गजेंद्र के परिवार को 7 लाख रुपए देंगे रोजगार सहायक:सुसाइड में सरकारी मदद नहीं, थाने में फांसी पर एक करोड़ मांगे, मिले 40 हजार

खंडवा में बर्खास्त चल रहे ग्राम रोजगार सहायक गजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। गजेंद्र ने मौत की वजह सरकारी सिस्टम को बताया। इसलिए परिवार, समाज और पंचायतकर्मी मांग कर रहे हैं कि गजेंद्र को न्याय मिलने के साथ ही परिवार को आर्थिक मदद भी दी जाए। हालांकि, सुसाइड के मामले में सरकारी मदद देने का कोई प्रावधान नहीं हैं। फिलहाल, कलेक्टर ने अपने स्तर पर रेडक्रॉस के जरिये गजेंद्र के परिवार को 25 हजार रूपए की मदद दिलाई है। इधर, रोजगार सहायक संगठन ने मृतक गजेंद्र के परिवार को 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि दिए जाने को लेकर सरकार से मांग की। हालांकि बाद में संगठन ने ही फैसला लिया कि सभी रोजगार सहायक मिलकर पैसा जुटाएंगे और गजेंद्र के परिवार को 7 लाख रूपए की मदद देंगे। संगठन के जिलाध्यक्ष लोकेश यादव का कहना है कि गजेंद्र अपने पीछे पूरा परिवार छोड़कर गया है। दो मासूम बेटे हैं, जिनकी स्कूल शिक्षा पूरी नहीं हो पाई है। इस मदद से परिवार को राहत मिलेगी। लॉकअप में फांसी पर एक करोड़ मांगे थे, मिले 40 हजार दो महीने पहले भी 24 अगस्त को खंडवा में ही पंधाना पुलिस स्टेशन के लॉकअप में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। चोरी के एक केस में पुलिस ने धर्मेंद्र को पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया था। आदिवासी संगठनों के विरोध के बाद थाने के टीआई समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। संगठन ने मांग की कि परिवार को एक करोड़ रूपए की सहायता राशि दी जाए। इस घटना को दो महीने हो चुके हैं। सरकारी मदद को लेकर दैनिक भास्कर ने धर्मेंद्र की पत्नी रानूबाई से बात की। रानू कहती हैं कि सरकार और समाज ने आर्थिक रूप से कोई मदद नहीं की। पति की अंत्येष्टि होने के बाद किसी ने मुड़कर भी नहीं देखा। एक करोड़ की बात छोड़िए, एक लाख रूपए भी नहीं मिले। पुलिस ने मेरे पति के हाथ-पैर तोड़ दिए थे। सिर्फ खंडवा कलेक्टर ने 40 हजार रूपए का एक चेक दिया। कलेक्टर अनूप सिंह ने रेडक्रॉस सोसायटी के जरिये दिलाया था। गजेंद्र राठौड़ ने आत्महत्या करने से पहले वीडियो बनाया था ये कहा है वीडियो में मेरी मौत की जिम्मेदार रीना चौहान है। जो पुनासा जनपद सीईओ है। उसके कारण आत्मदाह कर रहा हूं। नहीं दाह नहीं जहर खा रहा हूं। भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि मैं उसको पैसे दे देता तो क्या मेरी नौकरी रहती। मैं अपने बाल-बच्चों को पाल पोस नहीं पा रहा हूं। उसको पांच महीने के एक लाख देता? ये मेरा आखिरी संदेश है। अरे ये मध्यप्रदेश शासन! क्या है मोदी सरकार? बस भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार। कलेक्टर कोर्ट में विराचाधीन था बहाली का केस बर्खास्तगी के मामले में कलेक्टर कोर्ट में अपील लगी थी। जिस पर सुनवाई के लिए एक-दो पेशी हो चुकी थी। इस दौरान वह अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट के समक्ष पेश हुआ था। शायद वह दीवाली बाद बहाल हो जाता।... पूरी खबर पढ़ें रोजगार सहायक ने जहर खाकर दी जान खंडवा में एक रोजगार सहायक ने मंगलवार रात सल्फास खाकर जान दे दी। बुधवार सुबह जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। मरने से पहले रोजगार सहायक ने एक वीडियो भी बनाया है। वीडियो में आरोप लगाए हैं कि पुनासा की जनपद सीईओ उसकी मौत की जिम्मेदार हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें युवक ने थाने के लॉकअप में सुसाइड किया:चादर का फंदा बनाया, बाल्टी पर चढ़कर झूल गया; TI समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड रोजगार सहायक ने जहर खाकर दी जान:वीडियो में कहा- जनपद सीईओ पैसे मांगती है; इंदौर कमिश्नर ने सीईओ को हटाया

