लक्ष्मी माता की मूर्ति बिठाई, 5 दिनी उत्सव:दुर्गा उत्सव की तरह गरबा कर रही मातृशक्ति, आज हवन-पूजन और कन्या भोज
लक्ष्मी माता की मूर्ति बिठाई, 5 दिनी उत्सव:दुर्गा उत्सव की तरह गरबा कर रही मातृशक्ति, आज हवन-पूजन और कन्या भोज
गणेश उत्सव, दुर्गात्सव की तरह लक्ष्मी पूजा के लिए 5 दिन से कार्यक्रम हो रहे हैं। गांव वालों ने चौराहे पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापना कराई हैं। महिलाएं गरबा कर मां लक्ष्मी की आराधना कर रही हैं। इस तरह का दीवाली महोत्सव बीते दो साल से हो रहा हैं। लक्ष्मी पूजा की नई परपंरा को खंडवा के ग्राम अहमदपुर खैगांव (आनंदपुर) ने आत्मसात किया गया है। आयोजन समिति लामढ़ाडिया परिवार के मुताबिक, लक्ष्मी पूजन को लेकर बच्चों में काफी उत्साह रहता हैं। गांव में अब गणेश जी, दुर्गा जी के साथ लक्ष्मी जी की मूर्ति भी लाकर बिठाई जाती हैं। एकादशी से लेकर अमावस्या तक धूमधाम से पर्व मनाते हैं। शाम को आरती के बाद भव्य आतिशबाजी होती हैं। महिलाएं भजन-कीर्तन के साथ गरबा करती हैं। गरबा, महाआरती के अलावा अमावस्या के दिन 56 भोग, कन्या भोज तथा हवन यज्ञ का आयोजन होता हैं। पूरा गांव बड़े ही हर्ष एवं उत्साह के साथ दीपावली मनाता हैं। बता दें कि अहमदपुर खैगांव उन्नत खेती के लिए मशहूर हैं। यहीं वजह है कि जिले के आर्थिक संपन्न गांवों में यह शामिल हैं। कई अवसरों पर धार्मिक आयोजन कर सनातन के प्रति बच्चों को जागरूक किया जा रहा है।
गणेश उत्सव, दुर्गात्सव की तरह लक्ष्मी पूजा के लिए 5 दिन से कार्यक्रम हो रहे हैं। गांव वालों ने चौराहे पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापना कराई हैं। महिलाएं गरबा कर मां लक्ष्मी की आराधना कर रही हैं। इस तरह का दीवाली महोत्सव बीते दो साल से हो रहा हैं। लक्ष्मी पूजा की नई परपंरा को खंडवा के ग्राम अहमदपुर खैगांव (आनंदपुर) ने आत्मसात किया गया है। आयोजन समिति लामढ़ाडिया परिवार के मुताबिक, लक्ष्मी पूजन को लेकर बच्चों में काफी उत्साह रहता हैं। गांव में अब गणेश जी, दुर्गा जी के साथ लक्ष्मी जी की मूर्ति भी लाकर बिठाई जाती हैं। एकादशी से लेकर अमावस्या तक धूमधाम से पर्व मनाते हैं। शाम को आरती के बाद भव्य आतिशबाजी होती हैं। महिलाएं भजन-कीर्तन के साथ गरबा करती हैं। गरबा, महाआरती के अलावा अमावस्या के दिन 56 भोग, कन्या भोज तथा हवन यज्ञ का आयोजन होता हैं। पूरा गांव बड़े ही हर्ष एवं उत्साह के साथ दीपावली मनाता हैं। बता दें कि अहमदपुर खैगांव उन्नत खेती के लिए मशहूर हैं। यहीं वजह है कि जिले के आर्थिक संपन्न गांवों में यह शामिल हैं। कई अवसरों पर धार्मिक आयोजन कर सनातन के प्रति बच्चों को जागरूक किया जा रहा है।