कंटेनर में लोड जहरीला कचरा, रात में ले जाएंगे:भोपाल से पीथमपुर तक 250Km लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनेगा; इंदौर में विरोध

भोपाल की यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर में लोड हो चुका है। जो काम बचा है, उन्हें बुधवार सुबह से पूरा किया जा रहा है। अनुमान है कि इन कंटेनरों को 250 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आज रात में ही पीथमपुर रवाना कर दिया जाए। अफसरों का कहना है कि कंटेनर उस समय रवाना किए जाएंगे, जब सड़क पर ट्रैफिक नहीं रहेगा। बता दें कि जहरीला कचरे को यूका से ले जाने की तैयारी रविवार दोपहर से शुरू हुई थी। 1 कंटेनर में एवरेज 30 टन कचरा भरा गया है। इस काम में 200 से ज्यादा मजदूर लगे। जिनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई। हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। मंगलवार रात तक कचरे को बैग्स में भरकर उन्हें कंटेनरों में लोड किया गया। 100 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, सुरक्षा में जाएगा कचरा जहरीले कचरे को कड़ी सुरक्षा के साथ ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा। यहां कचरे को रामकी एनवायरो में जलाया जाएगा। बता दें कि, हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक इसे हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी को सरकार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करना है। इसलिए आज या कल रात तक हर हाल में कचरा पीथमपुर भेजना ही है। रामकी कंपनी इसका निष्पादन करेगी। कचरे को ले जाने के दौरान करीब 100 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। सभी रास्ते बंद किए, 200 मीटर का हिस्सा सील फैक्ट्री कैंपस के 200 मीटर के दायरे को सील कर दिया गया है। अंदर जाने के सभी रास्ते बंद किए गए हैं। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगे हैं। गैस कांड के 40 साल बाद पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी के एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग में मजदूर ये कचरा कंटेनर में भर रहे हैं। इधर, 10 से ज्यादा संगठनों ने किया 3 जनवरी को बंद का आह्वान कचरा जलाने के विरोध में 10 से ज्यादा संगठनों ने 3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान किया है। पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच, पीथमपुर ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति, मप्र किसान सभा सहित कई संगठनों का कहना है, भोपाल का कचरा अमेरिका भेजा जाए। वहीं पीथमपुर बचाओ समिति 2 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की तैयारी में है। इंदौर के डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल एल्युमिनी एसोसिएशन ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। एसोसिएशन के सदस्य डॉ. संजय लोढ़े व अन्य सदस्यों द्वारा लगाई गई इस याचिका में बिना ट्रायल और रिसर्च के कचरा निपटान पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय नागरिकों ने भी इसका विरोध किया है। 12 कंटेनर में 5 अलग-अलग तरह का कचरा भेजा जाएगा जहरीले कचरे की मिट्टी भी ले जाएंगे जहरीला कचरा भरते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। हवा में यूनियन कार्बाइड गैस फैलने के कारण 1984 में 5 हजार से अधिक मौतें हुई थी। इसीलिए यूका परिसर में 3 जगहों पर एयर क्वालिटी की मॉनिटरिंग के लिए उपकरण लगाए हैं। इनसे पीएम 10 व पीएम 2.5 के साथ नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड आदि की जांच की जा रही है। कचरा जिस स्थान पर रखा है, उस इलाके की धूल भी कचरे के साथ जाएगी। यदि कहीं कचरा गिरा है तो उस जगह की मिट्टी को भी पीथमपुर ले जाया जाएगा। इस मिट्टी और धूल की भी टेस्टिंग होगी। जांचा जाएगा कि कहीं मिट्‌टी भी तो जहरीली नहीं हुई? ऐसे पैक​ किया गया फक्ट्री के अंदर 337 टन जहरीला कचरा थैलियों में रखा है। इसे खास जंबो बैग में पैक किया गया है। ये एचडीपीई नॉन रिएक्टिव लाइनर के बने हैं। इनमें मटेरियल में कई रिएक्शन नहीं हो सकता। बैग में कचरा भरने के लिए 50 से अधिक लेबर लगे हैं। ये सभी पीपीई किट पहने हैं। ताकि केमिकल के संपर्क में आने पर शरीर को नुकसान न हो। कचरे का निष्पादन कैसे होगा? कंटेनर को भेजने से पहले यहां वजन होगा और पीथमपुर में पहुंचने पर वहां भी वजन किया जाएगा। पीथमपुर में कचरे को रखने के लिए लकड़ी का प्लेटफॉर्म बनाया गया है। यह प्लेटफार्म जमीन से करीब 25 फीट ऊपर बना है। इस कचरे को कब जलाना है, यह फैसला सीपीसीबी के वैज्ञानिकों की टीम करेगी। वही उसे जलाने की पूरी प्रक्रिया तय करेगी। किस मौसम में, कितने तापमान पर और कितनी मात्रा में जलाया जाए, यह फैसला लेने से पहले सैंपल टेस्टिंग भी होगी। पहले 37 टन कचरा जलाया जाएगा। कचरा जलाने में इतना लगेगा समय रामकी एनवायरो में 90 किलोग्राम प्रति घंटे की स्पीड से कचरे को जलाने में 153 दिन यानी 5 महीने 1 दिन का समय लगेगा। 