जमीन रजिस्ट्री गाइडलाइन के खिलाफ कांग्रेस का महाधरना आज:कहा-गाइडलाइन दरों की वापसी पर सरकार तुरंत फैसला ले, बढ़ी दरों से जनता पर बढ़ा बोझ

छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री गाइडलाइन दरों में वृद्धि के विरोध में आज कांग्रेस रायपुर में महाधरना देगी। रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में ओसीएम चौक पर होने वाले इस बड़े विरोध प्रदर्शन में पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेस का कहना है कि जमीनों की गाइडलाइन दरों में अचानक की गई बेतहाशा वृद्धि ने प्रदेश भर में असंतोष फैला दिया है और सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि, बिना जनता की सलाह, सुझाव या दावा–आपत्ति प्रक्रिया के ही प्रदेश में जमीनों की गाइडलाइन दरें कई गुना बढ़ा दी गईं, जिससे लोगों में भारी नाराजगी है। गाइडलाइन दरों में अचानक वृद्धि जनता पर अत्याचार पार्टी का कहना है कि, वृद्धि के खिलाफ आम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष विरोध को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि, कई जगह महिलाओं और कारोबारियों पर लाठीचार्ज किया गया और विरोध करने वालों को हिरासत में लिया गया। कांग्रेस का कहना है कि, सरकार जमीन कारोबारियों और भूखंड खरीदने वालों को गलत तरीके से अपराधी के रूप में पेश कर रही है। पार्टी का कहना है कि रोजगार देने में नाकाम सरकार अब जमीन की खरीदी-बिक्री से आजीविका कमाने वालों को भी संदेह की नजर से देख रही है। 10 गुना तक बढ़ा रजिस्ट्री खर्च, आम आदमी की पहुंच से दूर हुआ मकान का सपना कांग्रेस का दावा है कि, नई गाइडलाइन दरें लागू होने के बाद कई जगह जमीन रजिस्ट्री की लागत 10 गुना तक बढ़ गई है। उदाहरण के तौर पर, जहां पहले 50 हजार रुपए में रजिस्ट्री हो जाती थी, अब वही खर्च 5 लाख रुपए से ज्यादा आने लगा है। 5 डिसमिल (2200 वर्गफुट) से कम जमीन की रजिस्ट्री पर पहले ही लगी रोक के बाद अब बढ़ी गाइडलाइन दरों ने आम आदमी के लिए प्लॉट खरीदना लगभग असंभव बना दिया है। रजिस्ट्री में 90% तक गिरावट- कांग्रेस कांग्रेस का कहना है कि, बढ़ी दरों के कारण प्रदेशभर में प्रतिदिन की रजिस्ट्री संख्या में 90% तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते लोग रजिस्ट्री कराने की बजाय पावर ऑफ अटॉर्नी, मुख्तारनामा और गिफ्ट डीड जैसे विकल्पों का इस्तेमाल करने लगे हैं। पार्टी ने यह भी आशंका जताई कि अधिक गाइडलाइन दरों के कारण फाइनेंस फ्रॉड और जरूरत से ज्यादा लोन लेकर डिफॉल्ट की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। कांग्रेस की मांग- राज्य सरकार तुरंत निर्णय ले और गाइडलाइन दरें वापस ले कांग्रेस ने कहा है कि, सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए गाइडलाइन दरों में की गई वृद्धि तत्काल वापस लेनी चाहिए। पार्टी का कहना है कि यह कदम आम जनता, किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग के हित में होगा, क्योंकि वर्तमान दरें जमीन खरीदने के सपने को तोड़ रही हैं।

जमीन रजिस्ट्री गाइडलाइन के खिलाफ कांग्रेस का महाधरना आज:कहा-गाइडलाइन दरों की वापसी पर सरकार तुरंत फैसला ले, बढ़ी दरों से जनता पर बढ़ा बोझ
छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री गाइडलाइन दरों में वृद्धि के विरोध में आज कांग्रेस रायपुर में महाधरना देगी। रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में ओसीएम चौक पर होने वाले इस बड़े विरोध प्रदर्शन में पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेस का कहना है कि जमीनों की गाइडलाइन दरों में अचानक की गई बेतहाशा वृद्धि ने प्रदेश भर में असंतोष फैला दिया है और सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि, बिना जनता की सलाह, सुझाव या दावा–आपत्ति प्रक्रिया के ही प्रदेश में जमीनों की गाइडलाइन दरें कई गुना बढ़ा दी गईं, जिससे लोगों में भारी नाराजगी है। गाइडलाइन दरों में अचानक वृद्धि जनता पर अत्याचार पार्टी का कहना है कि, वृद्धि के खिलाफ आम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष विरोध को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि, कई जगह महिलाओं और कारोबारियों पर लाठीचार्ज किया गया और विरोध करने वालों को हिरासत में लिया गया। कांग्रेस का कहना है कि, सरकार जमीन कारोबारियों और भूखंड खरीदने वालों को गलत तरीके से अपराधी के रूप में पेश कर रही है। पार्टी का कहना है कि रोजगार देने में नाकाम सरकार अब जमीन की खरीदी-बिक्री से आजीविका कमाने वालों को भी संदेह की नजर से देख रही है। 10 गुना तक बढ़ा रजिस्ट्री खर्च, आम आदमी की पहुंच से दूर हुआ मकान का सपना कांग्रेस का दावा है कि, नई गाइडलाइन दरें लागू होने के बाद कई जगह जमीन रजिस्ट्री की लागत 10 गुना तक बढ़ गई है। उदाहरण के तौर पर, जहां पहले 50 हजार रुपए में रजिस्ट्री हो जाती थी, अब वही खर्च 5 लाख रुपए से ज्यादा आने लगा है। 5 डिसमिल (2200 वर्गफुट) से कम जमीन की रजिस्ट्री पर पहले ही लगी रोक के बाद अब बढ़ी गाइडलाइन दरों ने आम आदमी के लिए प्लॉट खरीदना लगभग असंभव बना दिया है। रजिस्ट्री में 90% तक गिरावट- कांग्रेस कांग्रेस का कहना है कि, बढ़ी दरों के कारण प्रदेशभर में प्रतिदिन की रजिस्ट्री संख्या में 90% तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते लोग रजिस्ट्री कराने की बजाय पावर ऑफ अटॉर्नी, मुख्तारनामा और गिफ्ट डीड जैसे विकल्पों का इस्तेमाल करने लगे हैं। पार्टी ने यह भी आशंका जताई कि अधिक गाइडलाइन दरों के कारण फाइनेंस फ्रॉड और जरूरत से ज्यादा लोन लेकर डिफॉल्ट की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। कांग्रेस की मांग- राज्य सरकार तुरंत निर्णय ले और गाइडलाइन दरें वापस ले कांग्रेस ने कहा है कि, सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए गाइडलाइन दरों में की गई वृद्धि तत्काल वापस लेनी चाहिए। पार्टी का कहना है कि यह कदम आम जनता, किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग के हित में होगा, क्योंकि वर्तमान दरें जमीन खरीदने के सपने को तोड़ रही हैं।