बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा:चीफ वॉडर्न पर सुंदरकांड में जाने से रोकने का आरोप, स्टूडेंट्स ने बजाई रामधुन

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले फीस जमा न करने पर दुर्गा पूजा से रोकने का नोटिस दिया गया, और अब सुंदरकांड में जाने को लेकर विवाद सामने आया है। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का आरोप है कि वॉर्डन अनिता तिलवानी ने उन्हें सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने से रोका। इतना ही नहीं, वॉर्डन ने छात्राओं से माफीनामा भी लिखवाया। छात्राओं के अनुसार, वॉर्डन ने कहा कि यदि उन्हें मंदिर जाना है, तो पहले विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत लेनी होगी। इस मुद्दे को लेकर ABVP ने विश्वविद्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वार्डन पर आरोप- मंदिर जाने के लिए लिखित अनुमति का कहा स्टूडेंट्स ने बताया कि कुछ दिन पूर्व विश्वविद्यालय कैंपस में बने मंदिर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया था, जिसमें छात्र-छात्राएं शामिल हुए। छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने पूर्व में कुलसचिव से अनुमति लेकर सुंदरकांड कार्यक्रम में भाग लिया था और रात 8:00 बजे तक की अनुमति ली थी। कार्यक्रम जल्दी समाप्त होने पर छात्राएं 7:40 बजे तक छात्रावास लौट आईं। रात्रि में मुख्य वार्डन अनीता तिलवानी ने सभी छात्राओं को एकत्रित कर धमकी दी और कहा कि "कुलसचिव और कुलपति के कहने से मैं नहीं चलूंगी, अगर उन्हें इतना ही आग्रह है तो वे खुद हॉस्टल चलाएं।" वार्डन ने छात्राओं का रिजल्ट खराब करने की धमकी भी दी। चीफ वार्डन ने यह भी कहा कि मंदिर जाने के लिए अब से छात्राओं को लिखित में अनुमति लेनी होगी। छात्राओं के अनुसार, वार्डन ने कहा था कि "मैं रजिस्ट्रार की भी नहीं सुनूंगी। अब तुम लोग अपना पावर दिखाओ। मेरा पावर तुम सबसे बहुत ज्यादा है, और कुलपति व कुलसचिव मेरा कुछ नहीं कर सकते। एक फोन से मैं विश्वविद्यालय की सभी चीजों में बदलाव करवा सकती हूं।" वार्डन ने यह भी फरमान जारी किया कि मंदिर या भंडारे में जाने से पहले उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी। ABVP ने किया विरोध प्रदर्शन इस विवाद को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ABVP के छात्र विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और सत्यभवन के सामने रामधुन का आयोजन कर प्रशासन से इस मुद्दे पर सद्बुद्धि की अपील की। ABVP के अध्यक्ष दिवाकर शुक्ला ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन किया। कई हिंदू संगठनों ने मामले पर चिंता जाहिर की। एबीवीपी भोपाल महानगर मंत्री शिवम जाट ने कहा कि "ऐसे दूषित मानसिकता वाले लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, जो छात्रों की धार्मिक भावनाओं पर पाबंदी लगाने का प्रयास करते हैं। यह खबर भी पढ़ें... एक बार फिर से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एक आदेश फिर से चर्चाओं में है, इस बार आदेश हॉस्टल के छात्रों के लिए है। जिसमें कहा गया है कि छात्रों ने अगर समय पर फीस नहीं भरी तो जवाहर छात्रावास दुर्गा उत्सव की भी अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले गुरुवार को भी छात्रों का विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भगत सिंह जयंती मनाने को विवाद हो चुका है। इस बारे में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन प्रोफेसर हेमंत खंडई का कहना है कि बच्चे वहां पर अवैध तरीके से रह रहे हैं ना तो वह रजिस्ट्रेशन करते हैं और ना ही कभी फीस भरते हैं हमने यह आदेश उन्हें भय दिखाने के लिए चस्पा किया है। पूजा हमेशा होती है और होती रहेगी, दुर्गा उत्सव भी मनाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा:चीफ वॉडर्न पर सुंदरकांड में जाने से रोकने का आरोप, स्टूडेंट्स ने बजाई रामधुन
