पं. धीरेंद्र शास्त्री की "सनातन हिन्दू एकता" पदयात्रा आज से:9 दिनों में करेंगे 160 किमी का सफर; देश के प्रसिद्ध लोग होंगे शामिल
पं. धीरेंद्र शास्त्री की "सनातन हिन्दू एकता" पदयात्रा आज से:9 दिनों में करेंगे 160 किमी का सफर; देश के प्रसिद्ध लोग होंगे शामिल
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री आज (गुरुवार) से "सनातन हिन्दू एकता" पदयात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। 9 दिनों में यात्रा बागेश्वर धाम से रामराजा मंदिर ओरछा तक करीब 160 किमी का सफर तय करेगी। 9 दिनों तक चलने वाली यात्रा में कुल 8 पड़ाव होंगे। यात्रा में देश के प्रसिद्ध संत और फिल्म, संगीत सहित अन्य क्षेत्रों के प्रसिद्ध लोग शामिल हो रहे है। यात्रा सुबह 8 बजे बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर के दर्शन और राष्ट्रीय ध्वज, भगवा ध्वज फहराकर प्रारंभ की जाएगी। बागेश्वर धाम से प्रारंभ होने वाली यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी। पदयात्रा को देश के अनेक जाने-माने संतों की उपस्थिति में प्रारंभ किया जाएगा। पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा को लेकर बताया कि देश भर का हिन्दू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जाति भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है। इस पदयात्रा का उद्देश्य हिंदुओं को जगा कर भारत को सामथ्र्यवान बनाना है। यही जागृत हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगा। उन्हाेंने कहा कि हमें तलवारों के बल पर नहीं, बल्कि विचारों के माध्यम से सभी सनातनियों में परिवर्तन लाना है। विभिन्न पंथों में बटे सनातन हिंदुओं को कट्टर हिन्दू बनाने के लिए यह एकता यात्रा निकाली जा रही है। हम मिशन और विजन लेकर चल रहे हैं। सब हिन्दू जात-पात का भेद खत्म करें, यही यात्रा का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी अनेक सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं। लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पूर्व से पंजीयन कराए हैं जबकि इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में शामिल होने और उत्साह के साथ यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है। यह संत रहेंगे उपस्थित बागेश्वर महाराज की यह यात्रा 21 नवंबर को बालाजी मंदिर बागेश्वर धाम से प्रारंभ होकर छतरपुर, नौगांव, निवाड़ी, मऊरानीपुर होते हुए 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा मंदिर पहुंचेगी। धाम के संत सम्मेलन प्रभारी रोहित रिछारिया ने बताया कि 21 नवंबर को इस यात्रा के शुभारंभ पर जगतगुरु तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य द्वारा भगवा ध्वज दिखाना तय किया गया है। लेकिन, आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण उनकी उपस्थिति पर संशय है। उनके अलावा गुरुवार को देश के जाने-माने संत गोपाल मणि, कथा व्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज और सुदामा कुटी वृंदावन के महंत उपस्थित रहेंगे। इसके बाद इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास, जगतगुरू राघवाचार्य, देश के जाने-माने कथा व्यास अनिरुद्धाचार्य, कृष्ण चन्द्र ठाकुर, मृदुल कांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोर दास जी महाराज, भिंड से दंदरौआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंद देव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत उपस्थित रहेंगे। महापुरुषों की झांकियां और बालाजी का रथ चलेगा इस पदयात्रा में सभी हिन्दू समाजों को एकजुट करने के उद्देश्य से विभिन्न समाजों के महापुरुषों को झांकियों के रूप में सम्मिलित किया जा रहा है। यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं जिनमें गौ रथ, महापुरुषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल है। इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ को खींचने वाले बुन्देलखण्ड के खली बद्री विश्वकर्मा भी उपस्थित रहेंगे। पूरी पदयात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिक शंकर सोनी, सुरेश बाबू खरे, राकेश असाटी आदि राष्ट्रध्वज तिरंगा और भगवा ध्वज लेकर चलेंगे। इस पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। पदयात्रा के दौरान कई डीजे वाहन, घोड़े, बग्घी आदि भी सम्मिलित होंगे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, चार स्तर का होगा सुरक्षा घेरा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों तक पहुंच चुकी है। उनकी इस यात्रा में किसी प्रकार का विघ्र उत्पन्न न हो इसलिए मप्र सरकार और उप्र सरकार की ओर से सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। चार दिनों तक यह यात्रा छतरपुर जिले में ही रहेगी। छतरपुर एसपी अगम जैन ने बताया कि यात्रा की सुरक्षा के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय और सागर पुलिस मुख्यालय से 600 पुलिस जवान भेजे गए हैं। इसके अलावा जिले का पुलिस अमला भी व्यवस्था में तैनात