नोएडा में सभी फ्लोर लेनी होगी NOC तब लगेगी लिफ्ट:4 फ्लोर के भवनों में लिफ्ट लगवाने के लिए पॉलिसी में किया गया बदलाव

नोएडा में चार मंजिला भवनों में लिफ्ट लगवाने की पॉलिसी में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब जिस ब्लाक और टावर के लिफ्ट लगाने के लिए अनुरोध किया जाएगा। उस टावर और ब्लाक के सभी तलों के आवंटियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। इसके बाद ही प्राधिकरण की ओर से लिफ्ट लगाने की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले प्रथम तल और उसके ऊपरी तलों के 50 प्रतिशत से अधिक फ्लैट आवंटियों द्वारा अनापत्ति का शपथ पत्र लिया जाता था। इस संशोधन को प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड में पास किया। नोएडा के कई सेक्टरों में प्राधिकरण और निजी बिल्डरों द्वारा चार मंजिला के भवनों का निर्माण किया गया है। नोएडा की भवन नियमावली के तहत ये फ्लैट बहुमंजिला की श्रेणी में नहीं आते। ऐसे में इन भवनों में लिफ्ट लगाने के लिए प्राधिकरण बाध्य नहीं है। हालांकि यहां बुजुर्ग की संख्या को बढ़ते देख लिफ्ट लगवाने के लिए सेक्टर वासियों की ओर से लगातार डिमांड की जाती रही। 186वीं बोर्ड में पास हुआ पहला प्रस्ताव ऐसे में प्राधिकरण ने 186 बोर्ड बैठक में इससे संबंधित एक प्रस्ताव रखकर उसे पास किया। जिसके तहत जिस टावर में लिफ्ट लगानी है उसके प्रथम तल और ऊपरी तल से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। संबंधित सोसाइटी और आरडब्ल्यूए से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। निर्माण का खर्चा आवेदन कर्ता को उठाना पड़ेगा। फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लेनी होगी। इसे लागू किया। लेकिन इस बीच एक सोसाइटी के निवासियों ने आपत्ति उठाई कि लिफ्ट लगवाने में हमारी सहमति होनी ज़रुरी है। ये लोग बाकी तल पर रहने वाले है। ऐसे में 190वीं बोर्ड ने प्रथम के साथ ऊपर के सभी फ्लोर वालों की 50 प्रतिशत संख्या में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया। जिसमें ग्राउंड फ्लोर को इस अनापत्ति से दूर रखा गया। इसे लागू किया गया। अब सभी तल के लोगों से लेनी होगी एनओसी लेकिन इस बार ग्राउंड फ्लोर निवासियों ने आपत्ति लगाई कि लिफ्ट से स्ट्रक्चर और कॉमन एरिया को कम किया जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक में नियम को संशोधित किया गया। और ग्राउंड समेत सभी तलों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की बद ही लिफ्ट लगवाने के लिए आवेदन करने के क्लॉज को पास किया गया।

नोएडा में सभी फ्लोर लेनी होगी NOC तब लगेगी लिफ्ट:4 फ्लोर के भवनों में लिफ्ट लगवाने के लिए पॉलिसी में किया गया बदलाव
नोएडा में चार मंजिला भवनों में लिफ्ट लगवाने की पॉलिसी में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब जिस ब्लाक और टावर के लिफ्ट लगाने के लिए अनुरोध किया जाएगा। उस टावर और ब्लाक के सभी तलों के आवंटियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। इसके बाद ही प्राधिकरण की ओर से लिफ्ट लगाने की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले प्रथम तल और उसके ऊपरी तलों के 50 प्रतिशत से अधिक फ्लैट आवंटियों द्वारा अनापत्ति का शपथ पत्र लिया जाता था। इस संशोधन को प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड में पास किया। नोएडा के कई सेक्टरों में प्राधिकरण और निजी बिल्डरों द्वारा चार मंजिला के भवनों का निर्माण किया गया है। नोएडा की भवन नियमावली के तहत ये फ्लैट बहुमंजिला की श्रेणी में नहीं आते। ऐसे में इन भवनों में लिफ्ट लगाने के लिए प्राधिकरण बाध्य नहीं है। हालांकि यहां बुजुर्ग की संख्या को बढ़ते देख लिफ्ट लगवाने के लिए सेक्टर वासियों की ओर से लगातार डिमांड की जाती रही। 186वीं बोर्ड में पास हुआ पहला प्रस्ताव ऐसे में प्राधिकरण ने 186 बोर्ड बैठक में इससे संबंधित एक प्रस्ताव रखकर उसे पास किया। जिसके तहत जिस टावर में लिफ्ट लगानी है उसके प्रथम तल और ऊपरी तल से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। संबंधित सोसाइटी और आरडब्ल्यूए से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। निर्माण का खर्चा आवेदन कर्ता को उठाना पड़ेगा। फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लेनी होगी। इसे लागू किया। लेकिन इस बीच एक सोसाइटी के निवासियों ने आपत्ति उठाई कि लिफ्ट लगवाने में हमारी सहमति होनी ज़रुरी है। ये लोग बाकी तल पर रहने वाले है। ऐसे में 190वीं बोर्ड ने प्रथम के साथ ऊपर के सभी फ्लोर वालों की 50 प्रतिशत संख्या में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया। जिसमें ग्राउंड फ्लोर को इस अनापत्ति से दूर रखा गया। इसे लागू किया गया। अब सभी तल के लोगों से लेनी होगी एनओसी लेकिन इस बार ग्राउंड फ्लोर निवासियों ने आपत्ति लगाई कि लिफ्ट से स्ट्रक्चर और कॉमन एरिया को कम किया जा रहा है। ऐसे में प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक में नियम को संशोधित किया गया। और ग्राउंड समेत सभी तलों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की बद ही लिफ्ट लगवाने के लिए आवेदन करने के क्लॉज को पास किया गया।