15 मिनट तक ईरानी डेरे पर चले चाकू-तलवार:महिलाएं बोलीं–हमलावरों ने घरों के दरवाजे बंद किए; सोते लोगों पर टूट पड़े; बदला लेने बाल काटे
15 मिनट तक ईरानी डेरे पर चले चाकू-तलवार:महिलाएं बोलीं–हमलावरों ने घरों के दरवाजे बंद किए; सोते लोगों पर टूट पड़े; बदला लेने बाल काटे
नर्मदापुरम के इटारसी में बुधवार तड़के ईरानी डेरे पर 30 से 35 लोगों ने सोते हुए लोगों पर हमला किया। हथियारों से लैस हमलावरों ने 15 से 20 मिनट तक खूनी खेल खेला। इससे पहले, हमलावरों ने सभी घरों के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए। वहां सिर्फ चीख–पुकार सुनाई दे रही थी। हमले में मासूम अली ईरानी (50) की मौत हो गई। उस पर नर्मदापुरम जिले के अलग-अलग थानों में मारपीट, अड़ीबाजी, चोरी, धमकी, एनडीपीएस समेत अन्य अपराधों में 110 केस दर्ज हैं। उसका नाम गुंडा सूची में भी था। वहीं, डेरे के अली रजा, बेनजीर, समीर, वसीम और इमरान गंभीर रूप से घायल हो गए। इमरान और वसीम को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। इसके अलावा, सोहरा बानो, मयूरी, रानी से मारपीट कर सिर के बाल काटे गए हैं। वारदात के बाद दैनिक भास्कर ने डेरे पर जाकर पीड़ित महिलाओं और मृतक के परिवारवालों से बात की। जाना कि आखिर आरोपियों से क्या रंजिश थी? कैसे आरोपियों ने सोते हुए लोगों पर हमला किया? दरवाजा तोड़कर घुसे, फिर चीख-पुकार
इटारसी में पुराने बस स्टैंड के पास और रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर ईरानी डेरा है। यहां करीब 25 परिवार रहते हैं। डेरे पर मासूम अली की बहन सोहरा मिली। सोहरा ने बताया, ‘रात करीब 12 बजे खाना खाकर हम सो गए। भाई मासूम अली अंदर के कमरे में सोया था। रात में पुलिस भी गश्त करती है। रात करीब 2 बजे पुलिस की गाड़ी भी निकली थी। इसके करीब एक घंटे बाद यानी तड़के 3 बजे 30 से 35 लोग आए। हमलावरों ने घर का दरवाजा तोड़ दिया। शोर सुनकर नींद खुल गई। देखा तो किसी के हाथ में बेसबॉल का बैट, किसी के पास लाठी-डंडा, तो किसी के पास तलवार और चाकू थे। धक्का देते हुए अंदर घुस गए। भाई मासूम अली पर बेसबॉल के डंडे से वार किया। सभी को पीटना शुरू कर दिया। मैंने भाई को बचाने की कोशिश भी की। उनके सामने बचने की गुहार लगाते रहे, लेकिन हमलावर लगातार मारते रहे। उन्होंने एक नहीं सुनी। कुछ लोग वीडियो भी बना रहे थे। चाकू से मेरे बाल भी काटे।’ प्लानिंग से आए, 4 घरों पर हमला किया
सोहरा ने बताया, ‘हमारा परिवार डेरे पर आसपास ही रहता है। हमलावर प्लानिंग से आए थे। वे अपनी गाड़ी बस स्टैंड के पास खड़ी करके पैदल आए थे। उन्होंने चार घरों पर हमला किया। सबसे पहले, वे वसीम के यहां पहुंचे थे। यहां वसीम की पत्नी कनीजा फातिमा के साथ मारपीट की। कनीजा गर्भवती है। उसे भी पीटा। इसके बाद हमारे घर हमला किया। यहां मासूम (50), उनकी बेटी मयूरी और मुझ पर (49) पर हमला किया। इसके बाद अब्बास (90) के घर पहुंचे। यहां परिवार की बेनजीर (50) को पीटा। चौथे घर पर भी हमला किया। हम चीखते रहे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। बाद में पता चला कि हमलावरों ने पहले सभी घरों के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए थे, जिससे वे मदद के लिए बाहर नहीं निकल सकें। हमलावरों ने गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी।’ हमारे बाल काटकर कमरे में फेंक दिए
घायल फातिमा ने बताया, ऐसा लगता है कि आरोपियों ने अपमान का बदला लिया है। हमारे धर्म में महिलाओं के बाल काटने से बेइज्जती और अपमान माना जाता है। हमलावरों ने हमारे सिर के बाल तो काटे, वीडियो भी बनाया। यही नहीं, बाल काटकर कमरे में फेंक दिए। हमलावरों ने मारपीट भी की। हमलावरों ने चार महिलाओं के बाल काटे। एक महीने पहले से शुरू हुआ विवाद
