इंदौर में रोटरी क्लब ऑफ विनायकम ने किए सेवाकार्य:संस्था अद्भुत में दृष्टिहीन बच्चों को भोजन कराकर मानव सेवा प्रकल्प का लिया संकल्प

रोटरी क्लब ऑफ इंदौर विनायकम ने सोमवार को संस्था अद्भुत में दृष्टिहीन बच्चों को स्टीक देकर सेवाकार्य किए। रोटरी क्लब के सदस्य बड़ी संख्या में संस्था पहुंचे बच्चों की दैनिक जीवनचर्या में उनके उपयोग का सामान देकर उन्हें स्टीक भेंट की। इस मौके पर संस्था के दृष्टिहीन बच्चों को दवाए देकर भोजन करवाकर सेवाकार्य किए। इस कार्यक्रम में अंधे बच्चों की अपनी अलग ही दुनिया होती है देखा गया। बच्चों के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान और आत्मविश्वास अलग ही छलकता है। क्लब के सचिव आकाश अग्रवाल ने अध्यक्षीय कालर पहनाकर, चतुर्वीद मंत्र का वाचन किया। विमल अग्रवाल ने संचालन किया। राजकुमार हाड़ा और सचिव आकाश अग्रवाल ने अपना उद्बोधन दिया। इस मौके पर संस्था के संचालक संदीप पाराशर का मोती की माला और तिरंगा दुपट्‌टा पहनाकर उनका सम्मान कर उनका इस सेवा का मौका देने हेतु आभार माना। इस आयोजन में क्लब अध्यक्ष डॉ. बनवारीलाल जाजोदिया ने अपने उद्भोधन में कहा कि आजकल तो आंखे वाले ज्यादा अंधे देखकर भी गलत काम करते हैं। जान-बूझकर सभी अपराध में लिप्त रहते है। ईश्वर ने आपको आंख नहीं दी लेकिन दूसरी शक्तियां अतिरिक्त दी है। बात ही बात में श्रीकांत की एक फिल्म याद आई और किस्सा सुनाया कि एक अंधा लड़का अपनी जिद्द और जुनून से बड़े से बड़े काॅलेज में एडमिशन ले लेता और विदेश भी पढ़ने चला जाता है। व्यवसाय में सफलता हासिल कर लेता है और अंत में विशेष श्रेणी सर्वोच्च पुरस्कार मिलने पर लौटा देता है। यह बात यह संदेश देती है कि जब नार्मल श्रेणी में पुरस्कार लेने लायक हो जाऊं तब दीजिएगा। इस मौके पर एक छोटी स्वरचित कविता भी सुनाई गई। "काश हमारा दर्द कोई बांट सके, बाहें फैलाए टिक-टिक लाठी से याद दिलाए, हां में अंधा हूं, कोई तो आंख दे दो। चाहे जीवन की रोशनी बुझने के बाद ही, कम से कम देख तो लूंगा कैसी होती है दुनिया और कैसे होते है बेदर्दी लोग। इस मौके पर क्लब के वरिष्ठ साथी श्री उपाध्याय ने सरकारी योजना से अवगत कराया और कहा कि वर्तमान में टेक्नोलॉजी इतनी उपलब्ध है, जिससे पता कर जीविका के सभी साधन उपलब्ध हो सकते हैं। भरपूर नौकरी के सुअवसर उपलब्ध है, पूर्व अध्यक्ष जे. एन. चौधरी ने याद दिलाया, जिनके हाथ पांव ही भगवान ने नहीं दिए वे अच्छी नौकरी और जीवन के सभी कार्य सुचारू रूप से निभा रहे तो आप लोग तो कई गुना सक्षम हैं। इस मौके पर मंडल 3040 की ओर से अक्षत गुप्ता ने कहा कि अब 2027 तक भारत में कोई भी अशिक्षित नहीं रहेगा, ऐसा रोटरी का प्रकल्प है। क्लब के सदस्य ने बच्चों को टाफी वितरण की। अंत में सभी उपस्थित रोटेरियन ने बच्चों को क्लब की ओर से खाना खिलाकर पीड़ित मानव सेवा प्रकल्प का संकल्प लिया। बच्चों को प्रेरणा दी गई कि आपभी बड़े होकर मानव सेवा का प्रकल्प लेना।

