इंदौर में होली मिलन के साथ हुई सार्थक चर्चा:सोशल वर्क स्कूल के पूर्व छात्रों और दृष्टिहीन कल्याण संघ का मिलन समारोह
इंदौर में होली मिलन के साथ हुई सार्थक चर्चा:सोशल वर्क स्कूल के पूर्व छात्रों और दृष्टिहीन कल्याण संघ का मिलन समारोह
मध्य प्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ के किला मैदान स्थित परिसर में रविवार को विशेष होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के संस्थापक डॉ. एम.वी. शिरढोनकर और ब्रेल लिपि के जनक लुई ब्रेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में 'फील्ड वर्क एजेंसियों का आई.एस.एस.डब्ल्यू. को योगदान' विषय पर विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा की अध्यक्षता डॉ. जी.एस. सिंघल ने की। मंच पर संस्था के सचिव आधार सिंह चौहान के साथ इंदौर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के वरिष्ठ पूर्व विद्यार्थी अरुण मोगरे और अरुण मोदी भी उपस्थित रहे। वक्ताओं ने की प्रेरणास्पद बातें विषय प्रवर्तन करते हुए अनिल दुबे ने कहा कि फील्ड वर्क एजेंसी इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क के विद्यार्थियों को गढ़ती है उनमें आत्मविश्वास पैदा करती है। गैर सरकारी, स्वयंसेवी एवम सरकारी संस्थाएं तथा कॉरपोरेट सेक्टर आदि ये विद्यार्थियों की योग्यता, कार्य कुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि करते है। डॉक्टर मिनाक्षीकर प्राध्यापक ने बताया कि इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क मध्य प्रदेश का सबसे पुराना एवं प्रतिष्ठित एमएसडब्ल्यू कॉलेज है। इस महाविद्यालय का प्लेसमेंट आज भी शत प्रतिशत होता है। उन्होंने कालेज द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी तथा फील्ड वर्क एजेंसियो की भूरि भूरि प्रशंसा की। विजय जैन ने कहा कि विद्यार्थियों के समुचित विकास के लिए संस्थाए हमेशा प्रयत्न शील रहती है। अनिल जैन ने अपने अनुभव के माध्यम से फील्ड वर्क एजेंसियो का महत्व प्रतिपादित किया। बृजेश शुक्ला ने कहा कि महाविद्यालय को हमेशा फील्ड वर्क के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। कविंद्र होलकर ने कहा कि कॉलेज एवं एजेंसी के मध्य समन्वय अत्यंत ही आवश्यक है। शकुंतला मिश्रा ने बताया कि शासकीय विभाग हमेशा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रति आशावादी रहते हैं। आशीष मंडलोई ने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वे स्वयं भी विभिन्न संस्थाओं से संपर्क बनाए रखें। आई एस भाटिया ने कहा की प्रोफेशनल सोशल वर्कर को हमेशा अपने आदर्श के साथ कार्य करना चाहिए। थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल अत्यंत महत्वपूर्ण परिचर्चा के विषय का विश्लेषण करते हुए अतिथि अरुण मोदी ने कहा कि फील्ड वर्क ही विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास करता है। थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। अरुण मोगरे ने कहा कि इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क के विद्यार्थियों की पहचान बनाने में फील्ड वर्क एजेंसियो का योगदान अद्वितीय होता है। उन्होंने दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए परीक्षाओं में राइटर (लेखक) उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। आयोजन के सूत्रधार प्रदीप जोशी की प्रशंसा करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। आधार सिंह चौहान ने बताया कि दिव्यांग लोगों के लिए हर कदम एक चुनौती होता है उनका संघर्ष ही उन्हें आगे बढ़ाने में सहयोग करता है। डॉ. जीएस सिंघल ने कहा कि मध्य प्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ द्वारा दृष्टि बाधित बच्चों के लिए व्यावसायिक एवं अन्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं हम उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए पूर्ण सहयोग करते हैं। पंखे और डिब्बे प्रदान किए इस अवसर पर संस्था को आठ सीलिंग फैन एवं अनाज रखने के लिए 30 से 50 किलो की क्षमता वाले दस डिब्बे दानदाताओं के सहयोग से प्रदान किए गए। कार्यक्रम में समाजसेवी एवं दिव्यांग बच्चे भी उपस्थित थे। परिचर्चा का संचालन करते हुए प्रदीप जोशी ने इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्कर तथा मध्य प्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ के संबंधों का जिक्र किया तथा तत्कालीन समय में अपनी फील्ड वर्क एजेंसी के अनुभव सुनाए। जोशी ने कहा कि इस आयोजन की प्रेरणा स्रोत डॉ. शिरढोनकर की पुत्री ज्योत्सना शिरढोनकर हैं। अंत में आभार माना दिलीप उपाध्याय एवं आर के परदेसी ने।
