हरदा में होली के बाद मनाई शीतला सप्तमी:गढ़ीपूरा मंदिर में लगा भक्तों का तांता; लगाया बासी भोजन का भोग, जरूरतमंदों में होगा वितरित

हरदा के गढ़ीपूरा मोहल्ला स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में शुक्रवार को शीतला सप्तमी पर्व मनाया गया। सुबह से ही मंदिर में महिलाओं की लंबी कतार लग गई। हर साल की तरह इस वर्ष भी अल सुबह से मंदिर में महिला श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ देखी गई। मंदिर के पुजारी प्रमोद उपाध्याय ने बताया कि मंदिर में चढ़ने वाले भोग को जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जाएगा। होली के बाद मनाई जाने वाली इस शीतला सप्तमी पर महिलाओं ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जा रही है। शीतला सप्तमी पर खाते है बांसी भाेजन महिलाओं ने नारियल, फूल, कुमकुम और चावल से पूजा की, माता को जल चढ़ाकर बासी भोजन का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि परंपरा के अनुसार, शीतला सप्तमी पर घरों में चूल्हे नहीं जलाए जाते। लोग एक दिन पहले ही भोजन तैयार कर लेते हैं। मान्यता मानने वाले परिवारों ने भगवान को अगरबत्ती और दीपक भी बिना जलाए अर्पित किए। यहां भी हुए आयाेजन शहर के अन्य मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ रही। गुर्जर बोर्डिंग के पास का मंदिर, खेतवाली माता मंदिर, दुर्गा मंदिर तवा कालोनी, हरदौल बाबा मंदिर और काली मंदिर समेत कई स्थानों पर पूजा-पाठ का क्रम चला। भोग लगाने के बाद गौ माता को भी भोजन दिया गया।

हरदा में होली के बाद मनाई शीतला सप्तमी:गढ़ीपूरा मंदिर में लगा भक्तों का तांता; लगाया बासी भोजन का भोग, जरूरतमंदों में होगा वितरित
हरदा के गढ़ीपूरा मोहल्ला स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में शुक्रवार को शीतला सप्तमी पर्व मनाया गया। सुबह से ही मंदिर में महिलाओं की लंबी कतार लग गई। हर साल की तरह इस वर्ष भी अल सुबह से मंदिर में महिला श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ देखी गई। मंदिर के पुजारी प्रमोद उपाध्याय ने बताया कि मंदिर में चढ़ने वाले भोग को जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जाएगा। होली के बाद मनाई जाने वाली इस शीतला सप्तमी पर महिलाओं ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जा रही है। शीतला सप्तमी पर खाते है बांसी भाेजन महिलाओं ने नारियल, फूल, कुमकुम और चावल से पूजा की, माता को जल चढ़ाकर बासी भोजन का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि परंपरा के अनुसार, शीतला सप्तमी पर घरों में चूल्हे नहीं जलाए जाते। लोग एक दिन पहले ही भोजन तैयार कर लेते हैं। मान्यता मानने वाले परिवारों ने भगवान को अगरबत्ती और दीपक भी बिना जलाए अर्पित किए। यहां भी हुए आयाेजन शहर के अन्य मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ रही। गुर्जर बोर्डिंग के पास का मंदिर, खेतवाली माता मंदिर, दुर्गा मंदिर तवा कालोनी, हरदौल बाबा मंदिर और काली मंदिर समेत कई स्थानों पर पूजा-पाठ का क्रम चला। भोग लगाने के बाद गौ माता को भी भोजन दिया गया।