जानकी नवमी पर ओरछा में उमड़े श्रद्धालु:सीताराम धुन और सुंदरकांड से गूंजा जानकी जू मंदिर, दर्शन के लिए दूर-दूर से आईं महिलाएं

ओरछा के प्रसिद्ध जानकी जू मंदिर में जानकी नवमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मुख्य पुजारी हरीश दुबे ने प्रात:काल मां जानकी जू का अभिषेक और श्रृंगार किया। इसके बाद मंदिर में हवन और पूजन का आयोजन हुआ। दोपहर 12 बजे मां जानकी जू की विशेष आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आरती के उपरांत मंदिर परिसर में श्री सीताराम धुन बजी। संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। महिला मंडल और भजन मंडलियों ने पारंपरिक बधाई गीत प्रस्तुत किए। श्रद्धालु भाव-विभोर होकर नृत्य करते नजर आए। कार्यक्रम के समापन पर मंदिर समिति ने सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा। मुख्य पुजारी ने कहा कि जानकी नवमी त्याग, प्रेम और समर्पण की सीख देती है। यह उत्सव ओरछा की धार्मिक परंपराओं का प्रतीक बन गया है।

जानकी नवमी पर ओरछा में उमड़े श्रद्धालु:सीताराम धुन और सुंदरकांड से गूंजा जानकी जू मंदिर, दर्शन के लिए दूर-दूर से आईं महिलाएं
ओरछा के प्रसिद्ध जानकी जू मंदिर में जानकी नवमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मुख्य पुजारी हरीश दुबे ने प्रात:काल मां जानकी जू का अभिषेक और श्रृंगार किया। इसके बाद मंदिर में हवन और पूजन का आयोजन हुआ। दोपहर 12 बजे मां जानकी जू की विशेष आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आरती के उपरांत मंदिर परिसर में श्री सीताराम धुन बजी। संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। महिला मंडल और भजन मंडलियों ने पारंपरिक बधाई गीत प्रस्तुत किए। श्रद्धालु भाव-विभोर होकर नृत्य करते नजर आए। कार्यक्रम के समापन पर मंदिर समिति ने सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा। मुख्य पुजारी ने कहा कि जानकी नवमी त्याग, प्रेम और समर्पण की सीख देती है। यह उत्सव ओरछा की धार्मिक परंपराओं का प्रतीक बन गया है।