भोपाल में 830 ग्राम के प्रीमैच्योर बेबी का सफल इलाज:सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने नवजात का किया उपचार
भोपाल में 830 ग्राम के प्रीमैच्योर बेबी का सफल इलाज:सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने नवजात का किया उपचार
भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में जन्मे एक्सट्रीम प्रीमेच्योर (समय से पूर्व) शिशु का सफल इलाज हुआ है । 32 वर्षीय महिला गर्भावस्था में हॉस्पिटल के इमरजेंसी में आई थी और उन्हें हाई बल्ड प्रेशर, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और प्रसव पीड़ा की कई जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था । डॉ. सपना बजाज जैन के नेतृत्व में टीम ने इस शिशु का जन्म मात्र 26 सप्ताह की गर्भावस्था में किया और उसका वजन जन्म के बाद मात्र 830 ग्राम रहा था । हॉस्पिटल की बाल एवं नवजात चिकित्सा टीम ने कुशलता से उसका इलाज SMH ICU में किया और आज 60 दिन के बाद शिशु NICU से स्वस्थ होकर 2 किलोग्राम वजन के साथ हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा रहा है। सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. महेंद्र जैन एमबीबीएस, एमडी, डीएम (नियोनेटोलॉजी) डायरेक्टर, बाल एवं नवजात चिकित्सा व उनकी टीम ने प्रीमेच्योर शिशु का SMH ICU में ध्यान रखा व इलाज किया । उन्होंने बताया कि सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की टीम के प्रयास, विशेष रूप से KMC और मां के दूध पर जोर ने परिणामों में उल्लेखनीय सुधार किया है और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद की है। मध्यप्रदेश और देश भर में नवजात मृत्यु दर की चुनौती का सामना करने के लिए सही प्रशिक्षण, विशेषज्ञता, और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग अस्पताल की सफलता का आधार है। शिशु को मां के दूध पर लाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिससे शिशु की रिकवरी में तेजी आई। अब शिशु पूरी तरह स्वस्थ है शिशु के अभिभावकों को उसकी देखभाल के लिए प्रशिक्षित कर दिया गया है।
भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में जन्मे एक्सट्रीम प्रीमेच्योर (समय से पूर्व) शिशु का सफल इलाज हुआ है । 32 वर्षीय महिला गर्भावस्था में हॉस्पिटल के इमरजेंसी में आई थी और उन्हें हाई बल्ड प्रेशर, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और प्रसव पीड़ा की कई जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था । डॉ. सपना बजाज जैन के नेतृत्व में टीम ने इस शिशु का जन्म मात्र 26 सप्ताह की गर्भावस्था में किया और उसका वजन जन्म के बाद मात्र 830 ग्राम रहा था । हॉस्पिटल की बाल एवं नवजात चिकित्सा टीम ने कुशलता से उसका इलाज SMH ICU में किया और आज 60 दिन के बाद शिशु NICU से स्वस्थ होकर 2 किलोग्राम वजन के साथ हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा रहा है। सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. महेंद्र जैन एमबीबीएस, एमडी, डीएम (नियोनेटोलॉजी) डायरेक्टर, बाल एवं नवजात चिकित्सा व उनकी टीम ने प्रीमेच्योर शिशु का SMH ICU में ध्यान रखा व इलाज किया । उन्होंने बताया कि सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की टीम के प्रयास, विशेष रूप से KMC और मां के दूध पर जोर ने परिणामों में उल्लेखनीय सुधार किया है और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद की है। मध्यप्रदेश और देश भर में नवजात मृत्यु दर की चुनौती का सामना करने के लिए सही प्रशिक्षण, विशेषज्ञता, और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग अस्पताल की सफलता का आधार है। शिशु को मां के दूध पर लाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिससे शिशु की रिकवरी में तेजी आई। अब शिशु पूरी तरह स्वस्थ है शिशु के अभिभावकों को उसकी देखभाल के लिए प्रशिक्षित कर दिया गया है।