मासूम के रिश्तेदार सोहेल अली का कहना है, ‘एक महीने पहले की बात है। इटारसी में डेरे की लड़की नर्मदापुरम के ईरानी डेरे के लड़के के साथ चली गई थी। कुछ दिन बाद जब वे मिले, तब समाज के लोग सेटलमेंट के लिए नर्मदापुरम गए थे। यहां ईरानी समुदाय के लोग आपस में बात कर रहे थे। हम लोग लड़की का संबंध वहां नहीं करना चाह रहे थे। इसी बात को लेकर विवाद हो गया। यहां की महिलाओं ने नर्मदापुरम के खलीफा की चप्पलों से पिटाई कर दी थी। इसका वीडियाे भी बनाया था। इस वीडियो को समाज के सोशल मीडिया ग्रुप में शेयर भी कर दिया था। नर्मदापुरम थाने में काउंटर शिकायत दर्ज है। इसी के बाद से रंजिश चल रही थी। आए दिन धमकी देने लगे। इसकी शिकायत टीआई से लेकर आईजी तक की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।’ पुलिस ने कहा- कोई शिकायत नहीं मिली
इटारसी थाना प्रभारी गौरव सिंह बुंदेला ने बताया कि रंजिश को लेकर डेरे से लिखित में शिकायती आवेदन नहीं मिला है। मौखिक जानकारी दी जाती थी। हालांकि रात में गश्त भी होती थी। रात 2 बजे पुलिस आसपास ही थी। रात 3 बजे हमला हुआ। टीआई ने इससे ज्यादा कुछ बताने से मना कर दिया। उनका कहना है कि आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही कुछ बताएंगे। फिलहाल मामले में मुख्य आरोपी शब्बीर अली समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 1970 में इटारसी आए 55 ईरानी परिवार
इटारसी में ईरानी समुदाय के लोग 1970 में आए थे। 55 परिवारों के 200 लोग पुराना बैल बाजार के पास बस गए। यहीं से कुछ ईरानी परिवार के लोग नर्मदापुरम, पिपरिया जाकर बसे। आमतौर पर ये लोग गांजा और चरस का काम करते हैं, लेकिन लोगों की नजरों में यह चश्मा बेचना दिखाते हैं। हमले के बाद की 3 तस्वीरें देखिए... यह खबर भी पढ़ें- ईरानी महिलाओं से मारपीट, बाल काटे नर्मदापुरम के इटारसी शहर में ईरानी डेरे पर बुधवार तड़के 3 बजे कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावर हथियार लेकर पहुंचे। हमले में एक की मौत हो गई। पांच लोग गंभीर घायल हुए हैं। हमलावरों ने महिलाओं से मारपीट करते हुए उनके बाल काट दिए। पढ़ें पूरी खबर
नर्मदापुरम के इटारसी में बुधवार तड़के ईरानी डेरे पर 30 से 35 लोगों ने सोते हुए लोगों पर हमला किया। हथियारों से लैस हमलावरों ने 15 से 20 मिनट तक खूनी खेल खेला। इससे पहले, हमलावरों ने सभी घरों के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए। वहां सिर्फ चीख–पुकार सुनाई दे रही थी। हमले में मासूम अली ईरानी (50) की मौत हो गई। उस पर नर्मदापुरम जिले के अलग-अलग थानों में मारपीट, अड़ीबाजी, चोरी, धमकी, एनडीपीएस समेत अन्य अपराधों में 110 केस दर्ज हैं। उसका नाम गुंडा सूची में भी था। वहीं, डेरे के अली रजा, बेनजीर, समीर, वसीम और इमरान गंभीर रूप से घायल हो गए। इमरान और वसीम को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। इसके अलावा, सोहरा बानो, मयूरी, रानी से मारपीट कर सिर के बाल काटे गए हैं। वारदात के बाद दैनिक भास्कर ने डेरे पर जाकर पीड़ित महिलाओं और मृतक के परिवारवालों से बात की। जाना कि आखिर आरोपियों से क्या रंजिश थी? कैसे आरोपियों ने सोते हुए लोगों पर हमला किया? दरवाजा तोड़कर घुसे, फिर चीख-पुकार
इटारसी में पुराने बस स्टैंड के पास और रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर ईरानी डेरा है। यहां करीब 25 परिवार रहते हैं। डेरे पर मासूम अली की बहन सोहरा मिली। सोहरा ने बताया, ‘रात करीब 12 बजे खाना खाकर हम सो गए। भाई मासूम अली अंदर के कमरे में सोया था। रात में पुलिस भी गश्त करती है। रात करीब 2 बजे पुलिस की गाड़ी भी निकली थी। इसके करीब एक घंटे बाद यानी तड़के 3 बजे 30 से 35 लोग आए। हमलावरों ने घर का दरवाजा तोड़ दिया। शोर सुनकर नींद खुल गई। देखा तो किसी के हाथ में बेसबॉल का बैट, किसी के पास लाठी-डंडा, तो किसी के पास तलवार और चाकू थे। धक्का देते हुए अंदर घुस गए। भाई मासूम अली पर बेसबॉल के डंडे से वार किया। सभी को पीटना शुरू कर दिया। मैंने भाई को बचाने की कोशिश भी की। उनके सामने बचने की गुहार लगाते रहे, लेकिन हमलावर लगातार मारते रहे। उन्होंने एक नहीं सुनी। कुछ लोग वीडियो भी बना रहे थे। चाकू से मेरे बाल भी काटे।’ प्लानिंग से आए, 4 घरों पर हमला किया
