पुलिस पर भरोसा नहीं था इसलिए खुद रोकने निकले:मुरैना में अवैध शराब तस्करों ने दिनदहाड़े की हत्या, पुलिस ने 10 दिन बाद केस दर्ज किया था
पुलिस पर भरोसा नहीं था इसलिए खुद रोकने निकले:मुरैना में अवैध शराब तस्करों ने दिनदहाड़े की हत्या, पुलिस ने 10 दिन बाद केस दर्ज किया था
मुरैना जिले के सिहौनिया क्षेत्र में सोमवार को चाचा-भतीजे की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या अवैध शराब के कारोबार से जुड़ी पुरानी रंजिश का नतीजा बताई जा रही है। मरने वाले दोनों लोग शराब ठेके में हिस्सेदार थे, जबकि जिन लोगों पर हत्या का आरोप है वे लंबे समय से अवैध शराब की तस्करी कर रहे थे। दरअसल, मामला शराब ठेकेदारी से जुड़ा हुआ है। चाचा-भतीजे, बंटी और भोला भदौरिया गांव में ही शराब ठेकेदारी से जुड़ा कारोबार करते थे। दोनों सरकारी ठेके में 10% हिस्सेदार थे। आरोपी लुक्का, प्रदीप तोमर और ललुकी पंडित पिछले 10 साल से अवैध शराब का धंधा कर रहे थे। इनका मुख्य काम बाहर से अवैध शराब को लाना और पूरे क्षेत्र में उसकी सप्लाई करना है। इस गैरकानूनी कारोबार से भदौरिया परिवार को लगातार घाटा हो रहा था। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हुआ था। 20 दिन पहले भी हुआ था विवाद
20 दिन पहले लुक्का तोमर ने भोला भदौरिया की गाड़ी के टायर पर गोली चलाई थी। भोला ने सिहौनिया थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने में 10 दिन लगा दिए। बाद में मामूली धाराओं में केस दर्ज हुआ और लुक्का को छोड़ दिया गया। इसके बाद से रंजिश और बढ़ गई। फोन कॉल से बंटी को मिली सूचना
घटना वाले दिन बंटी को एक फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि लुक्का और प्रदीप अवैध शराब लेकर आए हैं और उसे दूसरी जगह ले जा रहे हैं। बंटी ने तुरंत भोला को बुलाया। दोनों बोलेरो से तस्करों के पीछे निकले। प्रदीप और लुक्का भी हथियारों से लैस होकर दूसरी गाड़ी में थे। भाई खा का पुरा गांव के पास दोनों गाड़ियों का आमना-सामना हुआ। बंटी और भोला ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी आरोपियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद से ही आरोपी फरार हैं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार तीसरा साथी भी शामिल
मृतकों के परिजन और साथी चांदपुर के रहने वाले ललुकी पंडित को भी हत्या में शामिल बता रहे हैं। ललुकी पर 20 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह भी लंबे समय से शराब की तस्करी करता रहा है। बंटी और भोला की भी आपराधिक पृष्ठभूमि
बंटी पर दो-तीन केस दर्ज थे और वह रिश्तेदारी में ठेकेदारी से जुड़ा था। भोला पर एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे। पुलिस पर भरोसा नहीं था, इसलिए खुद पहुंचे पकड़ने
बताया गया कि बंटी को पुलिस पर भरोसा नहीं था। पिछली बार की झड़प में पुलिस ने लुक्का का साथ दिया था। इसलिए इस बार उन्होंने सूचना मिलने पर पुलिस को खबर नहीं दी और खुद ही पकड़ने निकल पड़े। 2022 में पकड़ी गई थी शराब, फिर भी तस्करी जारी
2022 में सिहौनिया थाना प्रभारी पवन भदौरिया ने लुक्का के घर से 50 पेटी शराब बरामद की थी। उसके बाद दोनों आरोपियों को एक साल के लिए जिला बदर किया गया। बाद में प्रदीप तोमर ने कोलुआ गांव से सरपंच का चुनाव जीता। सरपंच बनने के बाद वह पुलिस के संपर्क में रहकर अपना धंधा जारी रखता रहा। IG बोले- जांच जारी है
चंबल जोन IG सुशांत कुमार सक्सेना ने भास्कर से बताया कि, आज हम लोग मौका ए वारदात पर गए थे। वहां के आसपास के लोगों से पूछताछ की थी। मृतकों के साथ में जो लोग थे, उनसे से भी पूछताछ की गई थी। कुछ ठोस क्लू हमें मिले हैं। बहुत जल्दी ही हम लोग इस पर काम करेंगे और नतीजे तक पहुंचेंगे। झगड़े की पुरानी घटना पर उन्होंने कहा, "हमें बताया गया है, उसमें केस रजिस्टर्ड करके आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। केस देरी से रजिस्टर्ड किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी जांच की जाएगी और कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