मध्य प्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ के किला मैदान स्थित परिसर में रविवार को विशेष होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के संस्थापक डॉ. एम.वी. शिरढोनकर और ब्रेल लिपि के जनक लुई ब्रेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में 'फील्ड वर्क एजेंसियों का आई.एस.एस.डब्ल्यू. को योगदान' विषय पर विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा की अध्यक्षता डॉ. जी.एस. सिंघल ने की। मंच पर संस्था के सचिव आधार सिंह चौहान के साथ इंदौर स्कूल ऑफ सोशल वर्क के वरिष्ठ पूर्व विद्यार्थी अरुण मोगरे और अरुण मोदी भी उपस्थित रहे। वक्ताओं ने की प्रेरणास्पद बातें विषय प्रवर्तन करते हुए अनिल दुबे ने कहा कि फील्ड वर्क एजेंसी इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क के विद्यार्थियों को गढ़ती है उनमें आत्मविश्वास पैदा करती है। गैर सरकारी, स्वयंसेवी एवम सरकारी संस्थाएं तथा कॉरपोरेट सेक्टर आदि ये विद्यार्थियों की योग्यता, कार्य कुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि करते है। डॉक्टर मिनाक्षीकर प्राध्यापक ने बताया कि इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क मध्य प्रदेश का सबसे पुराना एवं प्रतिष्ठित एमएसडब्ल्यू कॉलेज है। इस महाविद्यालय का प्लेसमेंट आज भी शत प्रतिशत होता है। उन्होंने कालेज द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी तथा फील्ड वर्क एजेंसियो की भूरि भूरि प्रशंसा की। विजय जैन ने कहा कि विद्यार्थियों के समुचित विकास के लिए संस्थाए हमेशा प्रयत्न शील रहती है। अनिल जैन ने अपने अनुभव के माध्यम से फील्ड वर्क एजेंसियो का महत्व प्रतिपादित किया। बृजेश शुक्ला ने कहा कि महाविद्यालय को हमेशा फील्ड वर्क के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। कविंद्र होलकर ने कहा कि कॉलेज एवं एजेंसी के मध्य समन्वय अत्यंत ही आवश्यक है। शकुंतला मिश्रा ने बताया कि शासकीय विभाग हमेशा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रति आशावादी रहते हैं। आशीष मंडलोई ने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वे स्वयं भी विभिन्न संस्थाओं से संपर्क बनाए रखें। आई एस भाटिया ने कहा की प्रोफेशनल सोशल वर्कर को हमेशा अपने आदर्श के साथ कार्य करना चाहिए। थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल अत्यंत महत्वपूर्ण परिचर्चा के विषय का विश्लेषण करते हुए अतिथि अरुण मोदी ने कहा कि फील्ड वर्क ही विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास करता है। थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। अरुण मोगरे ने कहा कि इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क के विद्यार्थियों की पहचान बनाने में फील्ड वर्क एजेंसियो का योगदान अद्वितीय होता है। उन्होंने दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए परीक्षाओं में राइटर (लेखक) उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। आयोजन के सूत्रधार प्रदीप जोशी की प्रशंसा करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। आधार सिंह चौहान ने बताया कि दिव्यांग लोगों के लिए हर कदम एक चुनौती होता है उनका संघर्ष ही उन्हें आगे बढ़ाने में सहयोग करता है। डॉ. जीएस सिंघल ने कहा कि मध्य प्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ द्वारा दृष्टि बाधित बच्चों के लिए व्यावसायिक एवं अन्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं हम उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए पूर्ण सहयोग करते हैं। पंखे और डिब्बे प्रदान किए इस अवसर पर संस्था को आठ सीलिंग फैन एवं अनाज रखने के लिए 30 से 50 किलो की क्षमता वाले दस डिब्बे दानदाताओं के सहयोग से प्रदान किए गए। कार्यक्रम में समाजसेवी एवं दिव्यांग बच्चे भी उपस्थित थे। परिचर्चा का संचालन करते हुए प्रदीप जोशी ने इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्कर तथा मध्य प्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ के संबंधों का जिक्र किया तथा तत्कालीन समय में अपनी फील्ड वर्क एजेंसी के अनुभव सुनाए। जोशी ने कहा कि इस आयोजन की प्रेरणा स्रोत डॉ. शिरढोनकर की पुत्री ज्योत्सना शिरढोनकर हैं। अंत में आभार माना दिलीप उपाध्याय एवं आर के परदेसी ने।