एयर कनेक्टिविटी में पिछड़ रहा जबलपुर:साढ़े चार सौ करोड़ खर्च के बाद भी नहीं मिल रही उड़ानें, निजीकरण की उठी मांग
एयर कनेक्टिविटी में पिछड़ रहा जबलपुर:साढ़े चार सौ करोड़ खर्च के बाद भी नहीं मिल रही उड़ानें, निजीकरण की उठी मांग
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर, जो अपने पर्यटन स्थलों, केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों और चार विश्वविद्यालयों के लिए जानी जाती है, अब एयर कनेक्टिविटी की कमी से जूझ रही है। हाल ही में करीब साढ़े चार सौ करोड़ की लागत से एयरपोर्ट विस्तारीकरण तो हुआ, लेकिन उड़ानों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इससे शहर के लोग और कारोबारी वर्ग बेहद निराश हैं। वायु सेवा संघर्ष समिति 'उड़ान जबलपुर' ने केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय से मांग की है कि जबलपुर एयरपोर्ट का संचालन निजी कंपनियों को सौंपा जाए। समिति का कहना है कि इससे बेहतर तालमेल के चलते निजी एयरलाइंस शहर से नई उड़ानें शुरू कर सकेंगी। संयोजक हिमांशु खरे ने बताया कि पिछले एक साल से इस मांग को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट की भी फटकार, PIL में उठाया गया मुद्दा नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि जबलपुर एयरपोर्ट से पहले मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु सहित कई शहरों के लिए उड़ानें थीं, जो अब बंद हो गई हैं। पहले जहां रोजाना 15 फ्लाइट्स थीं, अब यह घटकर महज 5 रह गई हैं। कोर्ट ने इस पर एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइस जेट और आकासा एयरलाइंस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई अभी लंबित है। प्रदेश सरकार भी सक्रिय, मंत्री ने कराया संवाद प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने जबलपुर में एक खास बैठक कर एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों से शहर के नेताओं, उद्योगपतियों, डॉक्टरों और सिविल सोसाइटी की सीधी बातचीत करवाई। सेमिनार में एयर इंडिया एक्सप्रेस के चीफ कमर्शियल ऑफिसर अंकुर गर्ग और वाइस प्रेसिडेंट नेटवर्क प्लानिंग शशि कुमार चटिया ने हिस्सा लिया और जबलपुर से नई उड़ानों की शुरुआत का भरोसा दिलाया। उद्योग और मेडिकल सेक्टर को नुकसान सेमिनार में शामिल डॉक्टरों ने बताया कि फ्लाइट की कमी के कारण देश के बड़े मेडिकल विशेषज्ञ जबलपुर नहीं आ पा रहे। होटल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने बताया कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए आने वाले मेहमानों को टिकट नहीं मिल पा रहे, जिससे कारोबार प्रभावित हो रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी ऐसी ही समस्याएं बताईं। मिनी एयर सर्किट बनाने का सुझाव वायु सेवा संघर्ष समिति ने सुझाव दिया है कि जबलपुर के 500 किमी के दायरे में आने वाले शहरों जैसे इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, ग्वालियर और प्रयागराज को मिलाकर एक मिनी एयर सर्किट तैयार किया जाए, ताकि इन शहरों की फ्लाइट्स को जबलपुर तक बढ़ाया जा सके। जल्द शुरू होंगी डायरेक्ट फ्लाइट्स सेमिनार में एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों ने जबलपुर की समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि जल्द ही जबलपुर से प्रमुख शहरों के लिए डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू की जाएंगी। उन्होंने इसे देश का पहला शहर बताया, जिसने एयरलाइन को बुलाकर सीधे संवाद किया। मंत्री बोले- जबलपुर को मिलेगा उसका हक लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि “जबलपुर एयरपोर्ट पर नई टर्मिनल बिल्डिंग बनने के बाद भी उड़ानें कम हैं, यह चिंता का विषय है। अब जब एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सकारात्मक रुख दिखाया है, उम्मीद है जबलपुर को उसका हक मिलेगा और नई उड़ानें जल्द शुरू होंगी।”
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर, जो अपने पर्यटन स्थलों, केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों और चार विश्वविद्यालयों के लिए जानी जाती है, अब एयर कनेक्टिविटी की कमी से जूझ रही है। हाल ही में करीब साढ़े चार सौ करोड़ की लागत से एयरपोर्ट विस्तारीकरण तो हुआ, लेकिन उड़ानों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इससे शहर के लोग और कारोबारी वर्ग बेहद निराश हैं। वायु सेवा संघर्ष समिति 'उड़ान जबलपुर' ने केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय से मांग की है कि जबलपुर एयरपोर्ट का संचालन निजी कंपनियों को सौंपा जाए। समिति का कहना है कि इससे बेहतर तालमेल के चलते निजी एयरलाइंस शहर से नई उड़ानें शुरू कर सकेंगी। संयोजक हिमांशु खरे ने बताया कि पिछले एक साल से इस मांग को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट की भी फटकार, PIL में उठाया गया मुद्दा नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि जबलपुर एयरपोर्ट से पहले मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु सहित कई शहरों के लिए उड़ानें थीं, जो अब बंद हो गई हैं। पहले जहां रोजाना 15 फ्लाइट्स थीं, अब यह घटकर महज 5 रह गई हैं। कोर्ट ने इस पर एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइस जेट और आकासा एयरलाइंस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई अभी लंबित है। प्रदेश सरकार भी सक्रिय, मंत्री ने कराया संवाद प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने जबलपुर में एक खास बैठक कर एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों से शहर के नेताओं, उद्योगपतियों, डॉक्टरों और सिविल सोसाइटी की सीधी बातचीत करवाई। सेमिनार में एयर इंडिया एक्सप्रेस के चीफ कमर्शियल ऑफिसर अंकुर गर्ग और वाइस प्रेसिडेंट नेटवर्क प्लानिंग शशि कुमार चटिया ने हिस्सा लिया और जबलपुर से नई उड़ानों की शुरुआत का भरोसा दिलाया। उद्योग और मेडिकल सेक्टर को नुकसान सेमिनार में शामिल डॉक्टरों ने बताया कि फ्लाइट की कमी के कारण देश के बड़े मेडिकल विशेषज्ञ जबलपुर नहीं आ पा रहे। होटल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने बताया कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए आने वाले मेहमानों को टिकट नहीं मिल पा रहे, जिससे कारोबार प्रभावित हो रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी ऐसी ही समस्याएं बताईं। मिनी एयर सर्किट बनाने का सुझाव वायु सेवा संघर्ष समिति ने सुझाव दिया है कि जबलपुर के 500 किमी के दायरे में आने वाले शहरों जैसे इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, ग्वालियर और प्रयागराज को मिलाकर एक मिनी एयर सर्किट तैयार किया जाए, ताकि इन शहरों की फ्लाइट्स को जबलपुर तक बढ़ाया जा सके। जल्द शुरू होंगी डायरेक्ट फ्लाइट्स सेमिनार में एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों ने जबलपुर की समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि जल्द ही जबलपुर से प्रमुख शहरों के लिए डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू की जाएंगी। उन्होंने इसे देश का पहला शहर बताया, जिसने एयरलाइन को बुलाकर सीधे संवाद किया। मंत्री बोले- जबलपुर को मिलेगा उसका हक लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि “जबलपुर एयरपोर्ट पर नई टर्मिनल बिल्डिंग बनने के बाद भी उड़ानें कम हैं, यह चिंता का विषय है। अब जब एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सकारात्मक रुख दिखाया है, उम्मीद है जबलपुर को उसका हक मिलेगा और नई उड़ानें जल्द शुरू होंगी।”