गजेंद्र के परिवार को 7 लाख रुपए देंगे रोजगार सहायक:सुसाइड में सरकारी मदद नहीं, थाने में फांसी पर एक करोड़ मांगे, मिले 40 हजार
खंडवा में बर्खास्त चल रहे ग्राम रोजगार सहायक गजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। गजेंद्र ने मौत की वजह सरकारी सिस्टम को बताया। इसलिए परिवार, समाज और पंचायतकर्मी मांग कर रहे हैं कि गजेंद्र को न्याय मिलने के साथ ही परिवार को आर्थिक मदद भी दी जाए। हालांकि, सुसाइड के मामले में सरकारी मदद देने का कोई प्रावधान नहीं हैं। फिलहाल, कलेक्टर ने अपने स्तर पर रेडक्रॉस के जरिये गजेंद्र के परिवार को 25 हजार रूपए की मदद दिलाई है। इधर, रोजगार सहायक संगठन ने मृतक गजेंद्र के परिवार को 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि दिए जाने को लेकर सरकार से मांग की। हालांकि बाद में संगठन ने ही फैसला लिया कि सभी रोजगार सहायक मिलकर पैसा जुटाएंगे और गजेंद्र के परिवार को 7 लाख रूपए की मदद देंगे। संगठन के जिलाध्यक्ष लोकेश यादव का कहना है कि गजेंद्र अपने पीछे पूरा परिवार छोड़कर गया है। दो मासूम बेटे हैं, जिनकी स्कूल शिक्षा पूरी नहीं हो पाई है। इस मदद से परिवार को राहत मिलेगी। लॉकअप में फांसी पर एक करोड़ मांगे थे, मिले 40 हजार दो महीने पहले भी 24 अगस्त को खंडवा में ही पंधाना पुलिस स्टेशन के लॉकअप में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। चोरी के एक केस में पुलिस ने धर्मेंद्र को पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया था। आदिवासी संगठनों के विरोध के बाद थाने के टीआई समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। संगठन ने मांग की कि परिवार को एक करोड़ रूपए की सहायता राशि दी जाए। इस घटना को दो महीने हो चुके हैं। सरकारी मदद को लेकर दैनिक भास्कर ने धर्मेंद्र की पत्नी रानूबाई से बात की। रानू कहती हैं कि सरकार और समाज ने आर्थिक रूप से कोई मदद नहीं की। पति की अंत्येष्टि होने के बाद किसी ने मुड़कर भी नहीं देखा। एक करोड़ की बात छोड़िए, एक लाख रूपए भी नहीं मिले। पुलिस ने मेरे पति के हाथ-पैर तोड़ दिए थे। सिर्फ खंडवा कलेक्टर ने 40 हजार रूपए का एक चेक दिया। कलेक्टर अनूप सिंह ने रेडक्रॉस सोसायटी के जरिये दिलाया था। गजेंद्र राठौड़ ने आत्महत्या करने से पहले वीडियो बनाया था ये कहा है वीडियो में मेरी मौत की जिम्मेदार रीना चौहान है। जो पुनासा जनपद सीईओ है। उसके कारण आत्मदाह कर रहा हूं। नहीं दाह नहीं जहर खा रहा हूं। भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि मैं उसको पैसे दे देता तो क्या मेरी नौकरी रहती। मैं अपने बाल-बच्चों को पाल पोस नहीं पा रहा हूं। उसको पांच महीने के एक लाख देता? ये मेरा आखिरी संदेश है। अरे ये मध्यप्रदेश शासन! क्या है मोदी सरकार? बस भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार। कलेक्टर कोर्ट में विराचाधीन था बहाली का केस बर्खास्तगी के मामले में कलेक्टर कोर्ट में अपील लगी थी। जिस पर सुनवाई के लिए एक-दो पेशी हो चुकी थी। इस दौरान वह अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट के समक्ष पेश हुआ था। शायद वह दीवाली बाद बहाल हो जाता।... पूरी खबर पढ़ें रोजगार सहायक ने जहर खाकर दी जान खंडवा में एक रोजगार सहायक ने मंगलवार रात सल्फास खाकर जान दे दी। बुधवार सुबह जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। मरने से पहले रोजगार सहायक ने एक वीडियो भी बनाया है। वीडियो में आरोप लगाए हैं कि पुनासा की जनपद सीईओ उसकी मौत की जिम्मेदार हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें युवक ने थाने के लॉकअप में सुसाइड किया:चादर का फंदा बनाया, बाल्टी पर चढ़कर झूल गया; TI समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड रोजगार सहायक ने जहर खाकर दी जान:वीडियो में कहा- जनपद सीईओ पैसे मांगती है; इंदौर कमिश्नर ने सीईओ को हटाया