दुष्कर्म का आरोपी तहसीलदार 3 महीने से फरार:पीड़िता ने SSP से की गिरफ्तारी की मांग, बोली-SDM बचा रहे हैं आरोपी को

ग्वालियर में शादी का झांसा देकर 17 साल तक महिला से शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान तीन महीने से फरार है। 15 जनवरी को महिला थाना ग्वालियर में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गुरुवार को पीड़िता एसएसपी ऑफिस पहुंची और आवेदन देकर तहसीलदार की गिरफ्तारी की मांग की। महिला ने आरोप लगाया कि ग्वालियर सिटी सेंटर के SDM विनोद सिंह आरोपी को संरक्षण दे रहे हैं। महिला का दावा है कि SDM और तहसीलदार के बीच लगातार फोन पर संपर्क हो रहा है। यदि कॉल डिटेल खंगाली जाए तो आरोपी की लोकेशन और नेटवर्क का पता लगाया जा सकता है। SDM और तहसीलदार ने मिलकर की जमीनों की हेराफेरी पीड़िता का कहना है कि तहसीलदार और SDM लंबे समय से साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने मिलकर शासकीय ज़मीनों को टारगेट किया और अवैध रूप से अपने कब्जे में लेने की कोशिशें कीं। शिकायत में महिला ने लिखा है कि आरोपी को फरार रहने में मदद पहुंचाई जा रही है। यदि पुलिस निष्पक्ष जांच करे और कॉल डिटेल व लोकेशन ट्रेस करे तो तहसीलदार की गिरफ्तारी संभव है। वहीं, SDM विनोद सिंह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "मैं महिला को जानता तक नहीं, तो बचाने का सवाल ही नहीं उठता।" तहसीलदार पर दर्ज हैं 16 आपराधिक मामले शत्रुघ्न सिंह चौहान के खिलाफ पहले से ही हत्या, हत्या के प्रयास, लूट और डकैती जैसे गंभीर धाराओं में कुल 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये मामले मध्यप्रदेश के भिंड और उत्तरप्रदेश के इटावा जिलों में दर्ज हैं। पुलिस इन मामलों की जानकारी पहले ही हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। जिसके आधार पर जिला कोर्ट और हाईकोर्ट ने उसकी ज़मानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली। 2008 में बनाया था संबंध, 2010 में मांग में सिंदूर भरकर शादी थाटीपुर क्षेत्र की रहने वाली 34 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि वह मूल रूप से भिंड की रहने वाली है। वर्ष 2005-06 में उसकी शादी हुई थी लेकिन दो साल बाद पति का निधन हो गया। 2008 में तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान उसके जेठ के संपर्क में आए। आरोप है कि उन्होंने व्यापार में लाभ पहुंचाकर पीड़िता पर दबाव बनाया और शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। 10 अगस्त 2008 को रात 10:30 बजे आरोपी उसके घर भिंड के मानगढ़ पहुंचा और शादी का वादा कर जबरन शारीरिक संबंध बनाए। उसी साल वह नायब तहसीलदार बने और लगातार पीड़िता का शोषण करते रहे। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में मांग में सिंदूर भरकर शादी का नाटक किया। इसके बाद जहां-जहां पोस्टिंग रही, वहां-वहां महिला को साथ रखा। पीड़िता का दावा है कि आरोपी उसका खर्चा भी उठाता रहा। 2014 में बेटे का जन्म, DNA टेस्ट कराने की चुनौती महिला का कहना है कि वर्ष 2014 में उसके बेटे का जन्म हुआ, और वह शत्रुघ्न सिंह चौहान का ही पुत्र है। जरूरत पड़ी तो उसका DNA टेस्ट कराया जा सकता है। 15 जनवरी 2025 को ग्वालियर के महिला थाने में आरोपी तहसीलदार के खिलाफ शादी का झांसा देकर रेप की FIR दर्ज कराई गई थी। लेकिन इसके तीन महीने बाद भी पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

