मझगवां में दो बाघिनों ने 6 शावकों को जन्म दिया:3 महीने में 34 पहुंची बाघों की संख्या; सुरक्षा के लिए 16 ट्रैप कैमरे लगे

सतना के चित्रकूट उप वन मंडल के मझगवां रेंज में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वन विभाग के अनुसार, सरभंगा वन क्षेत्र में नवंबर से जनवरी के बीच दो बाघिनों ने 6 शावकों को जन्म दिया है। रेंजर पंकज दुबे ने बताया कि पिपरीटोला में एक बाघिन ने 5 महीने पहले और कररिया बीट में दूसरी बाघिन ने 3 महीने पहले 3-3 शावकों को जन्म दिया। शावकों की सुरक्षा के लिए दोनों क्षेत्रों में 7-7 अतिरिक्त ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। प्रत्येक क्षेत्र में 8 घंटे की दो शिफ्ट में 5-5 सदस्यों की टीम तैनात की गई है। निगरानी के लिए 40 वन प्रहरी तैनात नए शावकों के जन्म के बाद सरभंगा सर्किल में बाघों की कुल संख्या 34 हो गई है। वर्तमान में 25 बाघ और 3 बाघिनें भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं। वन विभाग ने बाघों की निगरानी के लिए 40 वन प्रहरी तैनात किए हैं। साथ ही 16 नाइट विजन ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और 200 अतिरिक्त कैमरों की मांग की गई है। 9 साल बाद खारिज हुआ ब्रीडिंग सेंटर का प्रस्ताव सरभंगा का जंगल बाघों के लिए प्राकृतिक आवास है। यहां शाकाहारी वन्य प्राणियों की अधिकता और जल संसाधनों की उपलब्धता है। 2016 में तत्कालीन डीएफओ आरबी शर्मा ने यहां टाइगर रिजर्व और ब्रीडिंग सेंटर का प्रस्ताव दिया था। लेकिन खदान माफिया के दबाव में 9 सालों तक लंबित रहने के बाद ये प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। पन्ना से आई बाघिन ने दिया 18 शावकों को जन्म तकरीबन 13 साल पहले पन्ना के टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क से सरभंगा पहुंची एक बाघिन पी-213 (22) ने यहां स्थायी तौर पर डेरा डाल रखा है। वन अफसरों के मुताबिक 13 साल के दौरान इस टाइग्रेस ने 6 बार में 18 शावकों को जन्म दिया है। अब ये बूढ़ी हो चुकी है। बाघिन ने जून 2024 में आखिरी बार तीन शावकों को जन्म दिया था। बाघों की वंशवृद्धि में इस बाघिन की अहम भूमिका मानी गई है।

मझगवां में दो बाघिनों ने 6 शावकों को जन्म दिया:3 महीने में 34 पहुंची बाघों की संख्या; सुरक्षा के लिए 16 ट्रैप कैमरे लगे
सतना के चित्रकूट उप वन मंडल के मझगवां रेंज में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वन विभाग के अनुसार, सरभंगा वन क्षेत्र में नवंबर से जनवरी के बीच दो बाघिनों ने 6 शावकों को जन्म दिया है। रेंजर पंकज दुबे ने बताया कि पिपरीटोला में एक बाघिन ने 5 महीने पहले और कररिया बीट में दूसरी बाघिन ने 3 महीने पहले 3-3 शावकों को जन्म दिया। शावकों की सुरक्षा के लिए दोनों क्षेत्रों में 7-7 अतिरिक्त ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। प्रत्येक क्षेत्र में 8 घंटे की दो शिफ्ट में 5-5 सदस्यों की टीम तैनात की गई है। निगरानी के लिए 40 वन प्रहरी तैनात नए शावकों के जन्म के बाद सरभंगा सर्किल में बाघों की कुल संख्या 34 हो गई है। वर्तमान में 25 बाघ और 3 बाघिनें भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं। वन विभाग ने बाघों की निगरानी के लिए 40 वन प्रहरी तैनात किए हैं। साथ ही 16 नाइट विजन ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और 200 अतिरिक्त कैमरों की मांग की गई है। 9 साल बाद खारिज हुआ ब्रीडिंग सेंटर का प्रस्ताव सरभंगा का जंगल बाघों के लिए प्राकृतिक आवास है। यहां शाकाहारी वन्य प्राणियों की अधिकता और जल संसाधनों की उपलब्धता है। 2016 में तत्कालीन डीएफओ आरबी शर्मा ने यहां टाइगर रिजर्व और ब्रीडिंग सेंटर का प्रस्ताव दिया था। लेकिन खदान माफिया के दबाव में 9 सालों तक लंबित रहने के बाद ये प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। पन्ना से आई बाघिन ने दिया 18 शावकों को जन्म तकरीबन 13 साल पहले पन्ना के टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क से सरभंगा पहुंची एक बाघिन पी-213 (22) ने यहां स्थायी तौर पर डेरा डाल रखा है। वन अफसरों के मुताबिक 13 साल के दौरान इस टाइग्रेस ने 6 बार में 18 शावकों को जन्म दिया है। अब ये बूढ़ी हो चुकी है। बाघिन ने जून 2024 में आखिरी बार तीन शावकों को जन्म दिया था। बाघों की वंशवृद्धि में इस बाघिन की अहम भूमिका मानी गई है।