सीहोर में नए साल के तीसरे दिन भी कोहरा:महज 20 मीटर रही विजिबिलिटी, मौसम विभाग का कहना- अगले 3 दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
सीहोर में नए साल के तीसरे दिन भी कोहरा:महज 20 मीटर रही विजिबिलिटी, मौसम विभाग का कहना- अगले 3 दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
सीहोर जिले में साल का तीसरा दिन कड़ाके की ठंड के साथ शुरू हुआ है। आज सीजन का सबसे घना कोहरा रहा। जिसके चलते विजिबिलिटी महज 20 मीटर के लगभग दर्ज की गई है और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। साथ ही शीतलहर का असर भी जारी है। विजिबिलिटी काफी कम होने के कारण लोगों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर वाहन चलाने को मजबूर होना पड़ा। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है और आगामी 3 दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा। शीतलहर के लिए एडवाइजरी जारी स्वास्थ्य विभाग ने शीतलहर को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। सीएमएचओ डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने जिले स्वास्थ्य संस्था प्रभारियों निर्देश दिए हैं कि शीतलहर से बचाव के लिए लोगों को प्रचार-प्रसार करके जागरूक किया जाए। सभी अस्पतालों में शीत से प्रभावित मरीजों के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए। शीत से संबंधित बीमारी की प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण के लिए तैयारी रखी जाए। इमरजेंसी कॉल के लिए रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाए। स्वास्थ्य संस्था में पर्याप्त मात्रा में संबंधित दवाइयों व एंटीबायोटिक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल की क्षमता के अनुसार शीतघात के मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा अपने आस-पास के लोगों के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। जिसमें शीत से बचाव की विधि के बारे में जानकारी दी जाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संबधित बीमारी के मरीज का पर्याप्त प्राथमिक उपचार करने के बाद ही जिला अस्पताल को रेफर करें। कोल्ड अटैक से बचाव के उपाय फ्लू, बुखार, नाक बहना जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इसलिए आवश्यक न होने घर से बाहर न निकलें। आपातकालीन स्थिति के लिए आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन, पानी, ईंधन, बैटरी, चार्जर, आपातकालीन प्रकाश, और संबंधित दवाएं तैयार रखी जाए। सर्दी में मौसम के परिवर्तन होने से वातावरण का तापमान कम हो जाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के रोग होने की संभावना रहती हैं। ऐसे वस्त्र जिनमें कई परतें होती है, उनका उपयोग करें। स्वास्थ्य वर्धक गर्म भोजन का सेवन करें और शीत प्रकृति के भोजन से दूर रहें। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने के लिए विटामिन से भरपूर ताजे फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहती है। बुजुर्ग, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का अधिक ध्यान रखें क्योंकि उन्हें शीत ऋतु का प्रभाव होने की आशंका अधिक रहती हैं। कमरों को गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें। अगर कोयले तथा लकड़ी को जलाना आवश्यक है तो उचित चिमनी का प्रयोग करें।
सीहोर जिले में साल का तीसरा दिन कड़ाके की ठंड के साथ शुरू हुआ है। आज सीजन का सबसे घना कोहरा रहा। जिसके चलते विजिबिलिटी महज 20 मीटर के लगभग दर्ज की गई है और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। साथ ही शीतलहर का असर भी जारी है। विजिबिलिटी काफी कम होने के कारण लोगों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर वाहन चलाने को मजबूर होना पड़ा। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है और आगामी 3 दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा। शीतलहर के लिए एडवाइजरी जारी स्वास्थ्य विभाग ने शीतलहर को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। सीएमएचओ डॉ सुधीर कुमार डेहरिया ने जिले स्वास्थ्य संस्था प्रभारियों निर्देश दिए हैं कि शीतलहर से बचाव के लिए लोगों को प्रचार-प्रसार करके जागरूक किया जाए। सभी अस्पतालों में शीत से प्रभावित मरीजों के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए। शीत से संबंधित बीमारी की प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण के लिए तैयारी रखी जाए। इमरजेंसी कॉल के लिए रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाए। स्वास्थ्य संस्था में पर्याप्त मात्रा में संबंधित दवाइयों व एंटीबायोटिक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल की क्षमता के अनुसार शीतघात के मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा अपने आस-पास के लोगों के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। जिसमें शीत से बचाव की विधि के बारे में जानकारी दी जाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संबधित बीमारी के मरीज का पर्याप्त प्राथमिक उपचार करने के बाद ही जिला अस्पताल को रेफर करें। कोल्ड अटैक से बचाव के उपाय फ्लू, बुखार, नाक बहना जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इसलिए आवश्यक न होने घर से बाहर न निकलें। आपातकालीन स्थिति के लिए आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन, पानी, ईंधन, बैटरी, चार्जर, आपातकालीन प्रकाश, और संबंधित दवाएं तैयार रखी जाए। सर्दी में मौसम के परिवर्तन होने से वातावरण का तापमान कम हो जाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के रोग होने की संभावना रहती हैं। ऐसे वस्त्र जिनमें कई परतें होती है, उनका उपयोग करें। स्वास्थ्य वर्धक गर्म भोजन का सेवन करें और शीत प्रकृति के भोजन से दूर रहें। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने के लिए विटामिन से भरपूर ताजे फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहती है। बुजुर्ग, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का अधिक ध्यान रखें क्योंकि उन्हें शीत ऋतु का प्रभाव होने की आशंका अधिक रहती हैं। कमरों को गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें। अगर कोयले तथा लकड़ी को जलाना आवश्यक है तो उचित चिमनी का प्रयोग करें।