वर्दी वाला ठग-सीआरपीएफ का जवान बनकर करता था सफर:रिचार्ज कराने के बहाने देख लेता था पिन, फिर मोबाइल लेकर हो जाता था फरार
वर्दी वाला ठग-सीआरपीएफ का जवान बनकर करता था सफर:रिचार्ज कराने के बहाने देख लेता था पिन, फिर मोबाइल लेकर हो जाता था फरार
जबलपुर जीआरपी पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो अपने आपको सीआरपीएफ का जवान बताकर पहले तो सेना के जवानों से दोस्ती करता था, फिर बड़े ही शातिराना अंदाज में ठगी किया करता था। जीआरपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश निवासी ठग को राजस्थान जोधपुर से पकड़ा है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने जो तरीका पुलिस को बताया उसे सुनकर अधिकारी भी दंग रह गए। ठग का नाम अरविंद तिवारी है, जो बलिया का रहने वाला है। आरोपी ने अभी तक आधा दर्जन से अधिक ठगी की वारदात को कबूल किया है। ये आरोपी ट्रेन में चलने वाले सेना के जवानों को अपना शिकार बनाया करता था। पूछताछ के दौरान आरोपी ने लाखों रुपए की ठगी करना कबूल किया है। शातिर ठग ने अभी तक नेवी, आईटीबीपी और आर्मी के सैनिकों को अपना निशाना बनाया है।
सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर करता था सफर 26 वर्षीय अरविंद तिवारी उर्फ विराट हमेशा सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर सफर किया करता था। इस दौरान ये सेना के जवानों के साथ बैठा करता था। साथ में बैठकर ये भी अपने आपको सैनिक बताते हुए दोस्ती करता और फिर उनका मोबाइल लेकर फरार हो जाता। 6 जून को नेवी के एक जवान ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत जबलपुर जीआरपी पुलिस से की थी, तभी से उसकी तलाश की जा रही थी। खोए हुए मोबाइल की लोकेशन जब पुलिस ने खंगाली तो इसकी मौजूदगी उत्तरप्रदेश के बलिया स्थित एक गांव में मिली थी, पुलिस मौके पर पहुंची पर उससे पहले यह राजस्थान जोधपुर चला गया था, जहां 8 अप्रैल को उसे गिरफ्तार करने के बाद 9 अप्रैल को जबलपुर लाया गया। 6 जून को नेवी के सैनिक को ठगा आरोपी अरविंद तिवारी उर्फ विराट 6 जून 2024 को गोदान एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहा था। इस दौरान उसने नेवी के एक जवान सांई कुमार से दोस्ती की। आरोपी ने सांई कुमार से कहा कि उसके मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो गया, क्या वह 250 रुपए लेकर मोबाइल रिचार्ज कर सकता है। सांई ने अरविंद से पैसे लिए और रिचार्ज कर दिया। सांई कुमार जब फोन-पे का पिन टाइप कर रहा था, उस समय अरविंद ने पिन देख लिया था। इसके बाद काफी देर तक अरविंद सांई से बात करता रहा। शातिर ठग ने बताया कि वह सीआरपीएफ में पदस्थ है। इस बीच बातों-बातों में अरविंद ने सांई का मोबाइल काॅल करने के लिए मांगा और फिर कुछ देर बाद जैसे ही सांई कुमार की नजर उससे हटी तो वह गायब हो गया। दूसरे के मोबाइल पर रुपए कर देता था ट्रांसफर बीएससी तक की पढ़ाई करने वाला अरविंद तिवारी अच्छी अंग्रेजी बोलता है, यही वजह है कि एक तो सीआरपीएफ की वर्दी और दूसरा इंग्लिश भाषा का उपयोग करने के कारण लोग इस पर शक नहीं करते थे। आरोपी ने नेवी के जवान को ठगने के बाद राजस्थान में एक व्यक्ति के खाते में यह कहते हुए 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर केस ले लिए कि उसका एटीएम कार्ड घर में छूट गया है। सीआरपीएफ का जवान समझकर लोग इसकी मदद भी कर दिया करते थे। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि सांई कुमार के अलावा इसने 4 अक्टूबर को आर्मी के एक जवान अजीत सिंह के साथ इसी तरह से ठगी करते हुए करीब 50 हजार, आईटीबीपी के जवान श्रीराम मालाकर से 97 हजार की मोबाइल से ठगी की थी। सतना जिले की महिला को ठगा आरोपी ने पूछताछ के दौरान जीआरपी पुलिस को बताया कि मार्च में ट्रेन में सफर के दौरान इसी तरह से सतना जिले के रामपुर बाघेलान में रहने वाली महिला के साथ भी ठगी की थी। यहां पर भी इसने ट्रेन में महिला से जवान बनकर दोस्ती की और फिर मोबाइल रिचार्ज करने को कहा, तब भी इसने महिला का पिन नंबर देख लिया, और फिर काॅल करने के बहाने मोबाइल लेकर फरार हो गया। अरविंद ने बताया कि वह 2015-16 से इसी तरह से ठगी करता आ रहा है, पर आज तक पकड़ा नहीं गया। बीएससी तक की पढ़ाई किया अरविंद का कहना था कि महंगे शौक के चलते इसने ठगी करना शुरू किया था। गूगल में सर्च किया था ठगी का तरीका उत्तरप्रदेश के बलिया निवासी अरविंद ने बताया कि ठगी का तरीका उसने गूगल से सर्च किया था। पहली बार जब इस तरह से ठगी की तो सामने वाला व्यक्ति बड़ी ही आसानी से इसका शिकार बन गया। अरविंद यह अच्छे से समझ चुका था कि आर्मी की वर्दी पहनकर सफर करने में ना ही जीआरपी-आरपीएफ को शक होता था और ना ही यात्रियों को, यही वजह है कि वह आज तक कभी पकड़ा नहीं गया। आरोपी ने बताया कि मोबाइल से ठगी करने के बाद जितना पैसा ट्रांसफर होता, वह करता और फिर उसके बाद मोबाइल को बंद करके फेंक दिया करता था। बहरहाल जीआरपी पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड लेगी। संभावना है कि पूछताछ के दौरान ठगी के सैकड़ों केस निकलकर सामने आ सकते हैं। जबलपुर जीआरपी पुलिस ने अन्य जिलों के थानों में भी आरोपी की फोटो भेजकर सूचना दी है, जिसके जरिए और भी थानों की पुलिस पूछताछ कर सकती है।
जबलपुर जीआरपी पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो अपने आपको सीआरपीएफ का जवान बताकर पहले तो सेना के जवानों से दोस्ती करता था, फिर बड़े ही शातिराना अंदाज में ठगी किया करता था। जीआरपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश निवासी ठग को राजस्थान जोधपुर से पकड़ा है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने जो तरीका पुलिस को बताया उसे सुनकर अधिकारी भी दंग रह गए। ठग का नाम अरविंद तिवारी है, जो बलिया का रहने वाला है। आरोपी ने अभी तक आधा दर्जन से अधिक ठगी की वारदात को कबूल किया है। ये आरोपी ट्रेन में चलने वाले सेना के जवानों को अपना शिकार बनाया करता था। पूछताछ के दौरान आरोपी ने लाखों रुपए की ठगी करना कबूल किया है। शातिर ठग ने अभी तक नेवी, आईटीबीपी और आर्मी के सैनिकों को अपना निशाना बनाया है।
सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर करता था सफर 26 वर्षीय अरविंद तिवारी उर्फ विराट हमेशा सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर सफर किया करता था। इस दौरान ये सेना के जवानों के साथ बैठा करता था। साथ में बैठकर ये भी अपने आपको सैनिक बताते हुए दोस्ती करता और फिर उनका मोबाइल लेकर फरार हो जाता। 6 जून को नेवी के एक जवान ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत जबलपुर जीआरपी पुलिस से की थी, तभी से उसकी तलाश की जा रही थी। खोए हुए मोबाइल की लोकेशन जब पुलिस ने खंगाली तो इसकी मौजूदगी उत्तरप्रदेश के बलिया स्थित एक गांव में मिली थी, पुलिस मौके पर पहुंची पर उससे पहले यह राजस्थान जोधपुर चला गया था, जहां 8 अप्रैल को उसे गिरफ्तार करने के बाद 9 अप्रैल को जबलपुर लाया गया। 