270 किलोग्राम प्रति घंटे की स्पीड से नष्ट करते हैं तो इसे खत्म करने में 51 दिन का वक्त लगेगा। इस रास्ते पीथमपुर पहुंचेगा कचरा हर कंटेनर का एक यूनिक नंबर होगा। ये ट्रक कंटेनर जिस रूट से निकलेंगे उसकी सूचना जिला प्रशासन और पुलिस को दे दी जाएगी। सोमवार को पुलिस को ग्रीन कॉरिडोर के संबंध में जानकारी दी गई। ट्रैफिक रोकने की जिम्मेदारी भोपाल और इंदौर के पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई है। ट्रक करोंद मंडी होते हुए पीपुल्स मॉल, करोंद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर, सीहोर नाका होते हुए इंदौर जा रहे हैं। यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि रात के समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम रहता है। 50 किमी/घंटे की स्पीड से चलेंगे कंटेनर कचरा ले जाने वाले विशेष कंटेनर लगभग 50 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलेंगे। तैयारी के लिए मंगलवार को उच्च अधिकारियों की बैठक भी हुई। इस ग्रीन कॉरिडोर में यह भी तय किया जाएगा कि रास्ते में इन्हें कब, कहां और कितनी देर के लिए रोका जाएगा। इसके अलावा कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और क्विक रिस्पांस टीम रहेगी। हर कंटेनर में दो ड्राइवर रखे गए हैं। धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट एमपी में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक और अन्य अपशिष्ट के निष्पादन के लिये धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है, जहां पर कचरे को जलाने काम किया जाता है। यह प्लांट सेन्ट्रल पॉल्यूश

कंटेनर में लोड जहरीला कचरा, रात में ले जाएंगे:भोपाल से पीथमपुर तक 250Km लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनेगा; इंदौर में विरोध
भोपाल की यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर में लोड हो चुका है। जो काम बचा है, उन्हें बुधवार सुबह से पूरा किया जा रहा है। अनुमान है कि इन कंटेनरों को 250 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर आज रात में ही पीथमपुर रवाना कर दिया जाए। अफसरों का कहना है कि कंटेनर उस समय रवाना किए जाएंगे, जब सड़क पर ट्रैफिक नहीं रहेगा। बता दें कि जहरीला कचरे को यूका से ले जाने की तैयारी रविवार दोपहर से शुरू हुई थी। 1 कंटेनर में एवरेज 30 टन कचरा भरा गया है। इस काम में 200 से ज्यादा मजदूर लगे। जिनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई। हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। मंगलवार रात तक कचरे को बैग्स में भरकर उन्हें कंटेनरों में लोड किया गया। 100 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, सुरक्षा में जाएगा कचरा जहरीले कचरे को कड़ी सुरक्षा के साथ ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा। यहां कचरे को रामकी एनवायरो में जलाया जाएगा। बता दें कि, हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक इसे हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी को सरकार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करना है। इसलिए आज या कल रात तक हर हाल में कचरा पीथमपुर भेजना ही है। रामकी कंपनी इसका निष्पादन करेगी। कचरे को ले जाने के दौरान करीब 100 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। सभी रास्ते बंद किए, 200 मीटर का हिस्सा सील फैक्ट्री कैंपस के 200 मीटर के दायरे को सील कर दिया गया है। अंदर जाने के सभी रास्ते बंद किए गए हैं। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगे हैं। गैस कांड के 40 साल बाद पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी के एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग में मजदूर ये कचरा कंटेनर में भर रहे हैं। इधर, 10 से ज्यादा संगठनों ने किया 3 जनवरी को बंद का आह्वान कचरा जलाने के विरोध में 10 से ज्यादा संगठनों ने 3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान किया है। पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच, पीथमपुर ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति, मप्र किसान सभा सहित कई संगठनों का कहना है, भोपाल का कचरा अमेरिका भेजा जाए। वहीं पीथमपुर बचाओ समिति 2 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की तैयारी में है। इंदौर के डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल एल्युमिनी एसोसिएशन ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। एसोसिएशन के सदस्य डॉ. संजय लोढ़े व अन्य सदस्यों द्वारा लगाई गई इस याचिका में बिना ट्रायल और रिसर्च के कचरा निपटान पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय नागरिकों ने भी इसका विरोध किया है। 