होगा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर 160 किमी तक चलने वाली इस पदयात्रा में पैदल ही निकलेंगे। इसलिए, उनकी सुरक्षा को लेकर भी चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। मध्य में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कुछ संत होंगे। इसके बाद उनकी वाई श्रेणी के सुरक्षाकर्मी, तीसरे घेरे में पुलिस की रस्सा पार्टी और चौथे घेरे में बागेश्वर धाम के सेवादारों की एक रस्सा पार्टी चलेगी। यात्रा में कई जानी-मानी हस्तियां होंगी शामिल बागेश्वर धाम जनसेवा समिति की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में अब तक देश की कई जानी-मानी हस्तियों के आने की स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें फिल्म स्टार संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी, कन्हैया मित्तल, कॉमेडियन श्याम रंगीला, अभिनेत्री अक्षरा सिंह, गायक शीतल पाण्डेय दिल्ली, बुन्देली गायिका कविता शर्मा, बुन्देली कलाकार हिमालय यादव, सोनू तिवारी, बिन्नू रानी, गायिका अंजली द्विवेदी और जाने-माने कवि कुमार विश्वास के नाम शामिल हैं। ये लोग अलग-अलग तरीकों पर इस यात्रा में सम्मिलित होंगे। 62 स्थानों पर स्वागत, तीन स्थानों पर होगा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री आज (गुरुवार) से "सनातन हिन्दू एकता" पदयात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। 9 दिनों में यात्रा बागेश्वर धाम से रामराजा मंदिर ओरछा तक करीब 160 किमी का सफर तय करेगी। 9 दिनों तक चलने वाली यात्रा में कुल 8 पड़ाव होंगे। यात्रा में देश के प्रसिद्ध संत और फिल्म, संगीत सहित अन्य क्षेत्रों के प्रसिद्ध लोग शामिल हो रहे है। यात्रा सुबह 8 बजे बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर के दर्शन और राष्ट्रीय ध्वज, भगवा ध्वज फहराकर प्रारंभ की जाएगी। बागेश्वर धाम से प्रारंभ होने वाली यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी। पदयात्रा को देश के अनेक जाने-माने संतों की उपस्थिति में प्रारंभ किया जाएगा। पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा को लेकर बताया कि देश भर का हिन्दू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जाति भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है। इस पदयात्रा का उद्देश्य हिंदुओं को जगा कर भारत को सामथ्र्यवान बनाना है। यही जागृत हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगा। उन्हाेंने कहा कि हमें तलवारों के बल पर नहीं, बल्कि विचारों के माध्यम से सभी सनातनियों में परिवर्तन लाना है। विभिन्न पंथों में बटे सनातन हिंदुओं को कट्टर हिन्दू बनाने के लिए यह एकता यात्रा निकाली जा रही है। हम मिशन और विजन लेकर चल रहे हैं। सब हिन्दू जात-पात का भेद खत्म करें, यही यात्रा का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी अनेक सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं। लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पूर्व से पंजीयन कराए हैं जबकि इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में शामिल होने और उत्साह के साथ यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है। यह संत रहेंगे उपस्थित बागेश्वर महाराज की यह यात्रा 21 नवंबर को बालाजी मंदिर बागेश्वर धाम से प्रारंभ होकर छतरपुर, नौगांव, निवाड़ी, मऊरानीपुर होते हुए 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा मंदिर पहुंचेगी। धाम के संत सम्मेलन प्रभारी रोहित रिछारिया ने बताया कि 21 नवंबर को इस यात्रा के शुभारंभ पर जगतगुरु तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य द्वारा भगवा ध्वज दिखाना तय किया गया है। लेकिन, आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण उनकी उपस्थिति पर संशय है। उनके अलावा गुरुवार को देश के जाने-माने संत गोपाल मणि, कथा व्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज और सुदामा कुटी वृंदावन के महंत उपस्थित रहेंगे। इसके बाद इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास, जगतगुरू राघवाचार्य, देश के जाने-माने कथा व्यास अनिरुद्धाचार्य, कृष्ण चन्द्र ठाकुर, मृदुल कांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोर दास जी महाराज, भिंड से दंदरौआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंद देव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत उपस्थित रहेंगे। महापुरुषों की झांकियां और बालाजी का रथ चलेगा इस पदयात्रा में सभी हिन्दू समाजों को एकजुट करने के उद्देश्य से विभिन्न समाजों के महापुरुषों को झांकियों के रूप में सम्मिलित किया जा रहा है। यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं जिनमें गौ रथ, महापुरुषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल है। इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ को खींचने वाले बुन्देलखण्ड के खली बद्री विश्वकर्मा भी उपस्थित रहेंगे। पूरी पदयात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिक