चार भालू रोजाना दोपहर में बाबा की कुटिया पहुंच प्रसाद खाकर लौट रहे

बैकुंठपुर/जनकपुर | यदि भालू रिहायशी इलाके में घुस आए, तो लोग डरकर घरों में ही दुबक जाते हैं, लेकिन ब्लॉक भरतपुर के ग्राम उचेहरा में बाबा की कुटिया में आए दिन भालुओं की आवाजाही बनी रहती है। यहां जंगल में रहने वाले भालू एक निश्चित समय पर बाबा की कुटिया में पहुंचते हैं और प्रसाद खाने के बाद जंगल की ओर लौट जाते हैं। बाबा की कुटिया में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने आते है। यहां विशेष पूजा के बाद भालुओं को प्रसाद दिया जाता हैं। कुटिया में बुजुर्ग महिला के द्वारा भोग बनाया जाता है। चार भालू बाबा की कुटिया में पहुंचे और मजे से प्रसाद ग्रहण करने के बाद चले गए। अक्सर यहां भालू 2 बजे के बाद ही पहुंचते हैं।

चार भालू रोजाना दोपहर में बाबा की कुटिया पहुंच प्रसाद खाकर लौट रहे
बैकुंठपुर/जनकपुर | यदि भालू रिहायशी इलाके में घुस आए, तो लोग डरकर घरों में ही दुबक जाते हैं, लेकिन ब्लॉक भरतपुर के ग्राम उचेहरा में बाबा की कुटिया में आए दिन भालुओं की आवाजाही बनी रहती है। यहां जंगल में रहने वाले भालू एक निश्चित समय पर बाबा की कुटिया में पहुंचते हैं और प्रसाद खाने के बाद जंगल की ओर लौट जाते हैं। बाबा की कुटिया में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने आते है। यहां विशेष पूजा के बाद भालुओं को प्रसाद दिया जाता हैं। कुटिया में बुजुर्ग महिला के द्वारा भोग बनाया जाता है। चार भालू बाबा की कुटिया में पहुंचे और मजे से प्रसाद ग्रहण करने के बाद चले गए। अक्सर यहां भालू 2 बजे के बाद ही पहुंचते हैं।