12 कंटेनर में 5 अलग-अलग तरह का कचरा भेजा जाएगा जहरीले कचरे की मिट्टी भी ले जाएंगे जहरीला कचरा भरते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। हवा में यूनियन कार्बाइड गैस फैलने के कारण 1984 में 5 हजार से अधिक मौतें हुई थी। इसीलिए यूका परिसर में 3 जगहों पर एयर क्वालिटी की मॉनिटरिंग के लिए उपकरण लगाए हैं। इनसे पीएम 10 व पीएम 2.5 के साथ नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड आदि की जांच की जा रही है। कचरा जिस स्थान पर रखा है, उस इलाके की धूल भी कचरे के साथ जाएगी। यदि कहीं कचरा गिरा है तो उस जगह की मिट्टी को भी पीथमपुर ले जाया जाएगा। इस मिट्टी और धूल की भी टेस्टिंग होगी। जांचा जाएगा कि कहीं मिट्‌टी भी तो जहरीली नहीं हुई? ऐसे पैक​ किया गया फक्ट्री के अंदर 337 टन जहरीला कचरा थैलियों में रखा है। इसे खास जंबो बैग में पैक किया गया है। ये एचडीपीई नॉन रिएक्टिव लाइनर के बने हैं। इनमें मटेरियल में कई रिएक्शन नहीं हो सकता। बैग में कचरा भरने के लिए 50 से अधिक लेबर लगे हैं। ये सभी पीपीई किट पहने हैं। ताकि केमिकल के संपर्क में आने पर शरीर को नुकसान न हो। कचरे का निष्पादन कैसे होगा? कंटेनर को भेजने से पहले यहां वजन होगा और पीथमपुर में पहुंचने पर वहां भी वजन किया जाएगा। पीथमपुर में कचरे को रखने के लिए लकड़ी का प्लेटफॉर्म बनाया गया है। यह प्लेटफार्म जमीन से करीब 25 फीट ऊपर बना है। इस कचरे को कब जलाना है, यह फैसला सीपीसीबी के वैज्ञानिकों की टीम करेगी। वही उसे जलाने की पूरी प्रक्रिया तय करेगी। किस मौसम में, कितने तापमान पर और कितनी मात्रा में जलाया जाए, यह फैसला लेने से पहले सैंपल टेस्टिंग भी होगी। पहले 37 टन कचरा जलाया जाएगा। कचरा जलाने में इतना लगेगा समय रामकी एनवायरो में 90 किलोग्राम प्रति घंटे की स्पीड से कचरे को जलाने में 153 दिन यानी 5 महीने 1 दिन का समय लगेगा। 270 किलोग्राम प्रति घंटे की स्पीड से नष्ट करते हैं तो इसे खत्म करने में 51 दिन का वक्त लगेगा। इस रास्ते पीथमपुर पहुंचेगा कचरा हर कंटेनर का एक यूनिक नंबर होगा। ये ट्रक कंटेनर जिस रूट से निकलेंगे उसकी सूचना जिला प्रशासन और पुलिस को दे दी जाएगी। सोमवार को पुलिस को ग्रीन कॉरिडोर के संबंध में जानकारी दी गई। ट्रैफिक रोकने की जिम्मेदारी भोपाल और इंदौर के पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई है। ट्रक करोंद मंडी होते हुए पीपुल्स मॉल, करोंद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर, सीहोर नाका होते हुए इंदौर जा रहे हैं। यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि रात के समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम रहता है। 50 किमी/घंटे की स्पीड से चलेंगे कंटेनर कचरा ले जाने वाले विशेष कंटेनर लगभग 50 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलेंगे। तैयारी के लिए मंगलवार को उच्च अधिकारियों की बैठक भी हुई। इस ग्रीन कॉरिडोर में यह भी तय किया जाएगा कि रास्ते में इन्हें कब, कहां और कितनी देर के लिए रोका जाएगा। इसके अलावा कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और क्विक रिस्पांस टीम रहेगी। हर कंटेनर में दो ड्राइवर रखे गए हैं। धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट एमपी में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक और अन्य अपशिष्ट के निष्पादन के लिये धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है, जहां पर कचरे को जलाने काम किया जाता है। यह प्लांट सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशानुसार संचालित है। 9 साल पहले हुआ ट्रायल रन... तब हर घंटे जलाया गया था 90 किलो जहरीला कचरा पीथमपुर स्थित इंसीरेनेटर में 13 अगस्त 2015 को भी यूनियन कार्बाइड से 10 मीट्रिक टन जहरीले कचरा निस्पादन के लिए भेजा गया था। तब ट्रायल रन के तौर पर 3 ​दिन इसे जलाया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल रन के दौरान इंसीरेनेटर में हर घंटे 90 किलो कचरा जलाया गया था। इसी ट्रायल रन रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने अब राज्य सरकार को यूनियन कार्बाइड कारखाने में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का निपटान पीथमपुर में करने के निर्देश दिए हैं।