एसटीआर के बायसन का होगा विस्थापन:बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजे जाएंगे भारतीय गौर, जनवरी-फरवरी में भेजने की प्लानिंग
एसटीआर के बायसन का होगा विस्थापन:बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजे जाएंगे भारतीय गौर, जनवरी-फरवरी में भेजने की प्लानिंग
नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बायसन (भारतीय गौर) बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की शान बढ़ाएंगे। जिनके भेजने की तैयारी जोरो पर जारी है। जनवरी-फरवरी में 50 बायसन को भेजने की प्लानिंग है। एसटीआर के बड़े कद-काठी वाले 50 बायसनों को बांधवगढ़ भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। एसटीआर से बायसन का दूसरा विस्थापन होगा। पहली बार जून 2023 में संजय टाइगर रिजर्व में 15 बायसन भेजे गए थे। अब 50 बायसन की शिफ्टिंग होगी। मप्र में सबसे ज्यादा बायसन एसटीआर में एसटीआर में जंगली मवेशियों के बीच सबसे बड़ी प्रजाति, भारतीय बायसन जिसे गौर भी कहा जाता है। जो काफी मोटे और बड़े होते हैं। मप्र के जंगलों में बायसन रहते है। प्रदेश में सबसे ज्यादा करीब 5 हजार बायसन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में है। एसटीआर के पूजा नागले ने बताया सतपुड़ा में जल, जंगल जमीन पर्याप्त होने के कारण बायसन की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही बाघ और अन्य वन प्राणियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पहली बार संजय टाइगर रिजर्व भेजे गए थे बायसन एसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले ने बताया कि एसटीआर में बड़ी संख्या में बायसन हैं। जून 2023 में पहली बार बायसन का विस्थापन किया गया था। एसटीआर सहित कई नेशनल पार्क के चिकित्सकों एवं जानकारों की टीम ने तीन दिन में 15 बायसन को संजय टाइगर रिजर्व डुबरी भेजे गए थे। अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजे जाएंगे। इस बार संख्या पिछले साल से तीन गुना रहेगी। जिसकी तैयारी में मैन पावर ज्यादा लगेगा। विस्थापन के लिए बनेगा रूट चार्ट सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में किस जगह से बायसन जंगल से बाहर किए जाएंगे, इसका स्थान चिह्नित किया जा रहा है। इसके बाद जिन वाहनों से बायसन को भेजा जाएगा, उनका रूट चार्ट भी तय किया जाएगा। इसके लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की अलग टीम काम करेगी।
नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बायसन (भारतीय गौर) बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की शान बढ़ाएंगे। जिनके भेजने की तैयारी जोरो पर जारी है। जनवरी-फरवरी में 50 बायसन को भेजने की प्लानिंग है। एसटीआर के बड़े कद-काठी वाले 50 बायसनों को बांधवगढ़ भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। एसटीआर से बायसन का दूसरा विस्थापन होगा। पहली बार जून 2023 में संजय टाइगर रिजर्व में 15 बायसन भेजे गए थे। अब 50 बायसन की शिफ्टिंग होगी। मप्र में सबसे ज्यादा बायसन एसटीआर में एसटीआर में जंगली मवेशियों के बीच सबसे बड़ी प्रजाति, भारतीय बायसन जिसे गौर भी कहा जाता है। जो काफी मोटे और बड़े होते हैं। मप्र के जंगलों में बायसन रहते है। प्रदेश में सबसे ज्यादा करीब 5 हजार बायसन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में है। एसटीआर के पूजा नागले ने बताया सतपुड़ा में जल, जंगल जमीन पर्याप्त होने के कारण बायसन की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही बाघ और अन्य वन प्राणियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पहली बार संजय टाइगर रिजर्व भेजे गए थे बायसन एसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले ने बताया कि एसटीआर में बड़ी संख्या में बायसन हैं। जून 2023 में पहली बार बायसन का विस्थापन किया गया था। एसटीआर सहित कई नेशनल पार्क के चिकित्सकों एवं जानकारों की टीम ने तीन दिन में 15 बायसन को संजय टाइगर रिजर्व डुबरी भेजे गए थे। अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजे जाएंगे। इस बार संख्या पिछले साल से तीन गुना रहेगी। जिसकी तैयारी में मैन पावर ज्यादा लगेगा। विस्थापन के लिए बनेगा रूट चार्ट सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में किस जगह से बायसन जंगल से बाहर किए जाएंगे, इसका स्थान चिह्नित किया जा रहा है। इसके बाद जिन वाहनों से बायसन को भेजा जाएगा, उनका रूट चार्ट भी तय किया जाएगा। इसके लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की अलग टीम काम करेगी।