राजगढ़ के खेल मैदान में संत रामपाल का सत्संग:हजारो अनुयायी शामिल हुए, रक्तदान के साथ 37 देहदान फॉर्म भी भरे गए
राजगढ़ के खेल मैदान में संत रामपाल का सत्संग:हजारो अनुयायी शामिल हुए, रक्तदान के साथ 37 देहदान फॉर्म भी भरे गए
राजगढ़ के खेल मैदान में रविवार को संत रामपाल के सत्संग का एलईडी के माध्यम से सीधा प्रसारण सुनवाया गया। सत्संग में संत रामपाल ने बताया, पवित्र सनातन धर्म के पवित्र सदग्रंथ, पवित्र चारों वेद एवं श्रीमद् भागवत गीता है। उन्होंने बताया कि संपूर्ण मानव समाज को अपने शास्त्रों में उल्लिखित विधि से ही भक्ति साधना करना चाहिए जो भक्ति साधना शास्त्रों से मेल नहीं खाती वह भक्ति साधना मनमाना आचरण होता है। अंध श्रद्धा भक्ति खतरा होती है। उन्होंने सत्संग में बताया कि मनमाने ढंग से की गई भक्ति साधना से ना तो जीवन में सुख मिलता है ना ही मोक्ष प्राप्त होता है। आयोजन के दौरान सत्संग स्थल पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने 37 फॉर्म देह दान के भरे गए एवं 70 यूनिट रक्तदान किया गया। संत रामपाल के अनुयायी संभागीय सेवादार दीपक दास पंथी और सेवादार तुलसीदास बंसीवाल के अनुसार, संत रामपाल महाराज ने जीवन जीने के ये उद्देश्य बताए हैं... सत्संग स्थल पर यह रहे उपस्थित
हरिराम पंथी सरदार बंसीवाल ,दीपेश नामदेव, दीवान सिंह ठाकुर ,अचल दांगी, श्याम दांगी ,जगदीश पंथी, लालाराम ,देवी सिंह महेंद्र दांगी, सुरेश पाटीदार संतोष वर्मा ,शिवनारायण वर्मा ,दिनेश प्रजापति ,महेश वर्मा, प्रेमदास जगदीश दास उमराव दास सीताराम वर्मा जगदीश चौधरी समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
राजगढ़ के खेल मैदान में रविवार को संत रामपाल के सत्संग का एलईडी के माध्यम से सीधा प्रसारण सुनवाया गया। सत्संग में संत रामपाल ने बताया, पवित्र सनातन धर्म के पवित्र सदग्रंथ, पवित्र चारों वेद एवं श्रीमद् भागवत गीता है। उन्होंने बताया कि संपूर्ण मानव समाज को अपने शास्त्रों में उल्लिखित विधि से ही भक्ति साधना करना चाहिए जो भक्ति साधना शास्त्रों से मेल नहीं खाती वह भक्ति साधना मनमाना आचरण होता है। अंध श्रद्धा भक्ति खतरा होती है। उन्होंने सत्संग में बताया कि मनमाने ढंग से की गई भक्ति साधना से ना तो जीवन में सुख मिलता है ना ही मोक्ष प्राप्त होता है। आयोजन के दौरान सत्संग स्थल पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने 37 फॉर्म देह दान के भरे गए एवं 70 यूनिट रक्तदान किया गया। संत रामपाल के अनुयायी संभागीय सेवादार दीपक दास पंथी और सेवादार तुलसीदास बंसीवाल के अनुसार, संत रामपाल महाराज ने जीवन जीने के ये उद्देश्य बताए हैं... सत्संग स्थल पर यह रहे उपस्थित
हरिराम पंथी सरदार बंसीवाल ,दीपेश नामदेव, दीवान सिंह ठाकुर ,अचल दांगी, श्याम दांगी ,जगदीश पंथी, लालाराम ,देवी सिंह महेंद्र दांगी, सुरेश पाटीदार संतोष वर्मा ,शिवनारायण वर्मा ,दिनेश प्रजापति ,महेश वर्मा, प्रेमदास जगदीश दास उमराव दास सीताराम वर्मा जगदीश चौधरी समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।