मुरैना जिले के सिहौनिया क्षेत्र में सोमवार को चाचा-भतीजे की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या अवैध शराब के कारोबार से जुड़ी पुरानी रंजिश का नतीजा बताई जा रही है। मरने वाले दोनों लोग शराब ठेके में हिस्सेदार थे, जबकि जिन लोगों पर हत्या का आरोप है वे लंबे समय से अवैध शराब की तस्करी कर रहे थे। दरअसल, मामला शराब ठेकेदारी से जुड़ा हुआ है। चाचा-भतीजे, बंटी और भोला भदौरिया गांव में ही शराब ठेकेदारी से जुड़ा कारोबार करते थे। दोनों सरकारी ठेके में 10% हिस्सेदार थे। आरोपी लुक्का, प्रदीप तोमर और ललुकी पंडित पिछले 10 साल से अवैध शराब का धंधा कर रहे थे। इनका मुख्य काम बाहर से अवैध शराब को लाना और पूरे क्षेत्र में उसकी सप्लाई करना है। इस गैरकानूनी कारोबार से भदौरिया परिवार को लगातार घाटा हो रहा था। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हुआ था। 20 दिन पहले भी हुआ था विवाद
20 दिन पहले लुक्का तोमर ने भोला भदौरिया की गाड़ी के टायर पर गोली चलाई थी। भोला ने सिहौनिया थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने में 10 दिन लगा दिए। बाद में मामूली धाराओं में केस दर्ज हुआ और लुक्का को छोड़ दिया गया। इसके बाद से रंजिश और बढ़ गई। फोन कॉल से बंटी को मिली सूचना
घटना वाले दिन बंटी को एक फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि लुक्का और प्रदीप अवैध शराब लेकर आए हैं और उसे दूसरी जगह ले जा रहे हैं। बंटी ने तुरंत भोला को बुलाया। दोनों बोलेरो से तस्करों के पीछे निकले। प्रदीप और लुक्का भी हथियारों से लैस होकर दूसरी गाड़ी में थे। भाई खा का पुरा गांव के पास दोनों गाड़ियों का आमना-सामना हुआ। बंटी और भोला ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी आरोपियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद से ही आरोपी फरार हैं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार तीसरा साथी भी शामिल
मृतकों के परिजन और साथी चांदपुर के रहने वाले ललुकी पंडित को भी हत्या में शामिल बता रहे हैं। ललुकी पर 20 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह भी लंबे समय से शराब की तस्करी करता रहा है। बंटी और भोला की भी आपराधिक पृष्ठभूमि
बंटी पर दो-तीन केस दर्ज थे और वह रिश्तेदारी में ठेकेदारी से जुड़ा था। भोला पर एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे। पुलिस पर भरोसा नहीं था, इसलिए खुद पहुंचे पकड़ने
बताया गया कि बंटी को पुलिस पर भरोसा नहीं था। पिछली बार की झड़प में पुलिस ने लुक्का का साथ दिया था। इसलिए इस बार उन्होंने सूचना मिलने पर पुलिस को खबर नहीं दी और खुद ही पकड़ने निकल पड़े। 2022 में पकड़ी गई थी शराब, फिर भी तस्करी जारी
2022 में सिहौनिया थाना प्रभारी पवन भदौरिया ने लुक्का के घर से 50 पेटी शराब बरामद की थी। उसके बाद दोनों आरोपियों को एक साल के लिए जिला बदर किया गया। बाद में प्रदीप तोमर ने कोलुआ गांव से सरपंच का चुनाव जीता। सरपंच बनने के बाद वह पुलिस के संपर्क में रहकर अपना धंधा जारी रखता रहा। IG बोले- जांच जारी है
चंबल जोन IG सुशांत कुमार सक्सेना ने भास्कर से बताया कि, आज हम लोग मौका ए वारदात पर गए थे। वहां के आसपास के लोगों से पूछताछ की थी। मृतकों के साथ में जो लोग थे, उनसे से भी पूछताछ की गई थी। कुछ ठोस क्लू हमें मिले हैं। बहुत जल्दी ही हम लोग इस पर काम करेंगे और नतीजे तक पहुंचेंगे। झगड़े की पुरानी घटना पर उन्होंने कहा, "हमें बताया गया है, उसमें केस रजिस्टर्ड करके आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। केस देरी से रजिस्टर्ड किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी जांच की जाएगी और कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है।