विश्व अस्थमा दिवस पर रेलवे अस्पताल में जागरूकता:नरसिंहपुर में डॉक्टरों ने बताए अस्थमा से बचाव के उपाय; मरीजों की जांच कर दी दवाएं
विश्व अस्थमा दिवस पर रेलवे अस्पताल में जागरूकता:नरसिंहपुर में डॉक्टरों ने बताए अस्थमा से बचाव के उपाय; मरीजों की जांच कर दी दवाएं
नरसिंहपुर के रेलवे अस्पताल में मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम किया। इस वर्ष की थीम 'सभी के लिए सांस द्वारा उपचार सुलभ बनाना' रखी गई है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अस्थमा के इलाज, रोकथाम और मृत्यु दर को कम करना है। रेलवे चिकित्सक डॉ. आर आर कुर्रे ने अस्थमा रोगियों की जांच की। उन्होंने मरीजों को उचित दवाएं प्रदान कीं। कार्यक्रम में अधिकारी, कर्मचारी, मरीज और उनके परिजन उपस्थित रहे। सभी को अस्थमा की गंभीरता और बचाव के उपायों की जानकारी दी गई। डॉ. कुर्रे ने अस्थमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह एक श्वसन रोग है। इस बीमारी में फेफड़ों की वायु नलियां संकुचित हो जाती हैं। रोग के प्रमुख लक्षणों में लगातार खांसी आती है। सांस लेने में तकलीफ होती है। सीने में जकड़न और घबराहट महसूस होती है। धूल, धुआं, वायु प्रदूषण, ठंडी हवा, तेज गंध और परागकण से यह बीमारी बढ़ सकती है।
नरसिंहपुर के रेलवे अस्पताल में मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम किया। इस वर्ष की थीम 'सभी के लिए सांस द्वारा उपचार सुलभ बनाना' रखी गई है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अस्थमा के इलाज, रोकथाम और मृत्यु दर को कम करना है। रेलवे चिकित्सक डॉ. आर आर कुर्रे ने अस्थमा रोगियों की जांच की। उन्होंने मरीजों को उचित दवाएं प्रदान कीं। कार्यक्रम में अधिकारी, कर्मचारी, मरीज और उनके परिजन उपस्थित रहे। सभी को अस्थमा की गंभीरता और बचाव के उपायों की जानकारी दी गई। डॉ. कुर्रे ने अस्थमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह एक श्वसन रोग है। इस बीमारी में फेफड़ों की वायु नलियां संकुचित हो जाती हैं। रोग के प्रमुख लक्षणों में लगातार खांसी आती है। सांस लेने में तकलीफ होती है। सीने में जकड़न और घबराहट महसूस होती है। धूल, धुआं, वायु प्रदूषण, ठंडी हवा, तेज गंध और परागकण से यह बीमारी बढ़ सकती है।