दुष्कर्म का आरोपी तहसीलदार 3 महीने से फरार:पीड़िता ने SSP से की गिरफ्तारी की मांग, बोली-SDM बचा रहे हैं आरोपी को
ग्वालियर में शादी का झांसा देकर 17 साल तक महिला से शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान तीन महीने से फरार है। 15 जनवरी को महिला थाना ग्वालियर में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गुरुवार को पीड़िता एसएसपी ऑफिस पहुंची और आवेदन देकर तहसीलदार की गिरफ्तारी की मांग की। महिला ने आरोप लगाया कि ग्वालियर सिटी सेंटर के SDM विनोद सिंह आरोपी को संरक्षण दे रहे हैं। महिला का दावा है कि SDM और तहसीलदार के बीच लगातार फोन पर संपर्क हो रहा है। यदि कॉल डिटेल खंगाली जाए तो आरोपी की लोकेशन और नेटवर्क का पता लगाया जा सकता है। SDM और तहसीलदार ने मिलकर की जमीनों की हेराफेरी पीड़िता का कहना है कि तहसीलदार और SDM लंबे समय से साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने मिलकर शासकीय ज़मीनों को टारगेट किया और अवैध रूप से अपने कब्जे में लेने की कोशिशें कीं। शिकायत में महिला ने लिखा है कि आरोपी को फरार रहने में मदद पहुंचाई जा रही है। यदि पुलिस निष्पक्ष जांच करे और कॉल डिटेल व लोकेशन ट्रेस करे तो तहसीलदार की गिरफ्तारी संभव है। वहीं, SDM विनोद सिंह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "मैं महिला को जानता तक नहीं, तो बचाने का सवाल ही नहीं उठता।" तहसीलदार पर दर्ज हैं 16 आपराधिक मामले शत्रुघ्न सिंह चौहान के खिलाफ पहले से ही हत्या, हत्या के प्रयास, लूट और डकैती जैसे गंभीर धाराओं में कुल 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये मामले मध्यप्रदेश के भिंड और उत्तरप्रदेश के इटावा जिलों में दर्ज हैं। पुलिस इन मामलों की जानकारी पहले ही हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। जिसके आधार पर जिला कोर्ट और हाईकोर्ट ने उसकी ज़मानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली। 2008 में बनाया था संबंध, 2010 में मांग में सिंदूर भरकर शादी थाटीपुर क्षेत्र की रहने वाली 34 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि वह मूल रूप से भिंड की रहने वाली है। वर्ष 2005-06 में उसकी शादी हुई थी लेकिन दो साल बाद पति का निधन हो गया। 2008 में तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान उसके जेठ के संपर्क में आए। आरोप है कि उन्होंने व्यापार में लाभ पहुंचाकर पीड़िता पर दबाव बनाया और शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। 10 अगस्त 2008 को रात 10:30 बजे आरोपी उसके घर भिंड के मानगढ़ पहुंचा और शादी का वादा कर जबरन शारीरिक संबंध बनाए। उसी साल वह नायब तहसीलदार बने और लगातार पीड़िता का शोषण करते रहे। 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में मांग में सिंदूर भरकर शादी का नाटक किया। इसके बाद जहां-जहां पोस्टिंग रही, वहां-वहां महिला को साथ रखा। पीड़िता का दावा है कि आरोपी उसका खर्चा भी उठाता रहा। 2014 में बेटे का जन्म, DNA टेस्ट कराने की चुनौती महिला का कहना है कि वर्ष 2014 में उसके बेटे का जन्म हुआ, और वह शत्रुघ्न सिंह चौहान का ही पुत्र है। जरूरत पड़ी तो उसका DNA टेस्ट कराया जा सकता है। 15 जनवरी 2025 को ग्वालियर के महिला थाने में आरोपी तहसीलदार के खिलाफ शादी का झांसा देकर रेप की FIR दर्ज कराई गई थी। लेकिन इसके तीन महीने बाद भी पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।