साल 2020 मार्च के महीने में पूरी दुनिया में कोविड महामारी फैली। उस दौरान लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया, वहीं कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी। जिससे कंपनियों में काम भी होता रहे और लोग भी महामारी से बचते रहे। महामारी के चार साल बाद भी कई कंपनियों में ये वर्क फ्रॉम होम की सुविधा जारी है। जबकि कई कंपनियों ने इसे बंद कर दिया है।
वैसे तो वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को काफी आराम होता है लेकिन कई बार कर्मचारी इसका गलत फायदा भी उठाते हैं। कई कर्मचारी काम के लिए माउस जिगलर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये टेक्नोलॉजी कई कर्मचारियों के लिए बुरा सपना साबित हुआ है।
बता दें कि, हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स फार्गो नाम की कंपनी ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। कंपनी ने कर्मचारियों को इस वजह से निकाला क्योंकि वह माउस जिगलर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे।
माउस जिगलर क्या है?
माउस जिगलर एक तरह का सॉफ्टवेयर है। इसे आसान भाषा में माउस मूवमेंट भी कहते हैं, इसमें तकनीक में कंप्यूटर या लैपटॉप स्लीप मोड में नहीं जाता है। ऐसे में एक्टिविटी बनी रहती है। जिससे कंपनी को लगता है कि कर्मचारी काम कर रहा है लेकिन सच तो इसका उल्टा ही होता है।
माउस जिगलर एक तरह का फ्रर्जी कीबोर्ड एक्टिविटी सॉफ्टवेयर है। कई कंपनी स्क्रीन टाइम रीडर का इस्तेमाल करती है। स्क्रीन टाइम रीडर से ये पता चलता है कि कर्मचारी का डेक्सटॉप एक्टिव है भी या नहीं। ऐसे में डेक्सटॉप एक्टिव रहे इसके लिए कर्मचारी माउस जिगलर का इस्तेमाल करते हैं।