगरीय निकाय में लैंडबैंक भी तैयार किए जाएंगे। इन स्थानों पर 33 केवी लाइन डाली जाएगी, ताकि वाहनों की तेजी से चार्जिंग हो सके। नगरीय निकायों से जमीन की तलाश करने के लिए कहा गया है ताकि पॉलिसी मंजूर होते ही काम शुरू हो सके। 33 केवी लाइन डालने और सब स्टेशन बनाने के लिए नगरीय विकास विभाग ने विद्युत वितरण कंपनियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा है ताकि सरकार की प्राथमिकता तय होने पर इस काम में तेजी लाई जा सके। पेट्रोल-डीजल वाहनों पर बढ़ाएंगे टैक्स
प्रस्तावित पॉलिसी में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने और पेट्रोल-डीजल वाहनों को हतोत्साहित करने के लिए टैक्स भी सेस के रूप में लगाया जा सकता है। यह टैक्स उन वाहनों पर लगेगा जो पेट्रोल-डीजल से चलते हैं, ताकि लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की प्लानिंग करें। पोर्टल बताएगा फायदे और नुकसान
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिसमें बताया जाएगा कि अलग-अलग रूट्स पर कहां-कहां ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं, किस चार्जिंग स्टेशन पर वाहन चार्ज हो रहे हैं और कौन से स्टेशन खाली हैं। इसमें यह तुलनात्मक जानकारी भी होगी कि पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच दूरी और समय का अंतर क्या है। साथ ही इसके खर्च के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जागरूक करना होगा कि वाहन से खतरा नहीं
पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक नहीं हैं। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे, ताकि लोगों को बताया जा सके कि इन वाहनों में यात्रा सस्ती और प्रदूषण रहित होगी। इनके आग लगने जैसी घटनाओं के बारे में गलतफहमी को भी दूर किया जाएगा। पड़ोसी राज्यों की तरह टैक्स में छूट दे सरकार
भोपाल ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के आशीष पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब तक इस तरह के वाहनों में पर्याप्त छूट नहीं दिए जाने से लोगों का रुझान ऐसी गाड़ियां खरीदने में कम है। भोपाल में फिलहाल दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की 8 से 10 प्रतिशत तक है। चार पहिया वाहनों का फिगर और कमजोर है। यह एक से डेढ़ प्रतिशत है। एमपी में अभी हाइब्रिड वाहनों की ज्यादा डिमांड है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन पर सभी तरह के टैक्स से छूट दी है और अन्य पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात ने भी कुछ हद तक छूट देने का काम किया है। इसी तरह एमपी की सरकार को चाहिए कि ऐसे वाहनों की खरीदी पर टैक्स में छूट दें और सब्सिडी भी दें। ऐसा हुआ तो इसमें सुधार आएगा। पर्यावरण से है प्यार तो ईवी खरीदें
वरेण्यम मोटर्स के संचालक और टाटा कंपनी के डीलर अवनीश राय और उनके सहयोगी अखिल बताते हैं कि अगर आप अपने पर्यावरण से प्यार करते हैं तो बहुत जल्दी ईवी गाड़ियों की तरफ जाना चाहिए। लोगों से अपील है कि शोरूम में जाकर एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर लें। अकेले टाटा की करीब 150 ईवी गाड़ियां दीपावली पर बिक रही हैं और अन्य सभी कंपनियों की मिलाकर सात सौ से अधिक ईवी कारें अगले चार दिन में बिकने वाली हैं।