बेसमेंट में संचालित हो रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठान:बालाघाट में SDM के निर्देश पर नपा ने अब तक नहीं दी जानकारी
बेसमेंट में संचालित हो रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठान:बालाघाट में SDM के निर्देश पर नपा ने अब तक नहीं दी जानकारी
बालाघाट जिले में बेसमेंट में व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे है। जिन्हें कार्यवाही का कोई डर नहीं है। शहर के प्रमुख मार्गो से लेकर अन्य मार्गो पर व्यापारियों ने प्रतिष्ठान गोदाम बना रखे हैं। दरअसल, दिल्ली के बेसमेंट में संचालित कोचिंग में तीन युवकों की मौत के बाद बेसमेंट में कोचिंग और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच और कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद बालाघाट नगर में बेसमेट में संचालित कोचिंग संस्थाओं की जांच कर कार्रवाई की गई। हालांकि, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ जांच नहीं करने के आरोप हैं। इस मामले में प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम ने नगरपालिका से नगरीय क्षेत्र में बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जानकारी मांगी थी, लेकिन महीनों बाद भी नगरपालिका, यह जानकारी उपलब्ध नहीं करवा सकी। जबकि बालाघाट नगरीय क्षेत्र के प्रमुख मार्गो सहित व्यवसायिक क्षेत्रो में बेसमेंट में व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे है। जबकि बेसमेंट को पार्किंग के रूप में अनुमति दी जाती है, लेकिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों ने पार्किंग के बेसमेट में भी दुकानें बनाकर, उसे व्यवसायिक उपयोग के लिए या तो बेच दिया है, या फिर किराए पर दे दिया है। ऐसा नगरीय क्षेत्र के मेनरोड, सर्किट हाउस मार्ग, रेलवे स्टेशन रोड, पुराने राम मंदिर के पास सहित नगर के व्यवसायिक क्षेत्र में देखा जा सकता है। जहां बेसमेंट में व्यवसायिक प्रतिष्ठान है। हालांकि, नगरपालिका, भवन संहिता के तहत निर्माण की अनुमति देती है। जिसने, भवन निर्माण के दौरान बेसमेंट को किस प्रयोजन से है और वर्तमान में इसका उपयोग क्या हो रहा है। इसकी जानकारी नगरपालिका के पास होती है, यही कारण है कि एसडीएम गोपाल सोनी ने पूर्व में नगरपालिका को बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठान को लेकर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन महीनों बाद भी नगरपालिका और बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जानकारी नहीं जुटा सकी है। दूसरी ओर नगरपालिका के जिम्मेदार, इस मामले में जानकारी देने में आनाकानी कर रहे है। एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठान को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हमने दो बार नगरपालिका को बेसमेंट के प्रयोजन की जानकारी के लिए पत्र लिखा है। हालांकि, नगरपालिका ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद फिर हम नगरपालिका को स्मरण पत्र दे रहे है। चूंकि नगरपालिका नियमों के अनुरूप ही भवन संहिता के तहत निर्माण अनुमति दी जाती है। जिससे नगरपालिका को यह शक्ति और अधिकार है कि वह इसकी जांच करें।
बालाघाट जिले में बेसमेंट में व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे है। जिन्हें कार्यवाही का कोई डर नहीं है। शहर के प्रमुख मार्गो से लेकर अन्य मार्गो पर व्यापारियों ने प्रतिष्ठान गोदाम बना रखे हैं। दरअसल, दिल्ली के बेसमेंट में संचालित कोचिंग में तीन युवकों की मौत के बाद बेसमेंट में कोचिंग और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच और कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद बालाघाट नगर में बेसमेट में संचालित कोचिंग संस्थाओं की जांच कर कार्रवाई की गई। हालांकि, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ जांच नहीं करने के आरोप हैं। इस मामले में प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम ने नगरपालिका से नगरीय क्षेत्र में बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जानकारी मांगी थी, लेकिन महीनों बाद भी नगरपालिका, यह जानकारी उपलब्ध नहीं करवा सकी। जबकि बालाघाट नगरीय क्षेत्र के प्रमुख मार्गो सहित व्यवसायिक क्षेत्रो में बेसमेंट में व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे है। जबकि बेसमेंट को पार्किंग के रूप में अनुमति दी जाती है, लेकिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों ने पार्किंग के बेसमेट में भी दुकानें बनाकर, उसे व्यवसायिक उपयोग के लिए या तो बेच दिया है, या फिर किराए पर दे दिया है। ऐसा नगरीय क्षेत्र के मेनरोड, सर्किट हाउस मार्ग, रेलवे स्टेशन रोड, पुराने राम मंदिर के पास सहित नगर के व्यवसायिक क्षेत्र में देखा जा सकता है। जहां बेसमेंट में व्यवसायिक प्रतिष्ठान है। हालांकि, नगरपालिका, भवन संहिता के तहत निर्माण की अनुमति देती है। जिसने, भवन निर्माण के दौरान बेसमेंट को किस प्रयोजन से है और वर्तमान में इसका उपयोग क्या हो रहा है। इसकी जानकारी नगरपालिका के पास होती है, यही कारण है कि एसडीएम गोपाल सोनी ने पूर्व में नगरपालिका को बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठान को लेकर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन महीनों बाद भी नगरपालिका और बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जानकारी नहीं जुटा सकी है। दूसरी ओर नगरपालिका के जिम्मेदार, इस मामले में जानकारी देने में आनाकानी कर रहे है। एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि बेसमेंट में संचालित व्यवसायिक प्रतिष्ठान को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हमने दो बार नगरपालिका को बेसमेंट के प्रयोजन की जानकारी के लिए पत्र लिखा है। हालांकि, नगरपालिका ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद फिर हम नगरपालिका को स्मरण पत्र दे रहे है। चूंकि नगरपालिका नियमों के अनुरूप ही भवन संहिता के तहत निर्माण अनुमति दी जाती है। जिससे नगरपालिका को यह शक्ति और अधिकार है कि वह इसकी जांच करें।