झूठी गवाही देने वाले आरोपी को 10 साल की सजा:दतिया कोर्ट का फैसला; दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
झूठी गवाही देने वाले आरोपी को 10 साल की सजा:दतिया कोर्ट का फैसला; दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
दतिया न्यायालय के न्यायाधीश राजेश भंडारी ने झूठी गवाही देने के मामले में आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है। मामला 30 जून 2021 का है, जब दिनेश रावत (34) ने गोराघाट थाने में अपने साले विकास रावत की हत्या का मामला दर्ज कराया था। दिनेश ने आरोप लगाया था कि, सतेन्द्र रावत, जयसिंह रावत और कृष्णा रावत, भूपेन्द्र रावत ने मिलकर उसके साले की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। अपर लोक अभियोजक पंकज मिश्रा ने बताया- जांच में पाया गया कि दिनेश रावत ने न्यायालय में झूठी गवाही दी थी। इस गंभीर अपराध को संज्ञान में लेते हुए न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 194 के तहत दिनेश रावत को दोषी पाया। 7 फरवरी 2025 को सुनाए गए फैसले में न्यायाधीश ने आरोपी दिनेश रावत को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। यह फैसला न्यायालय में झूठी गवाही देने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है।
दतिया न्यायालय के न्यायाधीश राजेश भंडारी ने झूठी गवाही देने के मामले में आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है। मामला 30 जून 2021 का है, जब दिनेश रावत (34) ने गोराघाट थाने में अपने साले विकास रावत की हत्या का मामला दर्ज कराया था। दिनेश ने आरोप लगाया था कि, सतेन्द्र रावत, जयसिंह रावत और कृष्णा रावत, भूपेन्द्र रावत ने मिलकर उसके साले की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। अपर लोक अभियोजक पंकज मिश्रा ने बताया- जांच में पाया गया कि दिनेश रावत ने न्यायालय में झूठी गवाही दी थी। इस गंभीर अपराध को संज्ञान में लेते हुए न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 194 के तहत दिनेश रावत को दोषी पाया। 7 फरवरी 2025 को सुनाए गए फैसले में न्यायाधीश ने आरोपी दिनेश रावत को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। यह फैसला न्यायालय में झूठी गवाही देने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है।