39 साल पुराना पुल टूटा, बैरिकेड बिछाकर कर रहे आवाजाही:शहडोल के बाणसागर पुल पर ना तो ठेकेदार, ना ही एमपीआरडीसी के अधिकारी तैनात

शहडोल से रीवा-इलाहाबाद को जोड़ने वाले बाणसागर पुल का ऊपरी हिस्सा 10 जून को एक मीटर तक टूट गया। पुलिस ने तुरंत दोनों तरफ बैरिकेड्स लगाकर मार्ग बंद कर दिया। अब इसकी मरम्मत में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। टूटे पुल के ऊपर एक लोहे की चादर बिछा दी गई है, जिसमें से हर दिन सैकड़ों राहगीर अपनी बाइक खतरों के बीच पार कर रहे हैं। बाइक का असुंतलन बिगड़ते ही सवार पुल से नीचे गिर सकते हैं। मरम्मत का कार्य बेहद धीमा है। जिस कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। 25 से अधिक गांवों के लोग पुल पार कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। मरम्मत कार्य में सिर्फ चार मजदूर लगे हैं। मौके पर न तो ठेकेदार है और न ही एमपीआरडीसी के अधिकारी। 25 से अधिक गांवों के लोग पटरे पर चलकर पुल पार कर रहे हैं। इस खतरनाक आवाजाही को रोकने वाला कोई नहीं है। शहडोल-रीवा-इलाहाबाद का प्रमुख मार्ग स्थानीय निवासी सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि यह शहडोल-रीवा-इलाहाबाद का प्रमुख मार्ग है। मरम्मत कार्य में तेजी लानी चाहिए, लेकिन अधिकारी इसे हलके में ले रहे हैं। पुल पर मरम्मत के लिए एक मीटर चौड़ा गड्ढा बनाया गया है। इस पर एक पटरा लगा दिया गया है, जिस पर लोग चलकर सोन नदी पार कर रहे हैं। 30 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही 1980 में शुरू हुए इस पुल का निर्माण 1986 में पूरा हुआ था। पुल बंद होने से शहडोल से रीवा जाने वाले लोगों को बुढ़वा होकर जाना पड़ रहा है। इससे उन्हें 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। एमपी आरडीसी के प्रबंधक अवधेश कुमार स्वर्णकार का कहना है कि मरम्मत कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लापरवाही की शिकायत मिलने पर वह इसकी जांच कराएंगे।

39 साल पुराना पुल टूटा, बैरिकेड बिछाकर कर रहे आवाजाही:शहडोल के बाणसागर पुल पर ना तो ठेकेदार, ना ही एमपीआरडीसी के अधिकारी तैनात
शहडोल से रीवा-इलाहाबाद को जोड़ने वाले बाणसागर पुल का ऊपरी हिस्सा 10 जून को एक मीटर तक टूट गया। पुलिस ने तुरंत दोनों तरफ बैरिकेड्स लगाकर मार्ग बंद कर दिया। अब इसकी मरम्मत में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। टूटे पुल के ऊपर एक लोहे की चादर बिछा दी गई है, जिसमें से हर दिन सैकड़ों राहगीर अपनी बाइक खतरों के बीच पार कर रहे हैं। बाइक का असुंतलन बिगड़ते ही सवार पुल से नीचे गिर सकते हैं। मरम्मत का कार्य बेहद धीमा है। जिस कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। 25 से अधिक गांवों के लोग पुल पार कर रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। मरम्मत कार्य में सिर्फ चार मजदूर लगे हैं। मौके पर न तो ठेकेदार है और न ही एमपीआरडीसी के अधिकारी। 25 से अधिक गांवों के लोग पटरे पर चलकर पुल पार कर रहे हैं। इस खतरनाक आवाजाही को रोकने वाला कोई नहीं है। शहडोल-रीवा-इलाहाबाद का प्रमुख मार्ग स्थानीय निवासी सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि यह शहडोल-रीवा-इलाहाबाद का प्रमुख मार्ग है। मरम्मत कार्य में तेजी लानी चाहिए, लेकिन अधिकारी इसे हलके में ले रहे हैं। पुल पर मरम्मत के लिए एक मीटर चौड़ा गड्ढा बनाया गया है। इस पर एक पटरा लगा दिया गया है, जिस पर लोग चलकर सोन नदी पार कर रहे हैं। 30 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही 1980 में शुरू हुए इस पुल का निर्माण 1986 में पूरा हुआ था। पुल बंद होने से शहडोल से रीवा जाने वाले लोगों को बुढ़वा होकर जाना पड़ रहा है। इससे उन्हें 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। एमपी आरडीसी के प्रबंधक अवधेश कुमार स्वर्णकार का कहना है कि मरम्मत कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लापरवाही की शिकायत मिलने पर वह इसकी जांच कराएंगे।