राजस्थान के ऊर्जा मंत्री से खास बातचीत:छग के दो और कोल ब्लॉक से राजस्थान को जल्द मिलेगा कोयला सीएसआर से अस्पताल बनाने व ढाई लाख पेड़ लगाने की तैयारी भी
राजस्थान के ऊर्जा मंत्री से खास बातचीत:छग के दो और कोल ब्लॉक से राजस्थान को जल्द मिलेगा कोयला सीएसआर से अस्पताल बनाने व ढाई लाख पेड़ लगाने की तैयारी भी
राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कोयले पर राजस्थान के तीन पावर प्लांट निर्भर हैं। अभी परसा ईस्ट कांता बेसिन (पीईकेबी) ब्लॉक से राजस्थान को नौ से दस रेक कोयला मिल रहा है, जबकि उन्हें 20 से 22 रेक कोयले की जरूरत है। इसलिए प्रदेश के दो और कोल ब्लाक पसरा और केटे एक्सटेंशन को जल्द शुरू करने का आग्रह उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से की है। सीएसआर मद से अस्पताल शुरू करने तथा ढाई लाख पेड़ लगाने की तैयारी भी की जा रही है। नागर ने दैनिक भास्कर से इस मुद्दे पर खुलकर बातचीत की। छत्तीसगढ़ के कोयले से राजस्थान के कितने प्लांट निर्भर हैं?
- राजस्थान के 4350 मेगावाट के तीन पावर प्लांट छपरा, कालीसिंध और सूरतगढ़ पॉवर प्लांट छत्तीसगढ़ के कोयले पर निर्भर है। अभी पीईकेबी से कोयला ले रहे हैं। दो और कोल ब्लॉक में जल्द काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इनमें से एक की जनसुनवाई पूरी की जा चुकी है जबकि दूसरे की जनसुनवाई जल्द होने वाली है। दो और कोल ब्लॉक शुरू नहीं होने से क्या असर पड़ेगा?
- ऐसी स्थिति में हमें कोल इंडिया से कोयला खरीदना पड़ेगा। जो कि यहां से 40 फीसदी ज्यादा कीमत पर मिलेगा क्योंकि उनका कहना है कि हमने आपको कोल ब्लाक आबंटित कर दिया है। यदि आप उसे डवलप नहीं करेंगे और प्रोडक्शन नहीं कर पाएंगे तो हम कोयला तो दे देंगे लेकिन इसके लिए सरकार को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। सरगुजा भी होकर आए हैं वहां क्या प्लानिंग चल रही है?
- सरगुजा के पीईकेबी ब्लाॅक में नौ मेगावाट की सौर परियोजना और खनन की आधुनिक डोजर पुश ऑपरेशन पद्धति का उद्घाटन किया। इस दौरान राजस्थान विद्युत उत्पादन लिमिटेड(आरवीयूएनएल) द्वारा लगाए गए साढ़े 11 लाख पेड़ों के शानदार जंगल का दौरा किया। इस साल ढाई लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। राजस्थान सरकार सरगुजा में सीएसआर के तहत और क्या काम कर रही है?
- आरवीयूएनएल सरगुजा के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएसआर के तहत पीईकेबी खदान के पास 25 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, गांव की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कृषि में पहल की गई है। इसी तरह अदानी विद्या मंदिर में 900 बच्चों का भविष्य संवर रहा है। जहां पर उन्हीं की माताओं द्वारा तैयार भोजन बच्चों को परोसा जाता है। राजस्थान की योजना से सरगुजा के कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?
- पीईकेबी कोल ब्लॉक, आरवीयूएनएल थर्मल पॉवर स्टेशनों की 50 फीसदी से अधिक कोयले की आवश्यकता को पूरा करता है। इससे दस हजार लोगों को रोजगार मिला है। वहीं परसा और केटे एक्सटेंशन को विकसित करने से रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे। हमने वहां स्किल डवलपमेंट कोर्स से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के निर्देश भी दिए हैं। कांग्रेस शासनकाल के दौरान कोई विवाद था क्या जिसके कारण यह शुरू नहीं किया जा सका था?
- कोई विवाद नहीं था। इस पर केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी। राज्य स्तर पर भी सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी थी। सरकार बदलने के बाद डीएफओं स्तर के अधिकारी की चिट्ठी से वहां काम शुरू किया जा रहा है। एक की जनसुनवाई होनी बाकी है। वहां ग्रामीणों के कोई सुझाव आएंगे तो उसे दूर कर सभी की सलाह से इसे शुरु करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कोयले पर राजस्थान के तीन पावर प्लांट निर्भर हैं। अभी परसा ईस्ट कांता बेसिन (पीईकेबी) ब्लॉक से राजस्थान को नौ से दस रेक कोयला मिल रहा है, जबकि उन्हें 20 से 22 रेक कोयले की जरूरत है। इसलिए प्रदेश के दो और कोल ब्लाक पसरा और केटे एक्सटेंशन को जल्द शुरू करने का आग्रह उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से की है। सीएसआर मद से अस्पताल शुरू करने तथा ढाई लाख पेड़ लगाने की तैयारी भी की जा रही है। नागर ने दैनिक भास्कर से इस मुद्दे पर खुलकर बातचीत की। छत्तीसगढ़ के कोयले से राजस्थान के कितने प्लांट निर्भर हैं?
- राजस्थान के 4350 मेगावाट के तीन पावर प्लांट छपरा, कालीसिंध और सूरतगढ़ पॉवर प्लांट छत्तीसगढ़ के कोयले पर निर्भर है। अभी पीईकेबी से कोयला ले रहे हैं। दो और कोल ब्लॉक में जल्द काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इनमें से एक की जनसुनवाई पूरी की जा चुकी है जबकि दूसरे की जनसुनवाई जल्द होने वाली है। दो और कोल ब्लॉक शुरू नहीं होने से क्या असर पड़ेगा?
- ऐसी स्थिति में हमें कोल इंडिया से कोयला खरीदना पड़ेगा। जो कि यहां से 40 फीसदी ज्यादा कीमत पर मिलेगा क्योंकि उनका कहना है कि हमने आपको कोल ब्लाक आबंटित कर दिया है। यदि आप उसे डवलप नहीं करेंगे और प्रोडक्शन नहीं कर पाएंगे तो हम कोयला तो दे देंगे लेकिन इसके लिए सरकार को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। सरगुजा भी होकर आए हैं वहां क्या प्लानिंग चल रही है?
- सरगुजा के पीईकेबी ब्लाॅक में नौ मेगावाट की सौर परियोजना और खनन की आधुनिक डोजर पुश ऑपरेशन पद्धति का उद्घाटन किया। इस दौरान राजस्थान विद्युत उत्पादन लिमिटेड(आरवीयूएनएल) द्वारा लगाए गए साढ़े 11 लाख पेड़ों के शानदार जंगल का दौरा किया। इस साल ढाई लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। राजस्थान सरकार सरगुजा में सीएसआर के तहत और क्या काम कर रही है?
- आरवीयूएनएल सरगुजा के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएसआर के तहत पीईकेबी खदान के पास 25 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, गांव की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कृषि में पहल की गई है। इसी तरह अदानी विद्या मंदिर में 900 बच्चों का भविष्य संवर रहा है। जहां पर उन्हीं की माताओं द्वारा तैयार भोजन बच्चों को परोसा जाता है। राजस्थान की योजना से सरगुजा के कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?
- पीईकेबी कोल ब्लॉक, आरवीयूएनएल थर्मल पॉवर स्टेशनों की 50 फीसदी से अधिक कोयले की आवश्यकता को पूरा करता है। इससे दस हजार लोगों को रोजगार मिला है। वहीं परसा और केटे एक्सटेंशन को विकसित करने से रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे। हमने वहां स्किल डवलपमेंट कोर्स से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के निर्देश भी दिए हैं। कांग्रेस शासनकाल के दौरान कोई विवाद था क्या जिसके कारण यह शुरू नहीं किया जा सका था?
- कोई विवाद नहीं था। इस पर केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी। राज्य स्तर पर भी सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी थी। सरकार बदलने के बाद डीएफओं स्तर के अधिकारी की चिट्ठी से वहां काम शुरू किया जा रहा है। एक की जनसुनवाई होनी बाकी है। वहां ग्रामीणों के कोई सुझाव आएंगे तो उसे दूर कर सभी की सलाह से इसे शुरु करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।