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले फीस जमा न करने पर दुर्गा पूजा से रोकने का नोटिस दिया गया, और अब सुंदरकांड में जाने को लेकर विवाद सामने आया है। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का आरोप है कि वॉर्डन अनिता तिलवानी ने उन्हें सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने से रोका। इतना ही नहीं, वॉर्डन ने छात्राओं से माफीनामा भी लिखवाया। छात्राओं के अनुसार, वॉर्डन ने कहा कि यदि उन्हें मंदिर जाना है, तो पहले विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत लेनी होगी। इस मुद्दे को लेकर ABVP ने विश्वविद्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वार्डन पर आरोप- मंदिर जाने के लिए लिखित अनुमति का कहा स्टूडेंट्स ने बताया कि कुछ दिन पूर्व विश्वविद्यालय कैंपस में बने मंदिर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया था, जिसमें छात्र-छात्राएं शामिल हुए। छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने पूर्व में कुलसचिव से अनुमति लेकर सुंदरकांड कार्यक्रम में भाग लिया था और रात 8:00 बजे तक की अनुमति ली थी। कार्यक्रम जल्दी समाप्त होने पर छात्राएं 7:40 बजे तक छात्रावास लौट आईं। रात्रि में मुख्य वार्डन अनीता तिलवानी ने सभी छात्राओं को एकत्रित कर धमकी दी और कहा कि "कुलसचिव और कुलपति के कहने से मैं नहीं चलूंगी, अगर उन्हें इतना ही आग्रह है तो वे खुद हॉस्टल चलाएं।" वार्डन ने छात्राओं का रिजल्ट खराब करने की धमकी भी दी। चीफ वार्डन ने यह भी कहा कि मंदिर जाने के लिए अब से छात्राओं को लिखित में अनुमति लेनी होगी। छात्राओं के अनुसार, वार्डन ने कहा था कि "मैं रजिस्ट्रार की भी नहीं सुनूंगी। अब तुम लोग अपना पावर दिखाओ। मेरा पावर तुम सबसे बहुत ज्यादा है, और कुलपति व कुलसचिव मेरा कुछ नहीं कर सकते। एक फोन से मैं विश्वविद्यालय की सभी चीजों में बदलाव करवा सकती हूं।" वार्डन ने यह भी फरमान जारी किया कि मंदिर या भंडारे में जाने से पहले उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी। ABVP ने किया विरोध प्रदर्शन इस विवाद को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ABVP के छात्र विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और सत्यभवन के सामने रामधुन का आयोजन कर प्रशासन से इस मुद्दे पर सद्बुद्धि की अपील की। ABVP के अध्यक्ष दिवाकर शुक्ला ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन किया। कई हिंदू संगठनों ने मामले पर चिंता जाहिर की। एबीवीपी भोपाल महानगर मंत्री शिवम जाट ने कहा कि "ऐसे दूषित मानसिकता वाले लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, जो छात्रों की धार्मिक भावनाओं पर पाबंदी लगाने का प्रयास करते हैं। यह खबर भी पढ़ें... एक बार फिर से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में एक आदेश फिर से चर्चाओं में है, इस बार आदेश हॉस्टल के छात्रों के लिए है। जिसमें कहा गया है कि छात्रों ने अगर समय पर फीस नहीं भरी तो जवाहर छात्रावास दुर्गा उत्सव की भी अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले गुरुवार को भी छात्रों का विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भगत सिंह जयंती मनाने को विवाद हो चुका है। इस बारे में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन प्रोफेसर हेमंत खंडई का कहना है कि बच्चे वहां पर अवैध तरीके से रह रहे हैं ना तो वह रजिस्ट्रेशन करते हैं और ना ही कभी फीस भरते हैं हमने यह आदेश उन्हें भय दिखाने के लिए चस्पा किया है। पूजा हमेशा होती है और होती रहेगी, दुर्गा उत्सव भी मनाया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर