कंसल उद्योग की 6.50​​​​​​​ करोड़ की बैंक गारंटी राजसात:रायगढ़ में धान खरीदी में अनियमितता, चावल जमा नहीं करने पर राइस मिल पर कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में धान खरीदी में अनियमितता का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने मेसर्स कंसल उद्योग राइस मिल की 6.50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंक गारंटी को राजसात करने की कार्रवाई की है। कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के निर्देश पर विपणन विभाग ने मेसर्स कंसल उद्योग राइस मिल सांगीतराई में चावल जमा करने के संबंध में जांच की थी। जांच में पाया गया कि, राइस मिल ने धान का उठाव तो किया, लेकिन उठाव की मात्रा से कम चावल जमा किया। ऐसी स्थिति में विपणन विभाग ने राइस मिल को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन इस राइस मिल के संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में शासन को 6.50 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है। जिसे देखते हुए विपणन विभाग ने कस्टम मिलिंग के ठेके में मेसर्स कंसल उद्योग की तरफ से जमा की गई बैंक गारंटी में से 6.50 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली योग्य राशि को राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है। भौतिक सत्यापन में 20984 क्विंटल धान कम मिला खाद्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, चावल मिल मेसर्स कांसल उद्योग के भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा नहीं किए जाने के कारण 25 अगस्त को चावल मिल का भौतिक सत्यापन किया गया। जिसमें 27948.40 क्विंटल धान का उठाव किया गया। जिसमें जमा किये जाने वाले 18912.68 क्विंटल चावल के स्थान पर मात्र 4049.104 क्विंटल चावल ही जमा किया गया। इस प्रकार जमा किये गये चावल से 14863.58 क्विंटल चावल कम पाया गया। उपलब्ध अनुपातिक धान 22184.00 क्विंटल होना चाहिए था, लेकिन भौतिक सत्यापन के दौरान मात्र 1200.00 क्विंटल धान ही पाया गया। भौतिक सत्यापन के दौरान 20984.00 क्विंटल धान कम पाया गया और जमा करने के लिए शेष चावल की मात्रा भी कम पाई गई। नोटिस का नहीं दिया कोई जवाब इसके बाद धान खरीदी में शासन की तरफ से भुगतान की गई 3100 रुपए प्रति क्विंटल की राशि के आधार पर कंसल राइस मिल से 6 ​​करोड़ 50 लाख 50 हजार 400 रुपए की राशि ली जानी है। जिसके बाद राइस मिल संचालक को 3 सितंबर और 14 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए फिर से समय दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी मेसर्स कंसल उद्योग के संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद बैंक गारंटी का राजसात करने की कार्रवाई की गई।

कंसल उद्योग की 6.50​​​​​​​ करोड़ की बैंक गारंटी राजसात:रायगढ़ में धान खरीदी में अनियमितता, चावल जमा नहीं करने पर राइस मिल पर कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में धान खरीदी में अनियमितता का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने मेसर्स कंसल उद्योग राइस मिल की 6.50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंक गारंटी को राजसात करने की कार्रवाई की है। कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के निर्देश पर विपणन विभाग ने मेसर्स कंसल उद्योग राइस मिल सांगीतराई में चावल जमा करने के संबंध में जांच की थी। जांच में पाया गया कि, राइस मिल ने धान का उठाव तो किया, लेकिन उठाव की मात्रा से कम चावल जमा किया। ऐसी स्थिति में विपणन विभाग ने राइस मिल को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन इस राइस मिल के संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में शासन को 6.50 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है। जिसे देखते हुए विपणन विभाग ने कस्टम मिलिंग के ठेके में मेसर्स कंसल उद्योग की तरफ से जमा की गई बैंक गारंटी में से 6.50 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली योग्य राशि को राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है। भौतिक सत्यापन में 20984 क्विंटल धान कम मिला खाद्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, चावल मिल मेसर्स कांसल उद्योग के भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा नहीं किए जाने के कारण 25 अगस्त को चावल मिल का भौतिक सत्यापन किया गया। जिसमें 27948.40 क्विंटल धान का उठाव किया गया। जिसमें जमा किये जाने वाले 18912.68 क्विंटल चावल के स्थान पर मात्र 4049.104 क्विंटल चावल ही जमा किया गया। इस प्रकार जमा किये गये चावल से 14863.58 क्विंटल चावल कम पाया गया। उपलब्ध अनुपातिक धान 22184.00 क्विंटल होना चाहिए था, लेकिन भौतिक सत्यापन के दौरान मात्र 1200.00 क्विंटल धान ही पाया गया। भौतिक सत्यापन के दौरान 20984.00 क्विंटल धान कम पाया गया और जमा करने के लिए शेष चावल की मात्रा भी कम पाई गई। नोटिस का नहीं दिया कोई जवाब इसके बाद धान खरीदी में शासन की तरफ से भुगतान की गई 3100 रुपए प्रति क्विंटल की राशि के आधार पर कंसल राइस मिल से 6 ​​करोड़ 50 लाख 50 हजार 400 रुपए की राशि ली जानी है। जिसके बाद राइस मिल संचालक को 3 सितंबर और 14 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए फिर से समय दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी मेसर्स कंसल उद्योग के संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद बैंक गारंटी का राजसात करने की कार्रवाई की गई।