इंदौर में रोटरी क्लब ऑफ विनायकम ने किए सेवाकार्य:संस्था अद्भुत में दृष्टिहीन बच्चों को भोजन कराकर मानव सेवा प्रकल्प का लिया संकल्प
रोटरी क्लब ऑफ इंदौर विनायकम ने सोमवार को संस्था अद्भुत में दृष्टिहीन बच्चों को स्टीक देकर सेवाकार्य किए। रोटरी क्लब के सदस्य बड़ी संख्या में संस्था पहुंचे बच्चों की दैनिक जीवनचर्या में उनके उपयोग का सामान देकर उन्हें स्टीक भेंट की। इस मौके पर संस्था के दृष्टिहीन बच्चों को दवाए देकर भोजन करवाकर सेवाकार्य किए। इस कार्यक्रम में अंधे बच्चों की अपनी अलग ही दुनिया होती है देखा गया। बच्चों के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान और आत्मविश्वास अलग ही छलकता है। क्लब के सचिव आकाश अग्रवाल ने अध्यक्षीय कालर पहनाकर, चतुर्वीद मंत्र का वाचन किया। विमल अग्रवाल ने संचालन किया। राजकुमार हाड़ा और सचिव आकाश अग्रवाल ने अपना उद्बोधन दिया। इस मौके पर संस्था के संचालक संदीप पाराशर का मोती की माला और तिरंगा दुपट्‌टा पहनाकर उनका सम्मान कर उनका इस सेवा का मौका देने हेतु आभार माना। इस आयोजन में क्लब अध्यक्ष डॉ. बनवारीलाल जाजोदिया ने अपने उद्भोधन में कहा कि आजकल तो आंखे वाले ज्यादा अंधे देखकर भी गलत काम करते हैं। जान-बूझकर सभी अपराध में लिप्त रहते है। ईश्वर ने आपको आंख नहीं दी लेकिन दूसरी शक्तियां अतिरिक्त दी है। बात ही बात में श्रीकांत की एक फिल्म याद आई और किस्सा सुनाया कि एक अंधा लड़का अपनी जिद्द और जुनून से बड़े से बड़े काॅलेज में एडमिशन ले लेता और विदेश भी पढ़ने चला जाता है। व्यवसाय में सफलता हासिल कर लेता है और अंत में विशेष श्रेणी सर्वोच्च पुरस्कार मिलने पर लौटा देता है। यह बात यह संदेश देती है कि जब नार्मल श्रेणी में पुरस्कार लेने लायक हो जाऊं तब दीजिएगा। इस मौके पर एक छोटी स्वरचित कविता भी सुनाई गई। "काश हमारा दर्द कोई बांट सके, बाहें फैलाए टिक-टिक लाठी से याद दिलाए, हां में अंधा हूं, कोई तो आंख दे दो। चाहे जीवन की रोशनी बुझने के बाद ही, कम से कम देख तो लूंगा कैसी होती है दुनिया और कैसे होते है बेदर्दी लोग। इस मौके पर क्लब के वरिष्ठ साथी श्री उपाध्याय ने सरकारी योजना से अवगत कराया और कहा कि वर्तमान में टेक्नोलॉजी इतनी उपलब्ध है, जिससे पता कर जीविका के सभी साधन उपलब्ध हो सकते हैं। भरपूर नौकरी के सुअवसर उपलब्ध है, पूर्व अध्यक्ष जे. एन. चौधरी ने याद दिलाया, जिनके हाथ पांव ही भगवान ने नहीं दिए वे अच्छी नौकरी और जीवन के सभी कार्य सुचारू रूप से निभा रहे तो आप लोग तो कई गुना सक्षम हैं। इस मौके पर मंडल 3040 की ओर से अक्षत गुप्ता ने कहा कि अब 2027 तक भारत में कोई भी अशिक्षित नहीं रहेगा, ऐसा रोटरी का प्रकल्प है। क्लब के सदस्य ने बच्चों को टाफी वितरण की। अंत में सभी उपस्थित रोटेरियन ने बच्चों को क्लब की ओर से खाना खिलाकर पीड़ित मानव सेवा प्रकल्प का संकल्प लिया। बच्चों को प्रेरणा दी गई कि आपभी बड़े होकर मानव सेवा का प्रकल्प लेना।