सोहरा ने बताया, ‘हमारा परिवार डेरे पर आसपास ही रहता है। हमलावर प्लानिंग से आए थे। वे अपनी गाड़ी बस स्टैंड के पास खड़ी करके पैदल आए थे। उन्होंने चार घरों पर हमला किया। सबसे पहले, वे वसीम के यहां पहुंचे थे। यहां वसीम की पत्नी कनीजा फातिमा के साथ मारपीट की। कनीजा गर्भवती है। उसे भी पीटा। इसके बाद हमारे घर हमला किया। यहां मासूम (50), उनकी बेटी मयूरी और मुझ पर (49) पर हमला किया। इसके बाद अब्बास (90) के घर पहुंचे। यहां परिवार की बेनजीर (50) को पीटा। चौथे घर पर भी हमला किया। हम चीखते रहे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। बाद में पता चला कि हमलावरों ने पहले सभी घरों के दरवाजे बाहर से बंद कर दिए थे, जिससे वे मदद के लिए बाहर नहीं निकल सकें। हमलावरों ने गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी।’ हमारे बाल काटकर कमरे में फेंक दिए
घायल फातिमा ने बताया, ऐसा लगता है कि आरोपियों ने अपमान का बदला लिया है। हमारे धर्म में महिलाओं के बाल काटने से बेइज्जती और अपमान माना जाता है। हमलावरों ने हमारे सिर के बाल तो काटे, वीडियो भी बनाया। यही नहीं, बाल काटकर कमरे में फेंक दिए। हमलावरों ने मारपीट भी की। हमलावरों ने चार महिलाओं के बाल काटे। एक महीने पहले से शुरू हुआ विवाद
मासूम के रिश्तेदार सोहेल अली का कहना है, ‘एक महीने पहले की बात है। इटारसी में डेरे की लड़की नर्मदापुरम के ईरानी डेरे के लड़के के साथ चली गई थी। कुछ दिन बाद जब वे मिले, तब समाज के लोग सेटलमेंट के लिए नर्मदापुरम गए थे। यहां ईरानी समुदाय के लोग आपस में बात कर रहे थे। हम लोग लड़की का संबंध वहां नहीं करना चाह रहे थे। इसी बात को लेकर विवाद हो गया। यहां की महिलाओं ने नर्मदापुरम के खलीफा की चप्पलों से पिटाई कर दी थी। इसका वीडियाे भी बनाया था। इस वीडियो को समाज के सोशल मीडिया ग्रुप में शेयर भी कर दिया था। नर्मदापुरम थाने में काउंटर शिकायत दर्ज है। इसी के बाद से रंजिश चल रही थी। आए दिन धमकी देने लगे। इसकी शिकायत टीआई से लेकर आईजी तक की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।’ पुलिस ने कहा- कोई शिकायत नहीं मिली
इटारसी थाना प्रभारी गौरव सिंह बुंदेला ने बताया कि रंजिश को लेकर डेरे से लिखित में शिकायती आवेदन नहीं मिला है। मौखिक जानकारी दी जाती थी। हालांकि रात में गश्त भी होती थी। रात 2 बजे पुलिस आसपास ही थी। रात 3 बजे हमला हुआ। टीआई ने इससे ज्यादा कुछ बताने से मना कर दिया। उनका कहना है कि आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही कुछ बताएंगे। फिलहाल मामले में मुख्य आरोपी शब्बीर अली समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 1970 में इटारसी आए 55 ईरानी परिवार
इटारसी में ईरानी समुदाय के लोग 1970 में आए थे। 55 परिवारों के 200 लोग पुराना बैल बाजार के पास बस गए। यहीं से कुछ ईरानी परिवार के लोग नर्मदापुरम, पिपरिया जाकर बसे। आमतौर पर ये लोग गांजा और चरस का काम करते हैं, लेकिन लोगों की नजरों में यह चश्मा बेचना दिखाते हैं। हमले के बाद की 3 तस्वीरें देखिए... यह खबर भी पढ़ें- ईरानी महिलाओं से मारपीट, बाल काटे नर्मदापुरम के इटारसी शहर में ईरानी डेरे पर बुधवार तड़के 3 बजे कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावर हथियार लेकर पहुंचे। हमले में एक की मौत हो गई। पांच लोग गंभीर घायल हुए हैं। हमलावरों ने महिलाओं से मारपीट करते हुए उनके बाल काट दिए। पढ़ें पूरी खबर