विधायक प्रतिनिधि-कृषि अधिकारी विवाद में भाजपा की एंट्री:कुंभराज मंडल ने सौंपा ज्ञापन; DDA पर कार्रवाई, बेटे की बीज कंपनी की जांच की मांग

सोमवार को सामने आए कृषि अधिकारी और चांचौड़ा विधायक के मामले में अब भाजपा की एंट्री हो गई है। कुंभराज मंडल ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन SDM को सौंपा है। इसमें उन्होंने कृषि अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाई करने की मांग की है। साथ ही उनके बेटे की बीज कंपनी की जांच कराए जाने की भी मांग की है। बता दें कि उपसंचालक कृषि अशोक कुमार उपाध्याय ने सोमवार को SP के नाम आवेदन पुलिस कार्यालय में सौंपा था। उसमे उन्होंने चांचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची के देवर और विधायक प्रतिनिधि अनिरुद्ध मीना पर अपहरण कर बंधक बनाने के आरोप लगाए थे। यह भी आरोप लगाए थे कि उनसे 50 लाख रुपए की मांग की गई और उनसे गाली गलौच की गई। उन्होंने आवेदन के जरिए अनिरुद्ध मीना पर कार्यवाई की मांग की थी। हालांकि, अनिरूद्ध मीणा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था। उनका कहना था कि कृषि अधिकारी से खाद की जानकारी ली गई गई थी। वहीं विधायक प्रियंका पेंची ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे षड्यंत्र बताया था। उनका कहना था कि उनका नाम बदनाम करने के लिए यह साजिश रची गई है। उन्होंने भी आवेदन देने की बात कही थी। मंगलवार को भाजपा कुंभराज मंडल ने SDM कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है। भाजपा कार्यकर्ता कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया है कि विधानसभा चांचौडा में किसानों को खाद की भारी कमी है। इस समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग में पदस्थ उप संचालक अशोक कुमार उपाध्याय से चर्चा कर समस्या का निदान करने की चर्चा की। उन्होंने समस्या का समाधान न कर खाद को ब्लैक में ऊंचे दामों में बाजार में बिकवाया गया।अधिकारी ने अपने घपले घोटालों को दबाने के लिए मनगढंत कहानी बनाकर विधायक चांचौडा प्रियंका पेंची की छवि खराब करने के उद्देश से अपहरण, गाली गलोज करने अभद्र व्यवहार करने व पचास लाख रूपये मांगने का वीडियो बनाकर वायरल किया। एक शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई जो कि पूर्णत मनगढंत है। ज्ञापन में मांग की गई है कि विधायक कार्यालय में गाली गलोच और सरकारी अधिकारी द्वारा अपेक्षित आचरण के विरुद्ध व्यवहार है। विधायक कार्यालय में बाधा मतलब शासकीय कार्य में बाधा है। शासन के विरुद्ध खुले आम सोशल मीडिया पर बयान बाज़ी कर षड्यंत्र किया गया, जिससे शासन की छवि धूमिल हुई है। उनसे मुलाक़ात 21 जून को हुई, तो उन्हें 24 जून को कैसे याद आया कि इसमें ज़रूर कोई षड्यंत्र है, इसकी उच्च स्तरीय जाँच हो। उर्वरक के वितरण में असमानता है। कालाबाजारी और कृषि अधिकारी के बेटे की बीज कंपनी के बीच के नेक्सस का खुलासा किया जाये।

विधायक प्रतिनिधि-कृषि अधिकारी विवाद में भाजपा की एंट्री:कुंभराज मंडल ने सौंपा ज्ञापन; DDA पर कार्रवाई, बेटे की बीज कंपनी की जांच की मांग
सोमवार को सामने आए कृषि अधिकारी और चांचौड़ा विधायक के मामले में अब भाजपा की एंट्री हो गई है। कुंभराज मंडल ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन SDM को सौंपा है। इसमें उन्होंने कृषि अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाई करने की मांग की है। साथ ही उनके बेटे की बीज कंपनी की जांच कराए जाने की भी मांग की है। बता दें कि उपसंचालक कृषि अशोक कुमार उपाध्याय ने सोमवार को SP के नाम आवेदन पुलिस कार्यालय में सौंपा था। उसमे उन्होंने चांचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची के देवर और विधायक प्रतिनिधि अनिरुद्ध मीना पर अपहरण कर बंधक बनाने के आरोप लगाए थे। यह भी आरोप लगाए थे कि उनसे 50 लाख रुपए की मांग की गई और उनसे गाली गलौच की गई। उन्होंने आवेदन के जरिए अनिरुद्ध मीना पर कार्यवाई की मांग की थी। हालांकि, अनिरूद्ध मीणा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था। उनका कहना था कि कृषि अधिकारी से खाद की जानकारी ली गई गई थी। वहीं विधायक प्रियंका पेंची ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे षड्यंत्र बताया था। उनका कहना था कि उनका नाम बदनाम करने के लिए यह साजिश रची गई है। उन्होंने भी आवेदन देने की बात कही थी। मंगलवार को भाजपा कुंभराज मंडल ने SDM कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है। भाजपा कार्यकर्ता कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया है कि विधानसभा चांचौडा में किसानों को खाद की भारी कमी है। इस समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग में पदस्थ उप संचालक अशोक कुमार उपाध्याय से चर्चा कर समस्या का निदान करने की चर्चा की। उन्होंने समस्या का समाधान न कर खाद को ब्लैक में ऊंचे दामों में बाजार में बिकवाया गया।अधिकारी ने अपने घपले घोटालों को दबाने के लिए मनगढंत कहानी बनाकर विधायक चांचौडा प्रियंका पेंची की छवि खराब करने के उद्देश से अपहरण, गाली गलोज करने अभद्र व्यवहार करने व पचास लाख रूपये मांगने का वीडियो बनाकर वायरल किया। एक शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई जो कि पूर्णत मनगढंत है। ज्ञापन में मांग की गई है कि विधायक कार्यालय में गाली गलोच और सरकारी अधिकारी द्वारा अपेक्षित आचरण के विरुद्ध व्यवहार है। विधायक कार्यालय में बाधा मतलब शासकीय कार्य में बाधा है। शासन के विरुद्ध खुले आम सोशल मीडिया पर बयान बाज़ी कर षड्यंत्र किया गया, जिससे शासन की छवि धूमिल हुई है। उनसे मुलाक़ात 21 जून को हुई, तो उन्हें 24 जून को कैसे याद आया कि इसमें ज़रूर कोई षड्यंत्र है, इसकी उच्च स्तरीय जाँच हो। उर्वरक के वितरण में असमानता है। कालाबाजारी और कृषि अधिकारी के बेटे की बीज कंपनी के बीच के नेक्सस का खुलासा किया जाये।