करैरा में 21 कन्याओं का हुआ सामूहिक विवाह:पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा में जोड़ों ने लिए फेरे, मुख्यमंत्री ने वचुर्अली दिया आशीर्वाद

शिवपुरी के करैरा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के पांचवे दिन के पूर्ण होने के बाद शुक्रवार की शाम से राम विवाह पंचमी के अवसर पर 21 कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया गया जो देर रात तक चलता रहा। इस मौके पर लाखों की संख्या में लोग पांडाल में डटे रहे। धीरेंद्र शास्त्री सहित संत समाज की उपस्थिति में यह आयोजन और भी पवित्र हो गया। इस मौके पर महंत रामदास महाराज दंदरौआ सरकार और महंत अनिरुद्धाचार्य महाराज धूमेश्वर सरकार ने विवाह संस्कार में भाग लिया और नवविवाहित जोडियों को आशीर्वाद प्रदान किया। इतना ही नही मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस आयोजन में वर्चुअल जुड़े और वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा इस दिन विवाह होना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि यह दिन भगवान राम और माता सीता के पवित्र मिलन का प्रतीक है। जैसे भगवान राम और सीता का विवाह लोक कल्याण का मार्ग बना, वैसे ही यह विवाह भी समाज में आदर्श स्थापित करेगा। उन्होंने कहा हर कथा में अगर सामूहिक विवाह होने लगे तो बेटियों के घर बसने तो कथा का महत्त्व ओट बढ़ जाएगा।

करैरा में 21 कन्याओं का हुआ सामूहिक विवाह:पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा में जोड़ों ने लिए फेरे, मुख्यमंत्री ने वचुर्अली दिया आशीर्वाद
शिवपुरी के करैरा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के पांचवे दिन के पूर्ण होने के बाद शुक्रवार की शाम से राम विवाह पंचमी के अवसर पर 21 कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया गया जो देर रात तक चलता रहा। इस मौके पर लाखों की संख्या में लोग पांडाल में डटे रहे। धीरेंद्र शास्त्री सहित संत समाज की उपस्थिति में यह आयोजन और भी पवित्र हो गया। इस मौके पर महंत रामदास महाराज दंदरौआ सरकार और महंत अनिरुद्धाचार्य महाराज धूमेश्वर सरकार ने विवाह संस्कार में भाग लिया और नवविवाहित जोडियों को आशीर्वाद प्रदान किया। इतना ही नही मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस आयोजन में वर्चुअल जुड़े और वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा इस दिन विवाह होना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि यह दिन भगवान राम और माता सीता के पवित्र मिलन का प्रतीक है। जैसे भगवान राम और सीता का विवाह लोक कल्याण का मार्ग बना, वैसे ही यह विवाह भी समाज में आदर्श स्थापित करेगा। उन्होंने कहा हर कथा में अगर सामूहिक विवाह होने लगे तो बेटियों के घर बसने तो कथा का महत्त्व ओट बढ़ जाएगा।