आमखुट-स्कूल के एक कमरे में 51 बच्चे पढ़ने को मजबूर:एक नियमित; एक अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं; बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़

आलीराजपुर के आमखुट प्राथमिक स्कूल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यहां कक्षा 1 से 5 तक के 51 बच्चे एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल में केवल एक नियमित और एक अतिथि शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, यह स्कूल कई वर्षों से एकल कक्ष में ही संचालित हो रहा है। जगह की कमी और अत्यधिक भीड़भाड़ के कारण बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्कूल में बेंच-कुर्सी सहित अन्य सुविधाओं का अभाव स्थानीय लोगों और शिक्षा कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्कूल में बेंच-कुर्सी सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। इससे पढ़ाई का उचित माहौल नहीं बन पा रहा है। उनका आरोप है कि जिले के शिक्षा अधिकारी बच्चों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं। रिपोर्टों में कॉपी-किताबों और मध्याह्न भोजन में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं। इस स्थिति पर विधायक सेना महेश पटेल ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार कब तक भ्रष्ट प्रभारियों के भरोसे बच्चों का भविष्य बर्बाद होने देगी? आदिवासी बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार है।" विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि केवल कागजों में मॉडल स्कूल दिखाने और झूठी रिपोर्टें देने से शिक्षा की वास्तविक स्थिति में सुधार कैसे होगा। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की इस लापरवाही पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बच्चों के भविष्य को देखते हुए तत्काल सुधार की मांग की है।

Oct 17, 2025 - 13:03
 0  0
आमखुट-स्कूल के एक कमरे में 51 बच्चे पढ़ने को मजबूर:एक नियमित; एक अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं; बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
आलीराजपुर के आमखुट प्राथमिक स्कूल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यहां कक्षा 1 से 5 तक के 51 बच्चे एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल में केवल एक नियमित और एक अतिथि शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, यह स्कूल कई वर्षों से एकल कक्ष में ही संचालित हो रहा है। जगह की कमी और अत्यधिक भीड़भाड़ के कारण बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्कूल में बेंच-कुर्सी सहित अन्य सुविधाओं का अभाव स्थानीय लोगों और शिक्षा कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्कूल में बेंच-कुर्सी सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। इससे पढ़ाई का उचित माहौल नहीं बन पा रहा है। उनका आरोप है कि जिले के शिक्षा अधिकारी बच्चों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं। रिपोर्टों में कॉपी-किताबों और मध्याह्न भोजन में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं। इस स्थिति पर विधायक सेना महेश पटेल ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार कब तक भ्रष्ट प्रभारियों के भरोसे बच्चों का भविष्य बर्बाद होने देगी? आदिवासी बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार है।" विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि केवल कागजों में मॉडल स्कूल दिखाने और झूठी रिपोर्टें देने से शिक्षा की वास्तविक स्थिति में सुधार कैसे होगा। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की इस लापरवाही पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बच्चों के भविष्य को देखते हुए तत्काल सुधार की मांग की है।