6 जून को नेवी के सैनिक को ठगा आरोपी अरविंद तिवारी उर्फ विराट 6 जून 2024 को गोदान एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहा था। इस दौरान उसने नेवी के एक जवान सांई कुमार से दोस्ती की। आरोपी ने सांई कुमार से कहा कि उसके मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो गया, क्या वह 250 रुपए लेकर मोबाइल रिचार्ज कर सकता है। सांई ने अरविंद से पैसे लिए और रिचार्ज कर दिया। सांई कुमार जब फोन-पे का पिन टाइप कर रहा था, उस समय अरविंद ने पिन देख लिया था। इसके बाद काफी देर तक अरविंद सांई से बात करता रहा। शातिर ठग ने बताया कि वह सीआरपीएफ में पदस्थ है। इस बीच बातों-बातों में अरविंद ने सांई का मोबाइल काॅल करने के लिए मांगा और फिर कुछ देर बाद जैसे ही सांई कुमार की नजर उससे हटी तो वह गायब हो गया। दूसरे के मोबाइल पर रुपए कर देता था ट्रांसफर बीएससी तक की पढ़ाई करने वाला अरविंद तिवारी अच्छी अंग्रेजी बोलता है, यही वजह है कि एक तो सीआरपीएफ की वर्दी और दूसरा इंग्लिश भाषा का उपयोग करने के कारण लोग इस पर शक नहीं करते थे। आरोपी ने नेवी के जवान को ठगने के बाद राजस्थान में एक व्यक्ति के खाते में यह कहते हुए 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर केस ले लिए कि उसका एटीएम कार्ड घर में छूट गया है। सीआरपीएफ का जवान समझकर लोग इसकी मदद भी कर दिया करते थे। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि सांई कुमार के अलावा इसने 4 अक्टूबर को आर्मी के एक जवान अजीत सिंह के साथ इसी तरह से ठगी करते हुए करीब 50 हजार, आईटीबीपी के जवान श्रीराम मालाकर से 97 हजार की मोबाइल से ठगी की थी। सतना जिले की महिला को ठगा आरोपी ने पूछताछ के दौरान जीआरपी पुलिस को बताया कि मार्च में ट्रेन में सफर के दौरान इसी तरह से सतना जिले के रामपुर बाघेलान में रहने वाली महिला के साथ भी ठगी की थी। यहां पर भी इसने ट्रेन में महिला से जवान बनकर दोस्ती की और फिर मोबाइल रिचार्ज करने को कहा, तब भी इसने महिला का पिन नंबर देख लिया, और फिर काॅल करने के बहाने मोबाइल लेकर फरार हो गया। अरविंद ने बताया कि वह 2015-16 से इसी तरह से ठगी करता आ रहा है, पर आज तक पकड़ा नहीं गया। बीएससी तक की पढ़ाई किया अरविंद का कहना था कि महंगे शौक के चलते इसने ठगी करना शुरू किया था। गूगल में सर्च किया था ठगी का तरीका उत्तरप्रदेश के बलिया निवासी अरविंद ने बताया कि ठगी का तरीका उसने गूगल से सर्च किया था। पहली बार जब इस तरह से ठगी की तो सामने वाला व्यक्ति बड़ी ही आसानी से इसका शिकार बन गया। अरविंद यह अच्छे से समझ चुका था कि आर्मी की वर्दी पहनकर सफर करने में ना ही जीआरपी-आरपीएफ को शक होता था और ना ही यात्रियों को, यही वजह है कि वह आज तक कभी पकड़ा नहीं गया। आरोपी ने बताया कि मोबाइल से ठगी करने के बाद जितना पैसा ट्रांसफर होता, वह करता और फिर उसके बाद मोबाइल को बंद करके फेंक दिया करता था। बहरहाल जीआरपी पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड लेगी। संभावना है कि पूछताछ के दौरान ठगी के सैकड़ों केस निकलकर सामने आ सकते हैं। जबलपुर जीआरपी पुलिस ने अन्य जिलों के थानों में भी आरोपी की फोटो भेजकर सूचना दी है, जिसके जरिए और भी थानों की पुलिस पूछताछ कर सकती है।