डॉ. इंदिरा दांगी को संतोष बत्ता स्मृति पुरस्कार:उपन्यास "विपश्यना" के लिए 21हजार और प्रशस्ति पत्र देकर करेंगे सम्मानित

हिंदी साहित्य जगत में अपनी अमूल्य contributions के लिए लेखक और उपन्यासकार डॉ. इंदिरा दांगी को हिंदी भवन भोपाल द्वारा "स्व. श्रीमती संतोष बत्ता स्मृति पुरस्कार 2024" से सम्मानित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित सम्मान में शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और इक्कीस हज़ार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह सम्मान डॉ. दांगी को उनके उपन्यास "विपश्यना" के लिए दिया जा रहा है, जो दो सहेलियों के जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी है। इस उपन्यास में भोपाल गैस कांड की विभीषिका को भी बखूबी उकेरा गया है, जिससे यह न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. इंदिरा दांगी की अब तक 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें नाटक, कहानी और उपन्यास विधा में उनकी गहरी पकड़ नजर आती है। उनके लिखे नाटकों का मंचन अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में भी किया जा चुका है, और वे साहित्यिक क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान बना चुकी हैं। इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार (साहित्य अकादमी - युवा) सहित विभिन्न राज्य सरकारों के लगभग 3 दर्जन पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. दांगी के साहित्य पर कई शोध कार्य हो चुके हैं और उनकी कहानियां देशभर के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाती हैं। उनकी रचनाओं का 11 भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है, और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में उनके साहित्य पर प्रश्न पूछे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि इंदिरा को पद्मश्री के लिए भी वर्ष 2022 में नामांकित किया गया था।

डॉ. इंदिरा दांगी को संतोष बत्ता स्मृति पुरस्कार:उपन्यास "विपश्यना" के लिए 21हजार और प्रशस्ति पत्र देकर करेंगे सम्मानित
हिंदी साहित्य जगत में अपनी अमूल्य contributions के लिए लेखक और उपन्यासकार डॉ. इंदिरा दांगी को हिंदी भवन भोपाल द्वारा "स्व. श्रीमती संतोष बत्ता स्मृति पुरस्कार 2024" से सम्मानित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित सम्मान में शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और इक्कीस हज़ार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह सम्मान डॉ. दांगी को उनके उपन्यास "विपश्यना" के लिए दिया जा रहा है, जो दो सहेलियों के जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी है। इस उपन्यास में भोपाल गैस कांड की विभीषिका को भी बखूबी उकेरा गया है, जिससे यह न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. इंदिरा दांगी की अब तक 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें नाटक, कहानी और उपन्यास विधा में उनकी गहरी पकड़ नजर आती है। उनके लिखे नाटकों का मंचन अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में भी किया जा चुका है, और वे साहित्यिक क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान बना चुकी हैं। इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार (साहित्य अकादमी - युवा) सहित विभिन्न राज्य सरकारों के लगभग 3 दर्जन पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. दांगी के साहित्य पर कई शोध कार्य हो चुके हैं और उनकी कहानियां देशभर के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाती हैं। उनकी रचनाओं का 11 भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है, और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में उनके साहित्य पर प्रश्न पूछे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि इंदिरा को पद्मश्री के लिए भी वर्ष 2022 में नामांकित किया गया था।