बिजनौर में दरगाह-ए-फातिमा जैहरा पर शुरू हुई मजलिस:मौलाना मैहदी अब्बास ने कहा- हजरत फातिमा जैहरा की सीरत है महिलाओं के लिए प्रेरणा

बिजनौर के हल्दौर क्षेत्र स्थित ग्राम छजुपुरा सादात में दरगाह-ए-आलिया हजरत फातिमा जैहरा पर तीन दिवसीय सालाना मजलिस का आयोजन शुरू हुआ। मौलाना सैय्यद अहमद रजा जैदी ने तिलावत-ए-कलाम-ए-पाक से कार्यक्रम का आगाज किया। पहले दिन चार मजलिसों का आयोजन हुआ। पहली मजलिस में मौलाना सय्यद मैहदी अब्बास जैदी ने खिताब दिया। दूसरी मजलिस में मौलाना मोहम्मद अली पटना ने संबोधित किया। तीसरी मजलिस में मौलाना अली रिजवान लखनवी और चौथी मजलिस में मौलाना गुलजार हुसैन जाफरी तारागढ़ ने खिताब किया। मौलाना मैहदी अब्बास जैदी ने अपने संबोधन में कहा कि हजरत फातिमा जैहरा का जीवन दुनिया की सभी महिलाओं के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जनाब-ए-फातिमा जैहरा के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। कार्यक्रम में मोहम्मद रजा, मोहम्मद अब्बास, नायाब हैदर, मोहम्मद आलम और जौन रिजवी ने मर्सियाखानी की। रईस हैदर और शमशाद हुसैन ने पेश खानी की। पहले दिन की अंतिम मजलिस के बाद काशिफ ककरौलवी ने नोहे खानी की। कार्यक्रम का संचालन मौलाना अहमद रजा जैदी और मीडिया प्रभारी शाही वास्ती ने किया।

बिजनौर में दरगाह-ए-फातिमा जैहरा पर शुरू हुई मजलिस:मौलाना मैहदी अब्बास ने कहा- हजरत फातिमा जैहरा की सीरत है महिलाओं के लिए प्रेरणा
बिजनौर के हल्दौर क्षेत्र स्थित ग्राम छजुपुरा सादात में दरगाह-ए-आलिया हजरत फातिमा जैहरा पर तीन दिवसीय सालाना मजलिस का आयोजन शुरू हुआ। मौलाना सैय्यद अहमद रजा जैदी ने तिलावत-ए-कलाम-ए-पाक से कार्यक्रम का आगाज किया। पहले दिन चार मजलिसों का आयोजन हुआ। पहली मजलिस में मौलाना सय्यद मैहदी अब्बास जैदी ने खिताब दिया। दूसरी मजलिस में मौलाना मोहम्मद अली पटना ने संबोधित किया। तीसरी मजलिस में मौलाना अली रिजवान लखनवी और चौथी मजलिस में मौलाना गुलजार हुसैन जाफरी तारागढ़ ने खिताब किया। मौलाना मैहदी अब्बास जैदी ने अपने संबोधन में कहा कि हजरत फातिमा जैहरा का जीवन दुनिया की सभी महिलाओं के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जनाब-ए-फातिमा जैहरा के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। कार्यक्रम में मोहम्मद रजा, मोहम्मद अब्बास, नायाब हैदर, मोहम्मद आलम और जौन रिजवी ने मर्सियाखानी की। रईस हैदर और शमशाद हुसैन ने पेश खानी की। पहले दिन की अंतिम मजलिस के बाद काशिफ ककरौलवी ने नोहे खानी की। कार्यक्रम का संचालन मौलाना अहमद रजा जैदी और मीडिया प्रभारी शाही वास्ती ने किया।