पीडब्ल्यूडी के 15 इंजीनियरों पर करप्शन का केस:धीमी जांच का फायदा उठा रहे प्रमुख अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री
पीडब्ल्यूडी के 15 इंजीनियरों पर करप्शन का केस:धीमी जांच का फायदा उठा रहे प्रमुख अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री
लोक निर्माण विभाग के भवन विकास निगम और सड़क विकास निगम में पदस्थ इंजीनियर करप्शन के घेरे में हैं। इसमें रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के मुख्य अभियंता रह चुके और प्रमुख अभियंता भवन जीपी मेहरा का भी नाम है। इसके अलावा प्रमुख अभियंता कार्यालय में पदस्थ अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री स्तर के 15 इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार के मामलों में लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) जांच कर रहे हैं। इस मामले में खास बात यह है कि कुछ इंजीनियरों के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि कुछ इंजीनियरों के विरुद्ध 15 साल से जांच और न्यायालय की प्रक्रिया चल रही है। विभाग में एक दशक से अधिक समय से जिन इंजीनियरों के विरुद्ध लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में केस चल रहे हैं उनकी जानकारी लिए जाने के बाद ये नाम सामने आए हैं। इसमें 13 साल पहले बनाई गई चंदेरी मुंगावली रोड के करप्शन के मामले में एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर रहे जीपी मेहरा भी जांच के घेरे में हैं। इनके विरुद्ध भी है ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त में केस मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के प्रभारी उप महाप्रबंधक डिवीजन आफिस मंडला ललित चौधरी के विरुद्ध सीएम राइज स्कूल के निर्माण में केंद्र और राज्य सरकार की राशि का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई है। यह शिकायत वर्ष 2024 में की गई है जिसकी जांच चल रही है। लोकायुक्त पुलिस में राघवेंद्र सिंह किरार सहायक जनरल मैनेजर लोक निर्माण विभाग के भवन विकास निगम के विरुद्ध वर्ष 2023 में की गई है। भवन विकास निगम के उप महाप्रबंधक तकनीकी संविदा पद पर पदस्थ निशांत पचौरी के विरुद्ध ईडब्ल्यूएस कोटे का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने और अधिक आय अर्जित करने के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में एक साल पहले अप्रेल 2024 में शिकायत की गई है जिसकी जांच अभी जारी है। शिकायत में कहा गया है कि आर्थिक स्थिति मजबूत होने के बाद भी ईडब्ल्यूएस का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की गई है। प्रमुख अभियंता रहे जीपी मेहरा के विरुद्ध भी जांच लोक निर्माण विभाग भवन के प्रमुख अभियंता रहे जीपी मेहरा पर भी करप्शन का केस दर्ज है। मेहरा के विरुद्ध मुख्य अभियंता एमपी सड़क विकास निगम भोपाल रहने के दौरान चंदेरी से मुंगावली सड़क निर्माण में करप्शन को लेकर कम्प्लेन हुई है। इसका प्रकरण वर्ष 2012-13 का बताया जा रहा है। इनके विरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना के दौरान श्रीकेएन कम्पनी हैदराबाद और तोमर बिल्डर ग्वालियर के द्वारा चंदेरी से मुंगावली रोड का घटिया निर्माण कराए जाने का आरोप है। इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की गई है। एमडी ने इसकी शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच समिति भी बनाई है। भाई और पार्टनर के नाम पर बनी फर्म से डिजाइन तैयार कराते हैं महाप्रबंधक मध्यप्रदेश कांट्रेक्टर एसोसिएशन भोपाल ने विक्रम सोनी उप महाप्रबंधक डिजाइन मध्य प्रदेश भवन विकास निगम के विरुद्ध आर्थिक अनियमितता की शिकायत की है जिसकी जांच के लिए महाप्रबंधक आर्किटेक्ट, नितिन गोले की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। कमेटी में मोहन किशोर परमार उप महाप्रबंधक सिविल, नीलम प्रसाद चौधरी सहायक महाप्रबंधक सिविल और विष्णु जंगेला कम्पनी सचिव सदस्य के रूप में शामिल रहे। कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने वर्ष 2024 में की गई इसकी शिकायत में कहा कि विक्रम सोनी ने एक स्ट्रक्चर डिजाइन कंसल्टेंसी फर्म चलाई जा रही है। इस फर्म विक्रम के भाई और पार्टनर द्वारा चलाई जा रही है। जिन ठेकेदारों को काम मिलता है उन्हें इसी फर्म से स्ट्रक्चर डिजाइन तैयार कराने के लिए परेशान किया जाता है और अगर ठेकेदार नहीं कराता तो उसके काम रोके जाते हैं। इस मामले में करोड़ों रुपए की अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।
लोक निर्माण विभाग के भवन विकास निगम और सड़क विकास निगम में पदस्थ इंजीनियर करप्शन के घेरे में हैं। इसमें रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के मुख्य अभियंता रह चुके और प्रमुख अभियंता भवन जीपी मेहरा का भी नाम है। इसके अलावा प्रमुख अभियंता कार्यालय में पदस्थ अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री स्तर के 15 इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार के मामलों में लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) जांच कर रहे हैं। इस मामले में खास बात यह है कि कुछ इंजीनियरों के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि कुछ इंजीनियरों के विरुद्ध 15 साल से जांच और न्यायालय की प्रक्रिया चल रही है। विभाग में एक दशक से अधिक समय से जिन इंजीनियरों के विरुद्ध लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में केस चल रहे हैं उनकी जानकारी लिए जाने के बाद ये नाम सामने आए हैं। इसमें 13 साल पहले बनाई गई चंदेरी मुंगावली रोड के करप्शन के मामले में एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर रहे जीपी मेहरा भी जांच के घेरे में हैं। इनके विरुद्ध भी है ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त में केस मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के प्रभारी उप महाप्रबंधक डिवीजन आफिस मंडला ललित चौधरी के विरुद्ध सीएम राइज स्कूल के निर्माण में केंद्र और राज्य सरकार की राशि का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई है। यह शिकायत वर्ष 2024 में की गई है जिसकी जांच चल रही है। लोकायुक्त पुलिस में राघवेंद्र सिंह किरार सहायक जनरल मैनेजर लोक निर्माण विभाग के भवन विकास निगम के विरुद्ध वर्ष 2023 में की गई है। भवन विकास निगम के उप महाप्रबंधक तकनीकी संविदा पद पर पदस्थ निशांत पचौरी के विरुद्ध ईडब्ल्यूएस कोटे का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने और अधिक आय अर्जित करने के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में एक साल पहले अप्रेल 2024 में शिकायत की गई है जिसकी जांच अभी जारी है। शिकायत में कहा गया है कि आर्थिक स्थिति मजबूत होने के बाद भी ईडब्ल्यूएस का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की गई है। प्रमुख अभियंता रहे जीपी मेहरा के विरुद्ध भी जांच लोक निर्माण विभाग भवन के प्रमुख अभियंता रहे जीपी मेहरा पर भी करप्शन का केस दर्ज है। मेहरा के विरुद्ध मुख्य अभियंता एमपी सड़क विकास निगम भोपाल रहने के दौरान चंदेरी से मुंगावली सड़क निर्माण में करप्शन को लेकर कम्प्लेन हुई है। इसका प्रकरण वर्ष 2012-13 का बताया जा रहा है। इनके विरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना के दौरान श्रीकेएन कम्पनी हैदराबाद और तोमर बिल्डर ग्वालियर के द्वारा चंदेरी से मुंगावली रोड का घटिया निर्माण कराए जाने का आरोप है। इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की गई है। एमडी ने इसकी शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच समिति भी बनाई है। भाई और पार्टनर के नाम पर बनी फर्म से डिजाइन तैयार कराते हैं महाप्रबंधक मध्यप्रदेश कांट्रेक्टर एसोसिएशन भोपाल ने विक्रम सोनी उप महाप्रबंधक डिजाइन मध्य प्रदेश भवन विकास निगम के विरुद्ध आर्थिक अनियमितता की शिकायत की है जिसकी जांच के लिए महाप्रबंधक आर्किटेक्ट, नितिन गोले की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। कमेटी में मोहन किशोर परमार उप महाप्रबंधक सिविल, नीलम प्रसाद चौधरी सहायक महाप्रबंधक सिविल और विष्णु जंगेला कम्पनी सचिव सदस्य के रूप में शामिल रहे। कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने वर्ष 2024 में की गई इसकी शिकायत में कहा कि विक्रम सोनी ने एक स्ट्रक्चर डिजाइन कंसल्टेंसी फर्म चलाई जा रही है। इस फर्म विक्रम के भाई और पार्टनर द्वारा चलाई जा रही है। जिन ठेकेदारों को काम मिलता है उन्हें इसी फर्म से स्ट्रक्चर डिजाइन तैयार कराने के लिए परेशान किया जाता है और अगर ठेकेदार नहीं कराता तो उसके काम रोके जाते हैं। इस मामले में करोड़ों रुपए की अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं।