जालसाज चढ़े पुलिस के हत्थे:पुलिस ने किए दो आरोपियों से 50 सिमकार्ड जब्त
जालसाज चढ़े पुलिस के हत्थे:पुलिस ने किए दो आरोपियों से 50 सिमकार्ड जब्त
नरसिंहपुर जिले में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर बैंकों में खाते खुलवाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह जालसाज भोले-भाले गरीब लोगों को चंद रुपयों का लालच देकर उनके खातों से लाखों रुपए का बेनामी लेनदेन कर रहे थे। आरोपियों के पास से 50 अलग-अलग कंपनियों की सिम समेत बड़ी संख्या में चेकबुक, एटीएम के अलावा एक कार जब्त की गई है। पुलिस ने शनिवार शाम को दोनों आरोपियों न्यायालय में पेशकर जेल भेजा गया है। करेली तहसील के अंतर्गत अवरिया गांव निवासी आशिक पिता वहीद खान ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है। उसने बताया कि आरोपी हरियाणा निवासी दिलीप नेहरा और जिले के तेंदूखेड़ा का रहने वाले जितेश खटीक ने उसके साथ फर्जीवाड़ा किया है। आशिक खान के अनुसार दिलीप नेहरा और जितेश खटीक उसके दस्तावेजों को लेकर गायब चल रहे थे। जिनकी वह तलाश कर रहा था। इसी बीच बीती 21 जून की दोपहर करीब 3 बजे ये दोनों अपनी कार से आमगांव में दिखे। संभवत: ये दोनों किसी अन्य बेरोजगार को फंसाने की फिराक में थे। इसी दौरान आशिक के दोस्त उमेश मेहरा की जालसाजों पर नजर पड़ गई। उसने इन्हें रोककर उसे सूचित किया। पहुंचने पर आरोपियों से जब आशिक ने अपने आधार, पेन, चेकबुक व एटीएम आदि मांगे तो इन्होंने देने से मना कर दिया। पीड़ित की सूचना पर पहुंची करेली पुलिस दिलीप नेहरा और जितेश खटीक को लेकर थाने आई। यहां कार की तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से 50 सिम कार्ड, 12 चेकबुक, 7 एटीएम बरामद किए गए। आशिक की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध करेली पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, साइबर एक्ट आदि की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर इन्हें गिरफ्तार किया। ऑनलाइन करते थे ट्रांजेक्शन जालसाजी के आरोपी दिलीप नेहरा और जितेश खटीक से पूछताछ में पता चला कि दोनों बेरोजगारों को लालच देकर बैंकों में खाता तो खुलवाते थे, लेकिन पासबुक में राशि का अंकन कराने के बजाय सारे ट्रांजेक्शन ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए करते थे। इसलिए आरोपियों ने कितनी राशि का फर्जीवाड़ा किया है। इसके बारे में जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। करेली थाना प्रभारी सुभाष चंद्र बघेल के अनुसार बड़ी संख्या में सिम बरामदगी को देखते हुए साइबर सेल की टीम सक्रिय हो गई है। पता किया जा रहा है कि आखिर किन-किन लोगों के नाम पर खाते खुलवाकर कितनी राशि का लेनदेन किया गया है। राशि भेजने वाले कौन हैं। फिलहाल दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। इनका कहना है फर्जीवाड़े की जांच पुलिस कर रही है। अवैध रूप से खाते खुलवाने में बैंकों की क्या भूमिका है, यह विवेचना के बाद स्पष्ट होगा। दोनों आरोपियों के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी का मुकदमा कायम कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। नागेंद्र पटेरिया, एएसपी नरसिंहपुर
नरसिंहपुर जिले में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर बैंकों में खाते खुलवाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह जालसाज भोले-भाले गरीब लोगों को चंद रुपयों का लालच देकर उनके खातों से लाखों रुपए का बेनामी लेनदेन कर रहे थे। आरोपियों के पास से 50 अलग-अलग कंपनियों की सिम समेत बड़ी संख्या में चेकबुक, एटीएम के अलावा एक कार जब्त की गई है। पुलिस ने शनिवार शाम को दोनों आरोपियों न्यायालय में पेशकर जेल भेजा गया है। करेली तहसील के अंतर्गत अवरिया गांव निवासी आशिक पिता वहीद खान ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है। उसने बताया कि आरोपी हरियाणा निवासी दिलीप नेहरा और जिले के तेंदूखेड़ा का रहने वाले जितेश खटीक ने उसके साथ फर्जीवाड़ा किया है। आशिक खान के अनुसार दिलीप नेहरा और जितेश खटीक उसके दस्तावेजों को लेकर गायब चल रहे थे। जिनकी वह तलाश कर रहा था। इसी बीच बीती 21 जून की दोपहर करीब 3 बजे ये दोनों अपनी कार से आमगांव में दिखे। संभवत: ये दोनों किसी अन्य बेरोजगार को फंसाने की फिराक में थे। इसी दौरान आशिक के दोस्त उमेश मेहरा की जालसाजों पर नजर पड़ गई। उसने इन्हें रोककर उसे सूचित किया। पहुंचने पर आरोपियों से जब आशिक ने अपने आधार, पेन, चेकबुक व एटीएम आदि मांगे तो इन्होंने देने से मना कर दिया। पीड़ित की सूचना पर पहुंची करेली पुलिस दिलीप नेहरा और जितेश खटीक को लेकर थाने आई। यहां कार की तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से 50 सिम कार्ड, 12 चेकबुक, 7 एटीएम बरामद किए गए। आशिक की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध करेली पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, साइबर एक्ट आदि की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर इन्हें गिरफ्तार किया। ऑनलाइन करते थे ट्रांजेक्शन जालसाजी के आरोपी दिलीप नेहरा और जितेश खटीक से पूछताछ में पता चला कि दोनों बेरोजगारों को लालच देकर बैंकों में खाता तो खुलवाते थे, लेकिन पासबुक में राशि का अंकन कराने के बजाय सारे ट्रांजेक्शन ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए करते थे। इसलिए आरोपियों ने कितनी राशि का फर्जीवाड़ा किया है। इसके बारे में जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। करेली थाना प्रभारी सुभाष चंद्र बघेल के अनुसार बड़ी संख्या में सिम बरामदगी को देखते हुए साइबर सेल की टीम सक्रिय हो गई है। पता किया जा रहा है कि आखिर किन-किन लोगों के नाम पर खाते खुलवाकर कितनी राशि का लेनदेन किया गया है। राशि भेजने वाले कौन हैं। फिलहाल दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। इनका कहना है फर्जीवाड़े की जांच पुलिस कर रही है। अवैध रूप से खाते खुलवाने में बैंकों की क्या भूमिका है, यह विवेचना के बाद स्पष्ट होगा। दोनों आरोपियों के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी का मुकदमा कायम कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। नागेंद्र पटेरिया, एएसपी नरसिंहपुर