शंकर सोनी, सुरेश बाबू खरे, राकेश असाटी आदि राष्ट्रध्वज तिरंगा और भगवा ध्वज लेकर चलेंगे। इस पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। पदयात्रा के दौरान कई डीजे वाहन, घोड़े, बग्घी आदि भी सम्मिलित होंगे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, चार स्तर का होगा सुरक्षा घेरा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों तक पहुंच चुकी है। उनकी इस यात्रा में किसी प्रकार का विघ्र उत्पन्न न हो इसलिए मप्र सरकार और उप्र सरकार की ओर से सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। चार दिनों तक यह यात्रा छतरपुर जिले में ही रहेगी। छतरपुर एसपी अगम जैन ने बताया कि यात्रा की सुरक्षा के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय और सागर पुलिस मुख्यालय से 600 पुलिस जवान भेजे गए हैं। इसके अलावा जिले का पुलिस अमला भी व्यवस्था में तैनात होगा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर 160 किमी तक चलने वाली इस पदयात्रा में पैदल ही निकलेंगे। इसलिए, उनकी सुरक्षा को लेकर भी चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। मध्य में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कुछ संत होंगे। इसके बाद उनकी वाई श्रेणी के सुरक्षाकर्मी, तीसरे घेरे में पुलिस की रस्सा पार्टी और चौथे घेरे में बागेश्वर धाम के सेवादारों की एक रस्सा पार्टी चलेगी। यात्रा में कई जानी-मानी हस्तियां होंगी शामिल बागेश्वर धाम जनसेवा समिति की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में अब तक देश की कई जानी-मानी हस्तियों के आने की स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें फिल्म स्टार संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी, कन्हैया मित्तल, कॉमेडियन श्याम रंगीला, अभिनेत्री अक्षरा सिंह, गायक शीतल पाण्डेय दिल्ली, बुन्देली गायिका कविता शर्मा, बुन्देली कलाकार हिमालय यादव, सोनू तिवारी, बिन्नू रानी, गायिका अंजली द्विवेदी और जाने-माने कवि कुमार विश्वास के नाम शामिल हैं। ये लोग अलग-अलग तरीकों पर इस यात्रा में सम्मिलित होंगे। 62 स्थानों पर स्वागत, तीन स्थानों पर होगा भोजन बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की इस हिन्दू एकता पदयात्रा को लेकर उनके गृह जिले छतरपुर में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। यह पदयात्रा जिस मार्ग से गुजरेगी उस मार्ग पर पैदल यात्रियों के स्वागत, स्वल्पाहार, भोजन आदि के लिए व्यापक व्यवस्था की गई हैं।
21 नवंबर को पदयात्रा बागेश्वर धाम से प्रारंभ होगी। इसके बाद गढ़ा तिराहे, टुरया तिराहे, मड़तला, बसारी स्टैंड, डीपी पब्लिक स्कूल, हरिकृपा रेस्टोरेंट, महिन्द्रा एजेंसी पर पैदल यात्रियों को स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है। पदयात्रा शाम होते-होते कदारी फार्मेसी कॉलेज पहुंचेगी जहां पदयात्रियों के भोजन एवं रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। यहां संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिसमें बुन्देली कलाकार हरिया भैया और सोनू तिवारी अपनी प्रस्तुति देंगे। 22 नवंबर की सुबह यह पदयात्रा कदारी से प्रारंभ होकर गठेवरा पहुंचेगी, जहां पदयात्रियों को दोपहर को भोजन कराया जाएगा। इसके बाद पदयात्रा आगे बढ़ती हुई रुद्राक्ष होटल से छतरपुर शहर में प्रवेश करेगी। यात्रा 22 को दिन भर छतरपुर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरेगी। छत्रसाल चौराहे पर बागेश्वर महाराज के द्वारा एक सभा की जाएगी। इस सभा में हैदराबाद के हिन्दू नेता टी राजा भी शामिल होंगे। 22 नवंबर की शाम यह पदयात्रा बस स्टैंड होते हुए नौगांव रोड के पेप्टेक टाउन में पहुंचेगी जहां रात्रि भोजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम व बागेश्वर महाराज के प्रवचन होंगे। यहां दिल्ली के जाने-माने गायक शीतल पाण्डेय, बिन्नू रानी और हिमालय यादव भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। नौगांव में कुमार विश्वास, अक्षरा सिंह होंगे शामिल हिन्दू एकता पदयात्रा 23 नवंबर को मऊसहानियां के महाराजा छत्रसाल शौर्य पीठ पर महाराजा छत्रसाल को प्रणाम करते हुए दोपहर भोजन के साथ आगे बढ़ती हुई नौगांव पहुंचेगी। नौगांव के शांति कॉलेज में यात्रियों का रात्रि विश्राम है और यहीं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के अनेक राष्ट्रवादी कवियों के साथ-साथ कुमार विश्वास और भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह सम्मिलित होंगी। 24 नवंबर को देवरी गेस्ट हाउस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बुन्देली गायिका कविता शर्मा और जानी-मानी गायिका अंजली द्विवेदी प्रस्तुति देंगी। 25 नवंबर को मऊरानीपुर में संजय दत्त, पहलवान खली, कॉमेडियन श्याम रंगीला और वीआईपी अपनी प्रस्तुति देंगे। 26 को गुजरात के लोक गायक कीर्तिदान गढ़वी और 27 को कन्हैया मित्तल यात्रा में शामिल होंगे। इसके अलावा अनेक कलाकारों की स्वीकृति आना शेष है।